________________ Shrif lain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri setendir **** * कम् // पट्टीशायुधधरंदेवपुंडरीकाअमेवच // 9 // हृषीकेशंचवामाङ्गेवारयेच्चतुरं गुलम् // चतुर्मुद्रधरंदेवंविद्युबर्णवर्चसम् // 30 // पृष्ठेतुपद्मनाभंचधारयेच्चतुरंगु लम्॥ सर्वायुधधरंदेवंसहस्रादित्यसन्निभम् // 11 // दामोदरंकंठपृष्ठेधारयेच्तु रंगुलम् // चतुःपाशधरंदेवमिंद्रगोपसमप्रभम्॥१२॥करप्रक्षाल्यतोयेनवासुदेवे / / तिमुर्द्धनि // स्पर्शेत्सर्वाणिपुंड्राणितत्तन्मत्रैःपृथक्पृथक् // 13 // ॥इतिऊर्ध्व / पुधारयेत् // ततस्तन्मध्येश्रियंधारयेत् // तथाचईश्वरसंहितायाम् // विष्णुदेहपरामृष्टयश्चूर्णशिरसावहेत्॥सोऽश्वमेधफलंप्राप्यविष्णुलोकेमहीयते 1 // विष्ण्वर्पितंचक्रबाणंहरिद्राचूर्णमुत्तमम् // लक्ष्मीनिवाससिद्ध्यर्थदीपा कारंसुशोभितम् // 2 // हरिद्रेणतुचूर्णेनकुंकुमेनसुगंधिना // ऊर्ध्वपुंड्रस्यमध्येतु लक्ष्मीस्थानंप्रकल्पयेत् // 3 // ऊर्ध्वपुंड्रस्यमध्येतुरजनीचूर्णमुत्तमम् ॥लक्ष्मीरू ** * **孝 For Private And Personal