________________ Shri Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri indir रा.प. www.kobert.org ललाटांतेलिखेन्मृदम् // नासिकायास्त्रयोभागानासामूलमितिस्मृतम् // 11 // au मरीचिराह // // चतुरंगुलमूर्वाग्रयंगुलंविस्तृतंतथा // द्विजःपुंड्रमजूं सौम्यसांतरालंतुधारयेत् // 12 // चंगुलंत्र्यंगुलंवापिमध्येछिद्रंप्रकल्पयेत्॥ यंगुलंपार्श्वमेकंतुऊर्द्रपुंड्रस्यलक्षणम् ॥१३॥शांतिदानामिकाप्रोक्तामध्यमायुः करीभवेत्।।अंगुष्ठापुष्टिदाप्रोक्तातर्जनीमोक्षदायिनी॥१४॥इतिपुंड्धारणविधिः॥ aln अथउईपुंड्धारणं // तत्रतिलकायद्रव्यंतारपुटितंरामेतिबीजविलि ख्यमूलमंत्रेणदशवारंअभि मंत्र्य मूर्तिपंजरेणवामूलेनद्वादशतिलकान / विधाया।तथाहि पद्मपुराणे। ललाटेकेशवंध्यायेन्नारायणमथोदगावक्षस्थ लेमाधवंचगोविंदकंठकूबरो॥३॥विष्णुंचदक्षिणेकुक्षौतहाहौमधुसूदनम्॥त्रिविक्र / मकंधरायांवामनंवामपार्श्वके // 2 // श्रीधरंवामबाहौचहषीकेशंतुकंधरे // पृष्ठे For Private And Personal -