________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gragmandir ataya Shri Kaisage भवति // // इतिश्रुतिप्रथमसंस्कारः॥१॥ धृतोर्ध्वपुडूंचक्रधारीविष्णु परंध्यायति // योमहात्मास्वरेणमंत्रेणसदाहदिस्थितंपरात्परंसयातिमहतोमही यान् // इतिश्रुतिद्वितीयसंस्कारः॥ // 2 // पशुपुत्रादिकान्सर्वानगृहोप / करणानिच // अंकयेच्छंखचक्राभ्यांनामकुर्याच्चवैष्णवं // इतिश्रुतिस्मृतित तीयसंस्कारः॥३॥ ॥ॐ रांरामायनमःइतिमंत्रम् // ॥अथर्ववेदेराम तापनीयोपनिषदिचतुर्थसंस्कारः॥४॥ शंखचक्रधरोविद्वान्मालांतुलसि / / जांधृतः॥ सजीवन्मुक्तः॥ इतिश्रुतिपंचमसंस्कारः॥५॥ // तथाचागमे // पुंड्मुद्रातथानाममंत्रोयागश्चपंचम।अमीहिपंचसंस्काराः परमैकांतहेतवः॥६॥ इतिपंचसंस्कारसंस्कृतोयः सवैष्णवःनान्यथेतिभावः // सरामस्यदासोभवति / दासोहमस्मियोयंस्मरेत्सतद्रूपोभवति // कीटश्रृंगन्यायेनस्वस्वरूपस्मरणात्।। For Private And Personal -