________________ Shri Marevi Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri pendir *茶**** पागृहीतविलसन्मंत्राधिपोद्भास्करः॥ हेत्वंतेष्टफलप्रदायकगुरोहेविठ्ठलेशार्चित / बौधायनसंमतानुगपरंजा०॥५॥ इतिरामानुजपंचकं // ॥अथरामानुजम पत्तिः॥ // श्रीकांतदिव्यपदपंकजसक्तचित्तश्रीकारिसनुचरणांबुजश्रृंगराज // श्रीवत्सचिन्हगुरुमानसराजहंसरामानुजार्यचरणौशरणंप्रपद्ये॥॥ नाथार्यया मुनमुनींद्रकृपाकटाक्षसंलब्धबोधसकलश्रुतिमौलिवेद्य // पूर्णार्यवर्यकरुणार्पित मंत्ररत्नरामा०॥२॥ श्रीरंगशेषगिरिवारणशैलनाथपादारविंदपरमानुभवैकशी ल॥वेदांतयुग्मविशदीकरणैकधुर्यरामा०॥३॥डिल्लीशनीतमुपनीयतदीयकन्यां सन्माननेनपुनरागतयादवाद्रिम्॥संपत्कुमारमभिषिक्तवतस्तवेमौरामा० // 4 // तुंडीरभूमिपतिसात्कृतशंखचक्रशेषाचलाधिपतयेकिलतेवतीयालोकैकनाथगुरु भावमुपयुषस्तेरामा०॥९॥कांचीभवःकतिपयंसमयेनदृष्टकालेनदृष्टपथमेतिपुन ******於***染器器举器 For Private And Personal