________________ Shri Mata Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuriyetonindir सर्वचेतनरक्षार्थमवतीर्णोदयानिधिः // 7 // तस्मादयंलक्ष्मणदेशिकेंद्रःसाक्षा रिर्लोकगुरुर्महात्मा // तस्यैवसंबंधबलेनतेनमोक्षोहिसिद्धोनिखिलात्मताना म् // 8 // एनंशेषांशसंभूतंरामानुजमुर्निविना // नान्यःपुमान्समर्थस्स्यान्मज न्मेदंनिवारितुम् // 9 // तस्माद्यतींद्रसामर्थ्यमीश्वरस्यापिनास्तिहि // यतोय तींद्रसंबंधात्पापात्माह्यपिमुक्तिभाक् // 10 // ॥प्रपन्नामृते // // पाषंडबौ चार्वाकैस्त्रयीधर्मेविलोपिते॥दत्तात्रेयस्वरूपेणलोकेपाषंडसंकुले // 11 // त्रिदंडधारिणापूर्वविष्णुनारक्षितात्रयी॥ विष्णोस्तुपार्षदास्त्वद्यशेषशेषाशनादा यः॥१२॥अवतीर्णास्तुतेक्षित्यांदत्तात्रेयादयोयथा // स्वेच्छाविहारिणस्ते चनकर्मवशवर्तिनः // 13 // इतिगुरुपूजा॥ ॥तथाच पंचरत्नधाटी॥॥पा पंडद्रुमखंडदावदहनश्चार्वाकशैलाशनिबौद्धध्वांतनिरासवासरपति नेमकंठीर For Private And Personal