________________ Shri Marirain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri V andir रा.प. चवैष्णवम् ॥शुद्धसत्वगुणोपेतंनवज्याकमकारकम् // 1 // सत्संप्रदायसंयुक्तंच मंत्ररत्नादिकोविदम् // ज्ञानवैराग्यसंपन्नंवेदवेदांतपारगम् // 2 // आलोक्य सर्वशास्त्राणिपुराणानिचवैष्णवः॥तदर्थमाचरेद्यस्तुसआचार्यइतिस्मृतः॥३॥ वाल्मीकीयेसुंदरकांडेटीकायां॥ ॥आचार्योवेदसंपन्नोविष्णुभक्तोविमत्सरः मंत्रज्ञोमंत्रभक्तश्चसदामंत्राशयःशुचिः॥४॥ गुरुभक्तिसमायुक्तः पुराणज्ञोवि शेषतः॥एवंलक्षणसंपन्नोगुरुरित्यभिधीयते॥५॥ ॥वासिष्ठस्मृतौ // // जितेंद्रियाशुभाचारान्सत्वस्थान्सर्वलक्षणान् // श्रुतिस्मृतिपुराणार्थबिदुषोदं / भवर्जितान् // 6 // // बृहन्नारदीये॥ // मंत्रदातानचगुरुर्नचमंत्रार्थवाच कः॥मंत्रमंत्रार्थतत्वज्ञोगुरुरित्यभिधीयते ॥७॥इतिगुरुलक्षणं॥ ॥अथगुरु माहात्म्यं तथाचश्रुतिः॥ ॥आचार्यवान्पुरुषोवेदेतिच्छंदोगाः॥१॥ यस्य 5 For Private And Personal