________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyappapdir 部落等等杀杀杀杀杀杀杀器容器然 मधुपर्क // // पंचामृतमयानीतंपयोदधिघृतंमधु // सशर्करंतथादत्तंरामत्वंप्र तिगृह्यताम् // 28 // इतिपंचामृतं // // ब्रह्मांडोदरमध्यस्थैस्तीथैश्चरघुनंद न॥स्नापयिष्याम्यहंभक्त्यासंगृहाणजनाईन ॥२९॥॥इतिस्त्रान॥ // संत / सकांचनप्रख्यंपीतांबरमिदंहसंगृहाणजगन्नाथरामचंद्रनमोस्तुते॥३०॥ इति / वस्त्रं ॥॥श्रीरामाच्युतयज्ञेशश्रीधरानन्तराघव // ब्रह्मसूत्रंचोत्तरीयंगृहाणर घुनायक // 31 // इतियज्ञोपवीतं // // किरीटहारकेयूररत्नकुंडलमेखलाः // अवेयकौस्तुभोरस्कंरत्नकंकणनपुराः // 32 // एवमादीनिसर्वाणिभूषणानिन् पोत्तम ॥अहंदास्यामिसद्भक्त्यासंगृहाणजनाईन॥३३॥इत्याभूषण।प्रधान देवनीयश्चसर्वमांगल्यकर्मणि|प्रगृह्यतांदीनबंधोगंधोयंमंगलप्रद३४इतिगंध कुंकुमागरुकस्तूरीकर्पूरोन्मिश्रचंदनम् // तुभ्यंदास्यामिविश्वेशश्रीरामस्वीकुरुप 採祭器杂杂杂杂杂杂杂杂杂路路路路路路路路路路路 For Private And Personal