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नजरियाना
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नजरियाना - अ० क्रि० (दे०) बुरी दृष्टि
लगना, नज़र लगाना ।
मजला - संज्ञा, पु० (०) जुकाम, सरदी, श्लेष्मा (सं० ) ।
नज़ाकत - संज्ञा, स्त्री० ( फ़ा० ) कोमलता, सुकुमारता । "सब नज़ाकत एक तरफ फ़ज़ी नज़ाकत देखिये । "
नजात - संज्ञा, स्त्री० ( ० ) मोत, मुक्ति, रिहाई, छुटकारा, छुट्टी। मुहा० (काम से) नजात पाना -- (किसी से ) छुट्टी पाना । नज़ारा - संज्ञा, पु० ( प्र०) दृष्टि, दृश्य, प्यारे को प्रेम की दृष्टि से देखना । "मारा दिलदार
'जादू का नज़ारा मारा" - स्फुट० । नजिकाना, नजकाना (ग्रा० ) *+ - स०क्रि० दे० (हि० नजीक, नजदीक + आना - प्रत्य० ) समीप, निकट या पास पहुँचना, नचकाना । नजीक / - क्रि० वि० दे० ( फा० नज़दीक ) समीप, निकट, नगीच (प्रा० ) । नज़ीर - संज्ञा, त्रो० ( ० ) दृष्टांत, मिसाल |
उदाहरण,
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नजूम - संज्ञा, पु० (प्र०) ज्योतिष विद्या । नजूमी -संज्ञा, पु० ( ० ) ज्योतिषी । नजूल - संज्ञा, पु० (अ० ) क़स्बे या शहर की वह भूमि जो सरकार के अधिकार में हो । नट - संज्ञा, पु० (सं०) नाटक करने या खेल दिखाने वाला, नाव्य-कला- निपुण, नाचने चाला, कसरती । " इत उत तें चित दुहुन के, नट लौं आवत जात" – वि० । एक राजा । नटई |-- संज्ञा, स्त्री० (दे०) गरदन, गला, घाँटी, टेटुवा, गटई (ग्रा० ) ।
नटखट - वि० दे० (हि० नट + खट अनु० ) उत्पाती, उपद्रवी, उधमी, चंचल । नटखटी- संज्ञा, स्त्री० (हि० नटखट) उपद्रव, ऊधम, बदमाशी ।
नटता- संज्ञा, स्त्री० (सं०) नटत्व, नट का भाव ।
मटना - ० क्रि० दे० ( सं० नट् ) नटत्व या नाट्य करना, नाचना, (ब्र०) कह कर बदल
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नठना, नठाना
जाना, इन्कार करना, मुकुरना ( ब्र० ) । स० क्रि० दे० (सं० नष्ट) नष्ट करना । अ० क्रि० (दे०) नष्ट होना । " सौंह करै भौंहनि हँसे,
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(सं०) सम्पूर्ण शिव ।
देन कहै, नटि जाय” – वि० । नटनारायण – संज्ञा, पु० यौ० जाति का एक राग (संगी०), कृष्णा, नटनागर --- संज्ञा, पु० यौ० (सं०) श्री कृष्ण । ननि * -- संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० नर्तन) नाच, नृत्य | संज्ञा, स्त्री० ० ( हि० नटना) इन्कार या अस्वीकार करना |
नटनी - संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० नट + नी - प्रत्य०) नट की या नट जाति की स्त्री । नरमायासंज्ञा, स्त्री० (सं०) छल - विद्या, इन्द्रजाल । नटवना - स० क्रि० दे० ( सं० नट ) नाव्य या अभिनय करना । 'एक ग्वालि नटवति बहु लीला " - सूर० । नटवर - संज्ञा, पु० यौ० (सं०) नाट्य कला में निपुण श्री कृष्णा । वि० बहुत चतुर, चालाक । नटसार संज्ञा स्त्री० दे० यौ० ( सं० नाट्यशाला ) नटसाला, नटसारा (दे० ) नाट्यशाला, वह स्थान जहाँ नाट्य हो । नटसारी -- संज्ञा, स्त्री० (दे०) नटबाजी | "जेहि नटवै नटसारी साजी " -कबी० । छोटी
नाट्यशाला ।
नटसाल - संज्ञा स्त्री० (दे०) फाँस या काँटे का वह भाग जो टूट कर शरीर के भीतर रह जाता है, तीर की गाँसी, कसक । नटिन, नटिनो -संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० नट ) नट की या नट जाति की स्त्री, नटनिया । नटी - संज्ञा, स्त्री० (सं०) नट जाति या नट की स्त्री, नाचने या नाटक करने वाली । नटुआ नटुवा | संज्ञा, पु० दे० (सं० नट ) नट, नटई, चंचल बालक । " करत ढिठाई माई नन्द जू को नटुवा " - स्फुट० । नटेश्वर - संज्ञा, पु० यौ० (सं०) शिवजी, नट
नागर, नटराज, नटराज राज, नटराय । नठना, नठाना - अ० क्रि० दे० (सं० नष्ट) नष्ट होना । स० क्रि० (दे०) नष्ट करना ।
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