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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दोजा दोमहला-दुमहला दोजा- संज्ञा, पु० दे० (हि. दो + सं०जाया) दोनिया दानी-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. दोना जिसके दो व्याह हुए हों दुजहा. दुइजहा का स्त्री० अल्पा० ) छोटा दोना, दोनैय्या (ग्रा.)। (ग्रा.) दोजिया-दोजीवा-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. दोनों-वि० दे० (हि. दो+नों-प्रत्य० ) दो+जीव ) द्विजीवा (सं०) दो जीव वाली, उभय, दोऊ । गर्भवती । मुहा० .-दोती से होना- दापलिया--वि०, संज्ञा, स्त्रो० दे० यौ. गर्भवती या गर्भिणी होना। (हि० दा + पल्ला+इया--प्रत्य०) दो पल्ले दोझा, दुजहा दुइजहा (ग्रा.)--संज्ञा, पु. वाली, जैसे दो पलिया टोपी, दुपलिया (ग्रा.)। (दे०) दूसरा वर, दो विवाह करने वाला, दोपल्नी ---वि० (हि. दो+पल्ला -ईदूसरे व्याह का वर। प्रेत्य० ) दो पल्ले वाली, जैसे दोपल्ली, टोपी दोतरफा-वि० यौ० (फ़ा०) दोनों ओर या दुपल्ली (प्रा.)। पक्ष-सम्बन्धी, दोनों तरफ़ का। क्रि० वि० यौ० दोनों तरफ या भोर । दोपहर-संज्ञा, स्त्री० दे० यौ० (हि.) मध्याह्न काल, दुपहरी ग्रा०)। दोतला-दोतल्ता-- वि० दे० यौ० ( हि० दो दोपहरिया-संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० दोपहर) +तल ) दो खंड का, दो मञ्जिला, दो तले दोपहर, मध्यान्ह काल । संज्ञा, पु० (दे०) का (जूता )। दोपहर को फूलने वाला फूल, दुपहरिया दोतारा-संज्ञा, पु० दे० यौ० (हि. दो+ (ग्रा० )। तार ) दो तारों का बाजा। दोपिठा, दोपीठा-वि० ( हि० दा + पीठ ) दोदना-स० क्रि० दे० (हि. दो =दोहराना) । दोरुखा, दोनों ओर तुल्य रूप-रंग वाला। प्रत्यक्ष बात को न मानना इन्कार करना। दोसली- वि० यौ० (हि. दो-|-फसल अ.) दोधक-संज्ञा, पु० (सं०) एक छंद। वह प्रदेश जहाँ दोनों फसलें-खरीफ, रबी दोधारा-वि० दे० यौ० (हि. दो+धार ) होती हों, जो दोनों फसलों में होता हो, दुधारा । संज्ञा, पु. (दे०) एक भाँति का | दोनों पक्षों में सम्मिलित, जो दोहरी बात थूहर । स्त्री. दोधारी। कहता हो। दोधूयमान-वि० (सं०) बारम्बार काँपता दोबर-वि० दे० ( हि० या सं० दुर्वल) दूबर हुश्रा, पुनः पुनः कंपनशील, सदा हिलनेवाला। (ग्रा०) दुबला, पतला, दोतह, दोबार। दोन-संज्ञा, पु० दे० (हि. दो ) दो पर्वतों दोबल-संज्ञा, पु० (दे०) दोष, अपराध । के मध्य की नीची भूमि । संज्ञा, पु० दे० | दोबारा-क्रि० वि० यौ० ( फा०) दुबारा (हि० दो - नद् ) दो नदियों की मध्यवर्ती (दे०), दूसरी दफ़ा या बार। भूमि, दोश्राब, संगम-स्थान, दो वस्तुओं दोबे-संज्ञा, पु० दे० (सं० द्विवेदी) दुबे, का मेल या जोड़। द्विवेदी, दुइबे, दो बार। दोनला-वि० दे० यौ० (हि. दो+नल) द्विभाखिया-संज्ञा, पु. यौ० (हि. दुभाषिया) जिस वस्तु में दो नल हों, दो नाली बन्दूक। दो भाषाओं का वक्ता या ज्ञाता, दुभाषी, दोना-संज्ञा, पु० दे० (सं० द्रोण ) पेड़ के | दुभाषिया (दे०)। पत्तों से बना कटोरा, दोनवा, दोनौवा दो मंजिला-वि० यौ० (फ़ा०) दुखंडा, दो (ग्रा.) । स्त्री० दोनी. दोनिया। खण्डा घर। दोनाली-- संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. दो+नल) दोमहला-दुमहला-वि० दे० यौ० (फ़ा०) दो नलों वाली बन्दुक, दोनली, दुनालो। दो मञ्जिला, दो खण्डा घर । For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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