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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org दुरंत ६१४ 66 लो० । स्त्री० (दे०) दोनों पक्षों की बात कहना | दुनिया दुरंगी मकारा सराँय " - दुरंत - वि० (सं०) कठिन, दुस्तर, दुर्गम, भयंकर, घोर, प्रचंड, जिसका अंत बुरा हो, " घरे श्रृंखला दुःख हैं | अशुभ, दुष्ट, दुरंतै" - राम० । दुरंधा - वि० दे० यौ० (सं० द्विरंध ) दो छेदों वाला । दुर - प्रव्य० या उप० (सं०) यह बुरे, निषेध आदि का द्योतक है जैसे- दुर्बुद्धि, दुस्थिति । दुर :- भव्य० या उप० (हि० दूर ) अपमान के साथ किसी के हटाने का शब्द, दूर हो, दूर जा। मुहा०—दुर दुर करना - अनादर से हटाना, कुत्ते के समान भगाना | संज्ञा, पु० (फा०) मौक्तिक, मुक्ता, मोती । दुरजन - संज्ञा, पु० दे० (सं० दुर्जन) दुष्ट, खल, शत्रु । संज्ञा, स्त्रो० दुरजनता । "सुख सज्जन के मिलन को, दुरजन मिले जनाय | " -- वृन्द० । दुरजोधन --- संज्ञा, पु० दे० (सं० दुर्योधन ) धृतराष्ट्र का सबसे बड़ा पुत्र । " कुछ जानत जल-थम्भ-बिधि, दुरजोधन लौं लाल" - वि० दुरतिक्रम - वि० (स० ) जिसका प्रति क्रमण या उलंघन न हो सके, जिसका पार करना कठिन हो, अपार । दुरथल - संज्ञा, पु० ( सं० दुरस्थल ) गंदी और बुरी जगह । "दुरथल जैयै भागि वह " - रही० । दुरद - संज्ञा, पु० दे० (सं० द्विरद) हाथी । दुरदाम - वि० दे० (सं० दुर्दम ) जो कष्टसाध्य हो । दुरदाल * - संज्ञा, पु० दे० (सं० द्विरद) हाथी | दुरदिन - संज्ञा, पु० (सं० दुर्दिन ) बुरा समय, बुरा वक्त " दुरदिन परे रहीम कर दुरदुराना - स० क्रि० दे० (हि० दुरदुर) अनादर के साथ हटाना या दूर करना, कुत्ते को भगाना । , 1 Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दुराज दुरना/- 8- प्र० क्रि० दे० (हि० दूर) छिपना, लुकना । "दौरि दुरे हम संग दोऊ” – मति० ॥ दुरपदी | संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० द्रौपदी ) द्रौपदी । दुरबल - वि० दे० (सं० दुर्बल) कमजोर, निर्बल | दुरबार - वि० दे० (सं० दुर्बार) अटल । दुरभिसंधि - संज्ञा, खो० यौ० (सं० ) बुरे भाव से मेल या एका करना । दुरभेव - संज्ञा, पु० दे० (सं० दुर्भाव या दुर्भेद) बुरा अभिप्राय या भाव, मनोमालिन्य, मन-मोटाव | दुरमुख - वि० दे० (सं० दुर्मुख ) कटुवादी । दुरमुट - संज्ञा, पु० दे० ( सं० दुर+मुख = कुटना ) दुरमुट, जिससे कंकर की सड़क कूटी जाती है । दुरलभ - वि० दे० (सं० दुर्लभ ) अलभ्य, दुष्प्राप्य । .. दुरवस्था - संज्ञा, स्त्री० (सं० ) बुरी अवस्था या दशा, दुख-दरिद्र की दशा, हीनावस्था । दुराउ-दुराव' -संज्ञा, पु० दे० (हि० दूर ) छिपाव, लुकाव, भेद, बिलगाव । तुम सन कौन दुराउ" - - रामा० । दुरवेश – संज्ञा, पु० ( फ़ा० दुरवेश ) फ़क़ीर, साधु, मँगता, दरवेश | दुरागमन - संज्ञा, पु० द० यौ० (सं० द्विरागमन) गौना । दुराग्रह - संज्ञा, पु० (सं०) हठ, बुरी हठ या जिद, अपना पक्ष सिद्ध होने पर भी उसी पर डटे रहना । वि० दुराग्रही । दुराचरण -- संज्ञा, पु० (सं०) बुरा चाल-चलन या व्यवहार । दुराचार - संज्ञा, पु० (सं०) बुरा श्राचरण या चाल-चलन । वि० दुराचारी - स्त्री० दुराचारिणी । दुराज - संज्ञा, पु० दे० (सं० दुर् + राज्य ) बुरा राज्य | संज्ञा, पु० दे० (हि० दो + राज्य दो राजों का राज्य । दुसह दुराज प्रजान को, क्यों न बढ़ें दुख-दंद" -- वि० । CC For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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