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दायक ८६३
दारिका स्त्री० (दे०) बराबरी, तुल्यता। संज्ञा, पु० दायी-संज्ञा, पु० (सं०) दाता, देने वाला। (सं०) किसी के देने का धन, दायजा या | स्त्री० दायिका। दान में दिया धन, मृतक का धन । यौ० दायें-क्रि० वि० दे० (हि. दायाँ दाहिने दाय भाग । संज्ञा, पु० (सं०) वन, वन की ओर । (विलो. बाँये) मुहा०-दाँये लेना आग, आग।
(होना)-अनुकूल या प्रसन्न होना। दायक-संज्ञा, पु० सं०) दाता, देनेवाला, दार, दारा-संज्ञा, स्त्री० (सं० । स्त्री, भार्या, (यौ० में)। (स्रो० दायिका)।
पत्नी, औरत | संज्ञा, पु० दे० सं० (दारु) दायज-दायजा-संज्ञा, पु० दे० ( सं० दाय ), लकड़ी, दाल, देवदारु, बढ़ई। प्रत्य० (फा०)
दहेज, यौतक, ना. दहजा (ग्रा.)। रखनेवाला, जैसे-मालदार । दायभाग-संज्ञा, पु० यौ० सं०) बाप के धन , दारक-संज्ञा, पु. (सं०) लड़का, बच्चा, पुन,
का हिस्सा. पुरुषों के धन की व्यवस्था। बेटा । स्त्री० दारिका। दायमुलहन्स-संज्ञा, पु० (अ०) काले पानी दार कर्म-संज्ञा, पु. यौ० (सं०) विवाह, का दंड आजीवन बंदी।
ब्याह । “असपिंडातु या मातुः असगोत्रातु दायर - वि० (फ़ा०) चलता फिरता, जारी । या पितुः" । सा प्रशस्ता द्विजातीनाम् दारमुहा०-दायर करना--मुक़दमा चलाने | कर्मणि मैथुने''।-मनु०। के लिये पेश करना।
दार चीनी-संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं० दारू+ दायरा-संज्ञा, पु. (अ०) मंडल, कुंडल, चीन-दे० ) जायफल के पेड़ की छाल, गोला घेरा. वृत।
दालचीनो। दायाँ, दाँये-- वि० दे० (हि. दाहिना) दाहिना। | दारण, दारन--संज्ञा, पु० दे० (सं०) चीड़(विलो०बाँयाँ) यौ० दाया बाँया । मुहा०
फाड़. चीरने फाड़ने का हथियार या कार्य । -दाया-बाँया जानना - भला-बुरा न
_ वि. दारित, दारणीय । जानना । "दाहिन बाम न जानौ काऊ"। दारद-संज्ञा, पु० (सं०) पारा, हिंगुल, विष । दाया*-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० दया ) कपा. दारना--सक्रि० दे० (सं० दारणा) चीरना, करुणा । “जायै राम करहु तुम दाया"
| फाड़ना, नष्ट करना। रामा। संबा. सी. (
कालाई पाई। | दारपरिग्रह-संज्ञा, पु. यौ० (सं०) ब्याह, दायाद-वि० पु. (सं०) दाय भागी. जिसे
विवाह । किसी के धन में भाग मिले । संज्ञा, पु.
दार-मदार---संज्ञा. पु. ( फा० ) भरोसा,
विश्वास, श्राश्रय, अवलम्ब, प्राधार । (सं०) हिस्सेदार, भागी, जैसे पुत्र, भतीजा,
दारय - वि० दे० (स. दारण) चीरे, फाड़े, पोता श्रादि, नाती. कुटुम्ब, परिवार, उत्त
नष्ट करे। राधिकारी । (स्त्री० दायादा )।
दारा–संज्ञा, स्त्री० (सं०) स्त्री, पत्नी, भार्या, दायादी-वि० स्त्री० (सं०) लड़की, कन्या, | नारी। उत्तराधिकारिणी
दारि, दार -संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० दालि) दायाह वि० यौ० (सं० दाय-- अह = योग्य) दालि, दाल । पैतृक धन पाने के योग्य ।
दारिउ -संज्ञा, पु० दे० (सं० दाडिम ) दायित--वि० (सं०) निश्चित अपराधी या अनार . 'दारिउँ, दाख देखि मन राता'। दोबी।
दारिका-संज्ञा, स्त्री० (सं०) लड़की, कन्या, दायित्व-संज्ञा, पु. ( सं० ) ज़िम्मेदारी, पुत्री, बालिका। "यह दारिका परिचारिका जवाबदेही, उत्तरदातृत्व ।
करि पालिबी करुनामयी'- रामा० ।
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