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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ८७३ दबीज दबंग-वि० दे० (हि० दबाव या दवाना) दवधाना-स० कि० (हि० दबना का प्रे० रूप) प्रभावशाली, प्रतापी, दबाववाला, निडर, दबाने का कार्य दूसरे से कराना, दबाना। संज्ञा स्त्री० दबंगी। दवा-संज्ञा, पु० (दे०) दाँव-पेंच, घात स्त्री. दवक-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि० दबकना) दबने । (दे०) औषधि । पा छिपने की क्रिया या भाव, सिकुड़न । । दबाई, दवाई -- संज्ञा, स्त्री० दे० (हि० दवा) दबकगर-संज्ञा, पु० दे० (हि० दबक+गर) औषधि । " पाती कौन रोग की पठावत दवका या तार बनानेवाला, दबकैया। दबाई हैं "रत्ना० । संज्ञा, स्त्री० (हि. दबकना-अ० क्रि० दे० (हि० दवाना) डर से दवाना ) मँडाई, दवाने की क्रिया। छिपना, लुकना, (ग्रा०) डाँटना । स० कि० दवाऊ-वि० दे० (हि० दबाना) दब्बू, दबाने स्थौड़े से पीट कर धातु को बढ़ाना, "दबकि वाला, गाड़ी आदि के अगले भाग में अधिक एबोरे एक वारिधि में बोरे एक"। बोझा होना, (विलो० उलार)। दबका-संज्ञा, पु० दे० (हि० दवकना=तार दवाना-स० क्रि० दे० ( सं० दमन ) सब मादि पीटना) सुनहला तार। थोरों से दबाव डालना, रुई श्रादि दबकाना-स० क्रि० (हि० दबकना) छिपाना, | वस्तुओं पर उन्हें सिमटाने या सिको. झुकाना, दुराना, (ब०) श्रोट में करना। ड़ने को भारी पत्थर रखना या इधर उधर दबकी-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि० दबकना) दाँव- न हट सकने को किसी वस्तु पर किली भोर पेंच, छिपाव, एक मिट्टी का पात्र । से बहुत बल लगाना, पीछे हटाना, पृथ्वी सबकीला-दबकैला-वि० दे० (हि० दबक+ में गाड़ना या दफ़नाना, किसी पर इतनी ईला, ऐला-प्रत्य०) दबा हुआ, परतंत्र। धाक जमाना कि वह कुछ बोल न सके, बल दबकैया-संज्ञा, पु० दे० (हि० दबक + ऐया पूर्वक विवश करना, दूसरे को हरा देना, प्रत्य०) तार बनाने वाला, दबकगर । वि० | किसी बात को उठने और फैलने न देना, शंटने या छिपने वाला। दमन या शान्त करना, किसी दूसरे की वस्तु दुबगर-संज्ञा, पु० (दे०) ढाल या कुप्पे अन्याय से ले लेना, झोंके से चल कर पकड़ बनाने वाला। लेना, किसी को असहाय, विवश और दीन दबदबा-संज्ञा, पु. (अ० दबाव) रोब, दाब ।। कर देना । संज्ञा, दाब, दबाव । स्वना-क्रि० अ० दे० (सं० दमन) बोझे या दवा मारना-स० कि० दे० (हि. दबाना) भार के नीचे थाना या पड़ना, पीछे हटना, कुचल कर मार डालना, पराधीन को दुख विवश होना, तुलना में ठीक न होना, उभड़ देना। सकना, शांत रहना, धीमा पड़ना, सिकु. दवा लेना--स० कि० दे० यौ० (हि० दबाना) बना।मुहा०-(हाथ)दबा होना-खर्च के | अपने श्राधीन या वश करना, छीन लेना, लिये रुपये की कमी होना। दबे हाथ खर्च किसी के धनादि को बलात् अन्याय से करना कम खर्च करना । मुहा०-दबी ले लेना, दबा बैठना। अपान से कहना-ठीक ठीक या स्पष्ट न दबाव-संज्ञा, पु० (हि० दबाना) दबाने का पहना, धीरे धीरे कहना, झपना, संकोच | कार्य या भाव, चाँप, रोब, प्रभाव, धाक, करना। दबे होना-किसी के वश या आतंक, बोझा, भार। बाधीन होना। यौ०-दबे पैर-धीमे दबीज-वि० (फा०) गादा, मोटा, संगीन, क्या चुपचाप चलना। । मोटे दल का, डबीज (दे०)। मा.श.को०-१० For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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