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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org दच्छिना-दविना दच्किना दकिना - संज्ञा, त्रो० (सं० दक्षिण) दान, भेंट। यौ० - दान दच्छिना । दटना - अ० क्रि० दे० (सं० स्थातृ ) डटना, धीरता से सामना करना, अड़ना, खड़ा रहना, पीछे न हटना, काम में लगना । दड़कना - ० क्रि० दे० ( हि० दरकना ) दरकना, फटना, चिरना । ! ८७१ बड़ेरा-दरेरा -संज्ञा, पु० (दे० ) प्रचंड, झड़ी या वृष्टि, धक्का. रगड़, दरेरा (ग्रा० ) । दड़ो कना - दड़ौकना -- ० क्रि० दे० ( हि० डौंकना) गरजना, दहाड़ना, डाँटना, फटकारना । ददमुंडा - दढमुड़ा - वि० (दे०) दादी रहित, जिसकी दादी मुड़ गई हो । ददियन्त डढ़ियल - वि० दे० (हि० दाढ़ी + इयल - प्रत्य० ) जो दाढ़ी रखे हो, दादी वाला । दतना ० क्रि० (दे०) डटना, सामना करना, किसी काम में लग जाना । दतवन - संज्ञा, खो० ३० (हि० दाँत + वन ) दवन (दे०), दतून, दतुन, दतौन दर्शन (ग्रा० ), दन्तधावनी । "" दतारा - वि० दे० (हि० दाँत + हारा ) दाँतों बाला, तैला (ग्रा० ) । दतिया-दलिया-संज्ञा, त्रो० द० ( हि० दांत का स्त्री अल्पा० ) छोटा दाँत । “घुघुरारी झलकें दतिया --क० रामा० । तुमन, दतुवन, दतून, दतौन-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि० दाँत + भवन - प्रत्य० ) दातौन, वह लकड़ी जिसकी कूची से दाँत साफ़ किये जाते हैं। | दवनाशिनी दत्तात्मा - संज्ञा, पु० यौ० (सं० दत्तात्मन् ) स्वतः किसी का दत्तक पुत्र होने वाला लड़का । दत्तात्रेय - संज्ञा, पु० (सं०) एक प्रसिद्ध ऋषि । दत्तोपनिषद् - संज्ञा, पु० यौ० (सं०) एक उपनिषद | दत्रिन - संज्ञा, पु० (सं०) दत्तक, गृहीत या दिया हुआ पुत्र | बैठाना | वि० (सं०) दिया हुआ । 1 दत्तक - संज्ञा, पु० (सं०) गोद लिया हुआ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ! ददन - संज्ञा, पु० (सं० दद् + अनट् ) दान देना, देना, त्याग देना । ददग - संज्ञा, पु० दे० ( सं० ददु हि० दाद ) खुजलाने श्रादि से देह पर सूजन, दरोरा, चकत्ता, चकता, चकती, दोरा (ग्रा० ), स्त्री० ददरी | ददी क्षेत्र - संज्ञा, पु० (हि० ददरी + चैत्र सं०) भृगुमुनि का स्थान | ददलाना - स० क्रि० (दे०) डाँटना, फटकारना, साँसना | ददा-दादा -संज्ञा, पु० दे० (सं० ताल ) बाप का बाप, पितामह, श्राज्ञा, बड़ा भाई, गुरु जनों का यादर- सूचक शब्द । स्त्री० ददी, दादी ददियोग-संज्ञा, पु० दे० यौ० ( सं० दादा + आलय) ददिहाला या दादी का मायका । ददियाल - ददिहाल - संज्ञा, पु० दे० यौ० ( हि० दादा + आलय ) दादा का घर या वंश, दादी का वंश या मायका । ददिया समुर – संज्ञा, पु० यौ० ( हि० दादा + ससुर ) स्त्री या पुरुष का दादा, श्रजियाससुर, ससुर का बाप । त्रो० ददिया सासु- ददिया ससुर की स्त्री, अजिया सासु । दे० (सं० ददु पड़ा देह पर दतूना - संज्ञा, पु० (दे०) एक पौधा । दस - संज्ञा, पु० (सं०) दत्तात्रेय, नौ वासुदेवों | ददौड़ा-ददोरा - संज्ञा, पु० में से एक (जैन०), दान, दत्तक । यौ०- हि० दाद) खुजाने आदि से दत्त-विधान - दत्तक पुत्र लेना, गोद लेना, चकता या सूजन । दद्रु - दद्दू - संज्ञा, पु० (सं०) दाद रोग । यौ० दरोग | पुत्र, मुतवन्ना (फ़्रा) । ददुन - संज्ञा, पु० (सं०) चकवड़ पौधा । दत्तचित्त - वि० यौ० (स० ) किसी काम में ददुनाशक - संज्ञा, पु० (सं०) चकवड़ पौधा । पूर्ण रूप से मन लगाना । ददुनाशिनी - संज्ञा, स्त्री० (सं०) तैलनी क्रीड़ा। For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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