________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
थुकथुकाना
थूहा
थुकथुकाना-अ० क्रि० दे० (हि० थूकना) धिक्कार, छिः छिः । मुहा०-थूथू करनाबार बार थूकना।
धिक्कारना। थुकहाई - संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. थूकना) थूक-संज्ञा, पु० द० ( अनु० थू थू ) मुँह का निंदनीय स्त्री।
पानी तथा कफ़, खकार आदि । मुहा०थुकाना -- स० कि० दे० (हि. थूकना का प्रे० थूकों सत्त सानना-बहुत थोड़े सामान रूप) किसी के मुख से वस्तु बाहर गिरवाना से बड़ा काम करने चलना। या उगलवाना, निन्दा कराना, थुड़ी थुड़ी थूकना-अ० क्रि० दे० ( हि० थूक ) मुख से कराना।
थक आदि का बाहर फेंकना। मुहा०थुक्का-फजीहत संज्ञा, श्री० द० यौ० ( हि० . किसी पर थूकना--बहुत ही तुच्छ जान थूक + फजीहत अ० ) बेइज्जती, तिरस्कार, कर ध्यान न देना, दोष लगाना, तिरस्कार मैं मैं, तू तू, थुड़ी थुड़ो, धिक्कार, झगड़ा, करना । थूक कर चाटना-कह कर शर्मिन्दा करना।
फिर इंकार करना, दी हुई चीज को वापिस थुड़ी-संज्ञा, स्त्री० दे० (अनु० थू थू ) घृणा, ! लेना । स० कि० मुख की चीज़ को गिराना,
अपमान,तिरस्कार और अनादर-सूचक शब्द। फेंकना या उगलना । मुहा०-थूक देना मुहा० -- थुड़ी थुड़ी करना (कराना)- (थूकना)-तिरस्कार कर देना, बुरा धिक्कारना या निन्दा करना ( कराना)। कहना, निन्दा करना, धिक्कारना । थुड़ी थुड़ी होना--निंदा होना। थूथड़-थूथड़ा-संज्ञा, पु. (दे०) शूकर आदि थुतकारना-थुथकारना-स० क्रि० (दे०) पशुओं का मुख । अपमानित कर निकालना या हटाना या थूथन-थूथना---संज्ञा, पु० (दे०) लम्बा और भगाना।
निकला हुआ मुख । थुथना, थुथुना, थूथुन – संज्ञा, पु. (दे०) थूथुन-थूथुना - संज्ञा, पु० (दे०) शूकर, ऊँट निकला हुया लंबा मुँह । स्त्री० थुथुनी। जैसा लम्बा और निकला हुआ मुख । थुपनी-थुथुनी-संज्ञा, स्त्री० (दे०) सूकर का थून-थूनी-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० स्थूण)
खम्भा, स्तंभ, टेक। थुशाना- अ. क्रि० (दे०) भौं या त्यौरी शून-संज्ञा, पु० दे० (सं० थूर्वण) पीटना, चढ़ाना, श्रोठ लटकाना।
मार, कूचन। थुनीथूनी--संज्ञा, स्त्री० दे० (हि० थूनी) थूरना-थुरना-स० कि० दे० (सं० थूर्वण) थूनी, खम्भा, टेक।
मारना, पीटना, कूटना, चूर्ण करना, हूँस थुरना-स० क्रि० दे० (सं० थूर्वण ) मारना, । ठूस कर भरना। पीटना, कुचलना, चूर्ण करना, हँस हँस थूल-थूना-वि० दे० (सं० स्थूल ) मोटा, कर भरना । " थुरिमद कंटक को दूरि करि भद्दा, मोटा-ताज़ा, भारी । (स्त्री० थूली)। यातें भूरि"-दीन।
' थूवा-संज्ञा, पु० दे० (सं० स्तूप) दूह, सीमाथुरहथा--वि० दे० यौ० (हि. थोड़ा + हाय) सूचक स्तूप, मिट्टी का लोंदा या पिंडा। जिपके हाथ में थोड़ी वस्तु भा सके। थूहड़-थूहर--संज्ञा, पु० दे० (सं० स्थूण ) " बहू थुरहथी जानि"-वि०। जिसके सेंहुड़, एक पेड़ जिसका दूध औषधि के हाथ छोटे हों । स्त्री० दे० थुरहथी। काम आता है। थू-अव्य० दे० (अनु० ) थूकने का शब्द, थूहा-संज्ञा, पु० दे० (सं० स्थूल) दूह, टीला,
अपमान, तिरस्कार और घृणा-सूचक शब्द, अटाला । स्त्री० थूही। भा० श० को०-१०॥
For Private and Personal Use Only