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टेकी
टोकना टेकी-संज्ञा, पु० (हि. टेक ) अपनी प्रतिज्ञा ! टेबुल-संज्ञा, पु. (अं०) मेज़, डेस्क, सूची,
या प्रण पर स्थिर या दृढ़ रहने वाला, हठी। (टाइम-टेबुल )। टेकुवा-टेकुवा- संज्ञा, पु० दे० (सं० तर्कुक) टेम--संज्ञा, स्त्री० (हि० टिम टिमाना ) दिया
चरखे का तकुला, तकुत्रा (ग्रा० )। की लौ, ज्योति, या चोटी, दीपशिखा । टेकुरा-संज्ञा, पु. (दे०) पान, ताम्बूल। संज्ञा, पु० दे० (अ० टाइम) समय, टैम (दे०)। टेकुरी-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. टेकुआ ) रस्सी टेर-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० तार) पुकार, हाँक, बटने या सूत कातने का तकुला, चमारों ज़ोर से बुलाना, गुहार । "गज की टेर सुनी के तागा खींचने का सूत्रा. गले का गहना। रघुनन्दन ".- स्फु० । टेघरना-अ० क्रि० (दे०)पिघलना, टिघलना। टेरना-स० कि० दे० (हि.) पुकारना, हाँक द्रव होना, टघरना (ग्रा० )।
| लगाना, चिल्ला कर पुकारना, बुलाना, टेटका- संज्ञा, पु० दे० (सं० ताटंक ) कर्ण- गुहारना (व.) गुहराना (दे०)। भूषण, ढाएँ । वि०-टेढ़ा।
टेरी-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि.) पतली डाली। टेडा-संज्ञा, पु० (दे०) पेड़ी, एक चर्खा । टेव-व-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. टेक) स्वभाव, टेढ़-संज्ञा. पु० दे० (सं० तित्सू ) वक्र, प्रकृति, बान, आदत । “जाको जैसी टेंव टेदा । " टेढ़ जानि संका सब काहू "- परी री"--- सूर० । रामा० । यौ०-टेढ़बंगा-टेद-मेढ़। टेवना-वना ---स० कि० दे० ( हि० टेना) टेढविडंगा-वि० ( हि० टेड़ा --बेढंगा ) पैना करना, धार निकालना, टेना, हथियार
टेदा-मेढा । यो०-टेदक-मेढ़क (ग्रा.)। पैना करने का पत्थर, टेउना (ग्रा०)। टेढ़ा-वि० दे० (सं० तिरस् ) कुटिल, वक, ! टेवा-संज्ञा, पु० दे० (सं० टिप्पन ) जन्मकठिन, पेंचदार । टेढ, टेदक (ग्रा०) ( स्त्री. कुंडली, जन्म-पत्र, टिपना (प्रान्ती०) टेढ़ी) य-टेढ़ा मेढ़ा । संज्ञा पु०- टपैया-संज्ञा, पु० दे० (हि. टेना) पैना करने टेढ़ापन, स्त्री. टेढ़ाई । मुहा०-टेढ़ी वाला. टेने वाला। खीर-कठिन कार्य । कुशील, मूढ़, उद्धत, टेसू-संज्ञा, पु० दे० (सं० किंशुक) ढाक, पलाश, उजड्ड । टेढ़ी चाल-कुमार्ग, दुष्टता, " टेसू फूले देखिकै समुझी लगी दवागि" दुराचार । मुहा०-टेढ़ा पड़ना या स्फु० । होली का एक उत्सव, उस समय होना-बिगड़ना, टर्राना, अकड़ना, अकड़ का गीत । जाना। टेढ़ी-सीधी सुनाना ( सुनना) टेहरा-संज्ञा, पु० (दे०) छोटा गाँव, पुरवा । बुरा-भला कहना (सुनना) मुहा०- टैक्स-संज्ञा, पु. (अ.) कर, महसूल, टेढ़े टेढ़े जाना-इतराना, घमंड करना।। टिकस, टिकस (ग्रा० )। " प्यादा तें फरजी भयो, टेढ़े टेढ़े जाय" टैया-टैयाँ-संज्ञा, स्त्री. (दे०) एक तरह -रही।
की कौड़ी, अतिगोलक, आँख का गोल टेना-स. क्रि० (हि. टेवना) किसी लोहे मांस-पिंड । के हथियार को पैना करने के लिये पत्थर टोंक-टोंका - संज्ञा, पु० दे० (सं० स्तोक = श्रादि पर रगड़ना, मूछों को ऐंठना. मूछों थोड़ा) किसी वस्तु का किनारा, सिरा, कोना, पर ताव देना - संज्ञा, पु. टेउना (ग्रा.)। नोक । स्त्री० रोक । यौ०-रोक-टोक । "कपट छुरी जनु पाहन टेई "-रामा० । टोंकना-स. क्रि० दे० (हि. टोंक) किसी टेनी-संज्ञा, स्त्री० (दे०) छोटे डील का पुरुष को कुछ करने से मना करना, रोकना, पूछपा स्त्री, छोटी छड़ी।
ताँच करना, छेड़ना।
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