________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अरवाना ७५७
मूठ मिलित झाड़ या छुप समूह, लोगों का मुंड, | झुलसाना-स. क्रि० दे. (हि० झुलसना) थोड़ा थोड़ा अँधेरा । "दिन इक महँ झुरमुट किसी पदार्थ को झुलसाना, झौंसाना, होइ बीता"-५०।
जलाना। अरवाना--स० कि० दे० (हि० झरना) मुलाना-स० क्रि० दे० (हि. भूलना ) दूसरे से सुखाने का काम कराना। किसी को मूले में बिठा कर हिलाना, किसी झरसना*-अ० कि० दे० (सं० ज्वल+ को किसी उम्मेद में बहुत दिनों तक रखना। अंश ) झुलसना, झौंसना (ग्रा० )।
" जसोदा हरि पालने मुलावै "-सूर० । किसी पदार्थ के ऊपरी भाग का जल कर झुलवा-झुलुवा-संज्ञा, पु० दे० (हि. या गर्मी से काला पड़ना या सूखना “ तर झूला ) झूला, मुलना, स्त्रियों की कुरती। झुरसी ऊपर गयी"-वि०। प्रे० रूप- झुलावन -२० क्रि० दे० (हि० झूलना) झुरसाना, मुरसवाना।
मुलाना, झुलावना। झुराना-स. क्रि० दे० (हि. झरना ) | मुलौवा-मुलौश्रा-संज्ञा, पु० (दे०) कुरता सुखाना । अ० कि० सूखना, डर और दुख से | ( स्त्रियों का ) ढीली कुरती। घबरा जाना, दुर्बल होना। “सींचें लगि मुल्ला - संज्ञा, यु० (दे०) कुरता, चोला, भुरानी बेली"-५०।
कुरती, झुलिया (ग्रा०)। झुरावन-संज्ञा, पु० दे० (हि. झुरना) | मुहिरना-स० कि० (दे०) लदना, लादा किसी पदार्थ का सूखाभाग, सूखन, मुरवन । | जाना । झरियाना-झोरियाना, झोलियाना-स. भूक संज्ञा, पु० दे० (हि० झुकना) वायु कि० (दे०) झोली में किसी पदार्थ को भर | का धक्का, झटका, झकोर झोंका । झोंक। लेना, खेत निराना।
'. रंगराती हरी लहराती लता झुकि जाती झुर्रा--संज्ञा, स्त्री० दे० (हि० भुरना) शिकन, | समीर के झू कनि सों"-- देव० । सिकुड़न ।
अँकना-स. क्रि० दे० (हि० झोंक ) किसी मुलना--संज्ञा, पु० दे० (हि. झूला) पदार्थ को आग में फेंकना झोंकना, झुकना। दोला, झूला । वि० (हि० झूलना ) झूलने | खना- अ. क्रि० (हि. खीजना) पछिवाला। प्रे० रूप झलवाना, झुलाना ।लो.. ताना, झीखना। " झुलना बैल होय धन नाश "-स्फु० । झल- संज्ञा, स्त्री० (दे०) झंझलाहट । मुलनी, झूलनी-संज्ञा, स्त्री० (हि० झूलना)
| फँसना-प्र० क्रि०+ स० ( हि० झुलसना) लटकन, छोटी नथ । “ झोंकदार झूलनी
झुलसना, जल जाना। झपाक मन ले गई"-ब०।।
अँकटी-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. झूट+ झुलझली-संज्ञा, स्त्री० (दे०) कानों में |
कांटा ) छोटी झाड़ी। पहनने के पत्ते, थोड़ा सा बुख़ार, मुरमुरी। मुलमुला-वि० ( अनु० ) झिलमिला,
फंका-संज्ञा, पु० दे० (हि० झोंकना ) महीन, पतला, झिलमिल ।
झोंका, झकोरा। झुलसना-प्र. क्रि० दे० (सं० ज्वल + |
| फंसी-संज्ञा, स्त्री० (दे०) फुहार । अंश ) किसी वस्तु के ऊपरी भाग का सूख |
झूझना-अ० क्रि० दे० ( सं० युद्ध ) जूझना, या जल कर काला होना । झुरसना, झौंसना, लड़ना. युद्ध करना। अधजला होना। प्रे० रूप झुलसवाना। झूठ-संज्ञा, पु० (सं० प्रयुक्त प्रा० अयुत्त)
For Private and Personal Use Only