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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir झाड़फूक ७५४ भिनषा बताना, झारना (प्रा.) बटोरना, झाडू से | झारखंड-संज्ञा, पु० यौ० दे० ( हि० झासाफ करना। खंड ) एक पहाड़, वन, बीहड़। झाड़फूंक-संज्ञा, स्त्री० यौ० (हि.) रोग झारना-स० क्रि० दे० (सं० झर) बालों या प्रेत भगाने के लिये मन्त्र पढ़ कर किसी में कंघी करना, छाँटना, बहोरना, झाड़ना। पर फैक छोडना। " झूठी झाड़-फूकहू | झारी-संज्ञा, स्त्री० (हि. झरना ) गड़श्रा, फकीरी परी जाति है" - रत्ना। जल पात्र । झाडबुहार-संज्ञा, स्त्री० यौ० (हि.) सफ़ाई | झाल-संज्ञा, पु० दे० (सं० मल्लक ) झाँझ करना, कर्कट कूड़ा आदि हटाना। बाजा । संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० झाला ) चरझाड़ा-संज्ञा, पु० दे० (हि. झाड़ना) झाड़- | पराहट, कटुता, तरंग, लहर । फूक, तलासी, मल, मैला, पाख़ाना। झालना --स० क्रि० ( ? ) पीतल आदि के झाड़ी-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. झाड ) छोटी बरतन को टाँका लगा कर जोड़ना, गर्म झाड़, छोटे छोटे पौधों का समूह,घना वन । चीज़ों को ठंढा करने को बरफ पर रखना । झाडे-झपटे जाना-अ० क्रि० (दे०) शौच झालरी-संज्ञा, पु. ( ? ) एक पकवान । या मल त्यागने या पाखाने जाना। संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० झल्लरी) चादर आदि झाड़-संज्ञा, पु० दे० (हि. झाड़ना ) कुंचा, के किनारे पर लटकने वाला किनारा । बहोरी, बढ़नी, सोहनी, पूछलतारा, केतु । झालरना-प्र० क्रि० (दे०) झलराना। मुहा०-झाड़ फिरना-कुछ न रहना। झालि-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. झड़ ) पानी __ की झड़ी। झाड़ लगाना-बटोरना, कूड़ा साफ़ करना। | भिंगवा-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० चिंगट ) झाड मारना-निरादर करना, धिन करना।। ___ एक छोटी मछली, लम्बा ढीला अँगरखा । झापड-संज्ञा, पु० दे० (सं० चपट) तमाचा, | भिगली -संज्ञा, स्त्री० (दे०) मंगा। थप्पड़, चटकना। झिझिया-संज्ञा, स्त्री० दे० (अनु० ) छोटे झाबर-संज्ञा, पु० (दे०) कीचड़ वाली भूमि, छोटे छेदों वाला मिट्टी का छोटा बरतन दलदल, खादर भूमि, झाबा। जिसमें दिया जला कर लड़कियाँ खेलती हैं। भाबा-संज्ञा, पु० दे० (हि० झॉपना) टोकरा, झिझोटी-संज्ञा, स्त्री० (दे०) एक रागिनी । खाँचा, झन्वा । (स्त्री० भल्पा०) झबिया। झिझकना-अ० कि० दे० (हि. झझकना) भामां-संज्ञा, पु० (दे०) गुच्छा, झब्बा, झझकना। डाँट-डपट, घुड़की, छल, कपट, धोखा। झिझकारना-स० क्रि० दे० (हि.) मामी-संज्ञा, पु० (हि. झाम ) दगाबाज़, झझकारना, झटकना। छली, कपटी। झिड़कना-स० कि. ( अनु० ) तिरस्कार से झायँ भायँ-संज्ञा, स्त्री० दे० ( अनु० ) झन बिगड़ कर कोई बात कहना, डाँट बताना। झन शब्द, वायु का शब्द, बकवाद, लड़ाई, झिड़का झिड़की-संज्ञा, स्त्री० (दे०) झगड़ा, कहासुनी। फसाद, बकाझकी। झा झाव-संज्ञा, स्त्री० दे० ( अनु०) तक- झिड़की-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. झिडकना ) रार, झगड़ा, बक बक, झक झक ।। झिड़क कर बोलना, डाँट, फटकार । भारी-वि० दे० (सं० सर्व ) कुल, सब, झिड़झिड़ाना-अ. क्रि० (दे०) अधिक निःशेष, सब का साथ, बिलकुल । संज्ञा, क्रोधित होना, चिड़चिड़ाना। स्त्री० दाह, जलना, आँच, ईर्ष्या, डाह, | | झिनवा-संज्ञा, पु० (दे०) बारीक चावलों चरपराहट । संज्ञा, पु. (व०) झाड़ी। वाला धान । For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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