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झझकाना-झिझकाना
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झपकौंहा झझकाना-झिझकाना-स० क्रि० दे० | झडाझड़-कि० वि० दे० ( अनु० ) लगा. (हिं० झझकना का प्रे० रूप ) किसी को तार, खूबी से। भड़काना बिचकाना, चौंकाना। झड़ी-झरी-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. झाड़ना) झझकारना-स० कि. ( अनु० ) किसी लगातार पानी बरसना, लगातार बातें को डाँट-डपट बताना, कुछ न समझना, करना । मुहा०-झड़ी लगना (लगाना) दुतकार बताना । (सं० झझकार )। झड़ी बाँधना (बातों की)। झट-क्रि० वि० दे० (सं० झटिति ) शीघ्र, झन-संज्ञा, स्त्री० (अनु०) बरतनों का शब्द । तुरन्त, तुरत तत्काल । यौ० झटपट । झनक-संज्ञा, स्त्री० दे० ( अनु०) झनझन झटकना-स० कि० दे० ( हि. झट) झटका | का शब्द।। देकर हिलाना, झोंका देना, झटके से | झनकना--म० क्रि० ( अनु०) झनझन खींचना, बलात छीनना। " झटकत सोऊ | का शब्द होना, क्रोध करना । ( प्रे० रूप ) पट बिकट दुसासन है ',-रत्ना० । मुहा०
झनकाना। -झटककर-झोंके के साथ, ज़बरदस्ती
झनकार--संज्ञा, स्त्री० (दे०) झंकार । छीन लेना, चालाकी से लेना, ऐंठ लेना,
झनझनाना अ० क्रि० दे० ( अनु०) झन
झन का शब्द होना या करना। संज्ञा, स्त्री० दुबला होना (दे०)। झटका-संज्ञा, पु. (अनु० ) थोड़ा सा
भनझनाहट, झनझनी । धक्का, झोंका, तलवार के एक ही वार में
| मनाझन-संज्ञा, स्त्री० दे० ( अनु० ) झंकार बकरे का गला काट देना, भारी शोक या
झन झन शब्द । क्रि० वि० झन झन
शब्द-युक्त। रोग होना। झरकारना-स० कि० दे० (हि. झट)
झनिया--वि० (दे०) झीना । झटकना।
| झन्ना - संज्ञा, पु. ( दे० ) सेव श्रादि गिराने झटितां-क्रि० वि० (सं०) शीघ्र, तुरन्त । | का करछुल । (स्त्री० अल्पा०) भनी। . झड़-झर-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. झड़ना ) | भन्नाहट-संज्ञा, स्त्री० दे० ( अनु०) झनलगातार, बराबर, बड़ी देर तक पानी कार, झनझनाहट । बरसना, झड़ी लग जाना. पतन, (यौ । झप-क्रि० वि० दे० (सं. झंप ) शीघ्र. में ) जैसे—पतझड़ ।
जल्दी से, भट। झड़न-संज्ञा, स्त्री० (हि. झड़ना ) झड़ने
| झपक- संज्ञा, स्त्री० दे० (हि० झपकनी) की क्रिया या भाव, पतन ।
आँख की पलक बंद होना, अति थोड़ा झड़ना-क्रि० दे० (सं० क्षरण ) बहु
समय, थोड़ा सो जाना, झपकी लगना। तायत से किसी वस्तु के टुकड़े गिरना।
| झपकना-अ० कि० दे० (सं० झप) आँखों झड़प-संज्ञा, स्त्री० दे० (अनु० ) क्रोध,
की पलकों का बन्द होना, झपकी लगना, झगड़ा, मुठभेड़।
डपटना, झेपना। झड़पना--प्र० कि० दे० ( अनु० ) झगड़ा झपकाना-स० कि० दे० ( अनु०) बारम्बार
या धावा करना, लड़ना, किसी से बल पलकें बन्द करना, झपकी लगाना।। पूर्वक कोई वस्तु छीन लेना।
झपकी-संज्ञा, स्त्री० ( अनु० ) थोड़ी निद्रा, भड़बेरी-संज्ञा, स्त्री० दे यो० (हि. माड़+ बहकावट, धोखा, चकमा। बेर ) बन के या झाड़ के बेर ।
झपकौंहा- वि० दे० (हि. झपकना ) भड़वाना-स० क्रि० दे० ( हि० झाड़ना का आँखों में निद्रा भरे हुए, नशे में मस्त । प्रे० रूप ) दूसरे से भड़ाना, साफ़ कराना। | स्त्री. झपकौंही।
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