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जांघिया
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जागर्ति जांघिया--संज्ञा, पु० दे० (हिं. जाँघ+इया- जाक-संज्ञा, पु० (दे०) यक्ष, जच्छ (दे०)। प्रत्य० ) पायजामे सा घुटने तक का एक जाकड़ -- संज्ञा, पु० दे० ( हि० जाकर ) माल पहनावा, काछा, घुटना (ग्रा०)। इस शर्त पर ले अाना कि पसंद न होने जाँच-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. जाँचना) जाँचने पर फेरा जायगा ( विलो०-पक्का )।
की क्रिया या भाव, परीक्षा, परख, गवेषणा, जाखिनी-संज्ञा, स्त्री० (दे०) यक्षिणी।। निरीक्षण । यौ०-जांच पड़ताल । जाग-संज्ञा, पु० दे० (सं० यज्ञ ) यज्ञ, जाँचक- संज्ञा, पु० (दे०) जाचक। मख, याग। संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० जगह) जाँचना-स० कि० दे० (सं० याचन) सत्या- जगह, स्थान । संज्ञा, स्त्री. (हि. जगह ) सत्य का अनुसन्धान करना, परीक्षा या प्रार्थना जागने की क्रिया या भाव, जागरण । संज्ञा, करना, माँगना, परखना, निरीक्षण करना। पु. ( फा० जग ) कौया। जाँजरा- वि० (दे०) जाजरा। जागती जोति-संज्ञा, स्त्री० दे० यौ० ( हि० जांत, जाँता-संज्ञा, पु० दे० (सं० यंत्र ) जागना- ज्योति ) किसी देवता विशेषतः श्राटा पीसने की बड़ी चक्की।
देवी की प्रत्यक्ष महिमा या चमत्कार । जाँब-संज्ञा, पु० (दे०) जामुन, जम्बू । जागती-कला-संज्ञा, स्त्री० - (सं०) दिया, जांबवंत-संज्ञा, पु० (दे०) जाँबवान, जाम- दीपक, दीप्ति, ज्योति ।
वंत। “जाँबवत मत्री अति बूढ़ा''- रामा।| जागना-अ० क्रि० दे० (सं० जागरण ) जाँबवंती-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० जांबवती) | सोकर उठना, जगना, नींद त्यागना, जाँववान की कन्या, श्री कृष्ण की स्त्री | जाग्रत अवस्था में या सजग होना, सचेत सत्यभामा।
या सावधान, उदित होना, चमक उठना । जाबधान-संज्ञा, पु. (सं०) सुग्रीव का मंत्री मुहा०—जागता--प्रत्यक्ष, साक्षात्, प्रकाएक भालू जो राम की सेना में लड़ा था, शित, भासमान, सचेत, समृद्धि होना, बढ़जाँबुवान (दे०) जामवंत ।
चढ़ कर या प्रसिद्ध होना, ज़ोर-शोर से जाँवर*-संज्ञा, पु० दे० (हि० जाना) उठना, प्रज्वलित होना, जलना । यौ०गमन, जाना।
जीता जागता--सजीव ।। जा-संज्ञा, स्त्री० (सं०) माता, माँ, देवरानी, | जागबलिक -संज्ञा. पु० (दे०) याज्ञवल्क्य देवर की स्त्री। वि० स्त्री० उत्पन्न, संभूत। __ जागवलक (दे०)। 8 सर्व० (हि. जो ) जिस । “जा थल जागर-संज्ञा, पु. (दे०) जागरण, होश । कीन्हें विहार अनेकन "- रस। वि. जागरण-संज्ञा, पु. (सं०) निद्रा का अभाव, (फ़ा०) उचित ( विलो०-बेजा)। अ० जागना, किसी पर्व के उपलक्ष में सारी रात्रि क्रि० विधि ( जाना )। यौ० --जाबेजा .. जागना, जागरन (दे०)। उचितानुचित, भला-बुरा।
जागरित-संज्ञा, पु. (सं०) नींद का न जाइ8-वि० (दे०) जाय । अ० क्रि० पू० होना, जागरण, मनुष्य की इन्द्रियों द्वारा का० ( हि० जाना ) जाकर।
सब प्रकार के कार्यो की अनुभवावस्था । जाइफर-जाइफल- संज्ञा, पु० (दे०) जाय- जागरूक-संज्ञा, पु. (सं.) वह जो जाग्रत फल।
अवस्था में हो। जाई-संज्ञा, स्त्री० दे. (सं० जा) बेटी, पुत्री। जागति-संज्ञा, स्त्री. (सं०) जागरण, "या जाउर-जाउरि-संज्ञा, स्त्री. (दे०) खीर। निशा सर्व भुतानां तस्यां जागत्ति संयमी" "पुति जाउरि पछियाउरि पाई "-- --गी।
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