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जनाउ
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जन्मकुंडली जनाउ8-संज्ञा, पु० (दे०) जनाब। जनिका-संज्ञा, स्त्री० (दे०) लोकोक्ति, जनाउर-संज्ञा, पु. (ग्रा.) भेड़िया । पहेली, दो अर्थ वाले शब्द। जडाउर ( ग्रा० )।
जनित-वि० (सं० ) उत्पन्न, जन्मा हुश्रा। जनाज़ा---संज्ञा, पु. (अ.) शव, लाश,
"मोह-जनित संसय दुख हरना"-रामा० । अरथी, लाश रख कर गाड़ने या जलाने की | जनिता-वि० (सं० ) पिता, बाप । संदूक ।
जनित्रि-जनित्री-वि० (सं०) माता, माँ। जनातिग-संज्ञा, पु. "(सं० ) अतिमानुष, जनियां-संज्ञा, स्त्री० दे० (फा० जान ) मनुष्य की शक्ति से बाहर ।
प्रियतमा, प्रेयसी, प्यारी । जानी (ग्रा०)। जनाधिनाथ—संज्ञा, पु० यौ० ( सं० ) जनी-संज्ञा, स्रो० दे० (सं० जन ) दासी, राजा, विष्णु ।
अनुचरी । स्त्री. माता, पुत्री. एक गंधद्रव्य । जनानखाना-संज्ञा, पु. (फा०) स्त्रियों वि० स्त्री० उत्पन्न या पैदा की हुई । व० क. के रहने का स्थान, अंतःपुर, निशान्त ।।
स्त्री० प्रत्य। जनाना स० कि० ( दे०) जताना। स० जनु - क्रि० वि० दे० ( हि० जानना ) मानो, क्रि० (हि० जनना) उत्पन्न (प्रसव ) कराना। गोया, मनो, मनु (व.) ( उत्प्रेक्षा जनाना--वि० (अ.) स्त्रियों का, स्त्री- वाचक ) " सोई जनु दामिनी दमंका"सम्बन्धी, हीजड़ा, निर्बल, डरपोंक। संज्ञा,
रामा०। पु० (दे०) जनखा, मेहरा, अन्तःपुर, ज़नान- जनेऊ-संज्ञा, पु० दे० (सं० यज्ञ ) यज्ञोखाना, पत्नी, जोरू । संज्ञा, पु० जनाना- पवीत-संस्कार, यज्ञोपवीत, जनेष (दे०)। पन । ( स्त्री० जनानी ) " द्वारे द्वारपालक | "दीन्ह जनेउ मुदित पितु माता'-- रामा० । हैं साहब जनाने हैं"
जनेत-संज्ञा, स्त्री० (सं० जन+ एत-प्रत्य०) जनान्तिक - संज्ञा, पु० यौ० (सं०) अप्रकाश, | बरात, वर-यात्रा । गोपन, छिपा सम्बाद, नाटक में आपस । जनैया-वि० दे० ( हि० जानना -- ऐया. में बात करने की एक मुद्रा, कर-संकेत से एक प्रत्य०) जानने वाला, जानकार । व्यक्ति को बुला कर धीरे २ बात करना। जनोदाहरण-वि. पु. यौ० (सं०) यश, जनाब-संज्ञा, पु. ( अ०) आदर सूचक गौरव, कीर्ति, मान । शब्द, महाशय, श्रीमान् ।
जनौं-क्रि० वि० दे० (हि. जानना) जनाईन-संज्ञा, पु० यो० (सं०) विष्णु, कृष्ण ।। जानो, जन, मानो, गोया । "जानौं घनजनाव--संज्ञा, पु० दे० (हि० जनाना) श्याम रैन श्राये मोरे भौन माहि"। जनाने की क्रिया का भाव, सूचना, इत्तला, |
जन्म-संज्ञा, पु० (सं०) गर्भ से निकल कर ' भीतर करहु जनाव"- रामा० ।
जीवन धारण करना, उत्पत्ति, पैदाइश | जनावर--वि० (दे०) पशु, जानवर, मूर्ख । महा0-जन्म लेना--- उत्पन्न या पैदा
“ कहि हरिदास पिंजरा के जनावर लौं"।। होना अस्तित्व में पाना । प्राविर्भाव,जीवन, जनि-संज्ञा, स्त्री० (सं० ) उत्पत्ति, जन्म ज़िन्दगी। मुहा०-जन्म हारना- व्यर्थ पैदाइश, नारी, स्त्री, माता, एक गंधद्रव्य, जन्म लेना, दूसरे का दास होकर रहना । पत्नी, जन्म-भूमि । ॐ अव्य० (७०) मत, | आयु, जीवनकाल, जैसे-- जन्म भर। नहीं । " कह प्रभु हँसि जनि हृदय डराहू” । जन्मकुंडली--संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं०) जन्म-रामा०।
| समय में ग्रह-स्थिति का चक्र-फ० ज्यो।
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