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चुलबुला
चूक चुलबुला-वि० दे० (सं०चल + बल) चंचल, | चुस्त-वि० ( फा० ) कसा हुआ, जो ढीला चपल, नटखट । स्त्री. चुलबुली। न हो, संकुचित, तंग, निरालस्य तत्पर, चुलबुलाना-अ. क्रि० (हि० चुलबुल ) फुरतीला, चलता हुश्रा, दृढ़, मजबूत, चुलबुल करना, रह रह कर हिलना, चंचल
लो०-मुद्दई सुस्त, गवाह चुस्त । यौ० होना, चपलता करना । संज्ञा, स्त्री०-चुल- चुस्तचालाक। बुलाहट, चुलबुली।
चुस्ती-संज्ञा स्त्री. ( फा० ) फुरती, तेज़ी, चुलबुलाएन-संज्ञा पु० (हि. चुलबुला+ कसावट, तंगी, दृढ़ता, मज़बूती। यौ० पन ( प्रत्य०) चंचलता, शेखी ।
चुस्ती-चालाको। चुलबुलिया-वि० (हि. चुलबुल -+ इया- चुस्सी-संज्ञा स्त्री० (दे० ) फल का रस ।
प्रत्य०) चुलबुल, चंचल, चिलबिल्ला ।। | चुहँटी-संज्ञा स्त्री० (दे०) चुटकी। चुलहाई-वि० (दे०) कामातुर, लम्पट, चुहचुहा-वि० (अनु० स्त्री. चुहचुही ) व्यभिचारी।
चुहचुहाता हुश्रा, रसीला, शोख़, रंगीला । चुलहारा - वि० (दे० ) कामुक, कामातुर। चुहचुहाता। चुलाना--स० क्रि० (दे०) चुवाना। चुहचुहाना-अ० क्रि० दे० (अनु० ) रस चुलियाला----संज्ञा, पु. (?) एक मात्रिक टपकना, चटकीला, चिड़ियों का बोलना छंद।
चहचहाना। चुल्ला-- वि० (दे०) चुंधला, चुंधा, तिरमिरा। चुहचुही- संज्ञा स्त्री० (अनु०) चमकीले काले चुल्लू-संज्ञा पु० दे० (सं० चुलुक ) गहरी की
रंग की एक बहुत छोटी चिड़िया फुलचुही। हुई हथेली जिसमें भर कर पानी आदि पी
चुहटना- स० क्रि० (दे०) रौंदना, कुचलना। सकें । मुहा०-चुल्लू भर पानी में डूब
चुहल-संज्ञा स्त्री. ( अनु. चहचह-चिड़ियों मरना-मुँह न दिखाना, लज्जा से मरना ।
की बोली ) हंसी, ठठोली, मनोरंजन | चुवना-अ० कि० (दे० ) चूना, टपकना ।
चुहलबाज-वि० (हि. चुहल + फा० बाज़ चुवाना--स० क्रि० (हि. चूना का प्रे०
प्रत्य०) ठठोल, मसखरा, दिल्लगीबाज़ । रूप ) बूंद बूंद करके गिराना, टपकाना। ।
वि० चुहला- (दे०) स्त्री० चुहली। चसकी-संज्ञा स्त्री० दे० (हि० चूसना) चष्टिया- संज्ञा स्त्री० ( हि० चूहा ) चूहा का होंठ से लगाकर थोड़ा थोड़ा करके पीने की |
स्त्री० और अल्प रूप। क्रिया, सुड़क, चूट, दम चूसना ।
चुहँटना -स. कि. (दे०) चिमटना। चुसकर-वि० (दे०) चूसने या पीने वाला। चुहँटनी-संज्ञा स्त्री० (दे०) चिरमिटी। चुसना---० कि० दे० (हि० चूसना) चूसा | चूँ-संज्ञा पु० ( अनु० ) छोटी चिड़ियों के जाना, निचुड़ या निकल जाना, सार-हीन | बोलने का चूँ शब्द । मुहा०-चूँ करना. होना, देते देते पास में कुछ न रह जाना।
कुछ कहना, प्रतिवाद करना, विरोध में चुसनी---संज्ञा स्त्री० दे० (हि० चूसना ) बच्चों कुछ कहना। के चूसने का एक खिलौना, दूध पिलाने की | चूँकि--क्रि० वि० (फा ) इस कारण से शीशी।
कि, क्योंकि, इसलिये कि। चुसाना-स० क्रि० दे० (हि० चूसना का चॅदरी (चंदरी)-संज्ञा स्त्री. ( दे.) प्रे० रूप ) चूसने का काम दूसरे से कराना, चुनरी, चूनरी, चनरि। चुसवाना । संज्ञा स्त्री० चुसाई । चूक-संज्ञा स्त्री० दे० (हि० चूकना ) भूल,
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