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चिद्रप
चिद्रूप - संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) ज्ञानरूप,
ज्ञानमय, परमात्मा, ब्रह्म । चिनक संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० चिनगी ) जलन लिये हुये पीड़ा, चुनचुनाहट । चिनगारी -- संज्ञा, स्त्री० (सं० चूर्ण - हि० चून + अँगार ) जलती हुई आग का टूटा हुआ छोटा उड़ने वाला करा या टुकड़ा, अग्निकरण मुहा० आँखों से चिनगारी छूटना - क्रोध से आँखें लाल होना । चिनगी-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि० चुन + अग्नि)
-कण, चिनगारी, चुस्त- चालाक लड़का, टों का खेलाड़ी लड़का । चिनचिनाना ० क्रि० (दे० ) चिल्लाना,
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चीखना, श्राह मारना । चिनिया - वि० दे० ( हि० चीनी) चीनी के रंग का, सफ़ेद, चीन देश का । चिनिया - केला -संज्ञा, पु० दे० यौ० ( हि० चिनिया + केला) छोटी जाति का एक केला । चिनिया बदाम – संज्ञा, पु० यौ० (दे० ) मूँगफली चिन्मय वि० यौ० (सं० ) ज्ञानमय, ज्ञानरूप | संज्ञा, पु० - परमेश्वर ।
चिन्मात्र - वि० यौ० (स० ) ज्ञानमय ब्रह्म । चिन्ह* 1 - संज्ञा, पु० ( दे० ) चिन्ह | चिन्हवाना -स० क्रि० (दे० ) चिन्हाना | चिन्हाना - स० क्रि० ( हि० चीन्हना का
प्रे० रूप) पहिचानवाना, परचित कराना । चिन्हानी -- संज्ञा स्त्री० (हि० चिन्ह ) चीन्हने की वस्तु, पहिचान, लक्षण, स्मारक, यादगार, रेखा, धारी, लकीर, निशानी । चिन्हदानी (दे० ) | चिन्हार संज्ञा, पु० दे० ( हि० चिन्ह ) परचित, पहिचाना हुआ, लक्षित, अंकित, जान पहिचान |
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चिन्हारी - संज्ञा स्त्री० (हि० चिन्ह ) जान पहिचान, परिचय, निशानी, चिन्हानी (ग्रा० ) चिन्हित -- वि० सं० ) चिन्ह-युक्त, अंकित, मनोनीति, सांकेतिक
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Paneer
चिपकना- - अ० क्रि० दे० ( अनु० चिप ) किसी सीली वस्तु के कारण दो वस्तुओं का परस्पर जुड़ना, सटना, चिमटना । चिपकाना स० क्रि० दे० ( हि० चिपकना ) लसीली वस्तु को बीच में देकर दो वस्तुओंों को परस्पर जोड़ना, चिमटाना रिलष्ट करना चसप करना चिपटाना । प्रे० रूप०चिपकवाना |
चिपचिपा - वि० दे० ( अनु० चिप चिप ) जो चिपकता जान पड़े, लसदार, लसीला । चिपचिपाना ० क्रि० दे० ( हि० चिप ) छूने में चिपचिपा जान पड़ना, लसदार मालूम होना ।
चिपटना--- प्र० क्रि० ( दे० ) चिपकना, चिपटा होना ।
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चिपटा -- वि० (सं० चिपिट ) जिसकी सतह Eat और बराबर फैली हुई हो, बैठा या धँसा हुआ । स्त्री० - चिपी चिपटाना - स० क्रि० दे० ( हि० चिपटना ) चिपकाना, अंक लगाना, चिपटा करना । चिपडाहा - वि० पु० (दे० किचड़ाई या कचराई घाँख, कीचड़ भरी आँख | चिपरता (ग्रा० ) । चिएड़ी-चप-संज्ञा स्त्री० दे० ( हि० चिप्पड़ ) गोबर के पाये हुये चिपटे टुकड़े, उपली, चिपटी या किचराई हुई आँख | पु०, वि० चिपरा |
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चिप्पड़ - संज्ञा, पु० दे० (सं० चिपिट) छोटा चिपटा टुकड़ा, सूखी लकड़ी यादि के ऊपर की छाल का टुकड़ा, किसी वस्तु के ऊपर से छीला हुआ टुकड़ा | त्रिप्पो संज्ञा स्त्री० दे० ( हि० चिप्पड़ )
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छोटा चिप्पड़ या टुकड़ा, उपली, गोटी । चिबुक - संज्ञा, पु० (सं० ) ठोढ़ी | चारु चिबुक नासिका कपोला"- --रामा० । चिमटना- क्रि० अ० दे० ( ६ि० चिपटना ) चिपकना, सटना, आलिंगन करना, लिपटना, हाथ-पैर यदि सब अंगों को लगा