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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir चंडालिका चंदिया चंडालिका-संज्ञा, स्त्री० (सं०) दुर्गा, एक | एक अर्ध चन्द्राकार गहना, नथ में पानप्रकार की वीणा। जैसा एक साज । चंडालिनी-संज्ञा, स्त्री० (सं०) चंडाल की चंदन-संज्ञा, पु. ( सं० ) एक सुगंधित वृक्ष स्त्री, दुष्टा या पापिनी स्त्री, एक प्रकार का | और उसकी लकड़ी जो देव-पूजन और तिलक (दूषित ) दोहा। श्रादि में प्रयुक्त होती है, श्रीखंड, संदल, चंडावल-संज्ञा, पु० (सं० चंड+अवलि) घिसे हुए चन्दन का लेप, छप्पय छंद का सेना के पीछे का भाग, हराबल का उलटा, तेरहवाँ भेद । “अनल प्रगट चन्दन ते होई" बहादुर सिपाही, संतरी। -रामा० । चंडिका-संज्ञा, स्त्री. (सं० ) दुर्गा, गायत्री चंदन-गिरि-संज्ञा, पु० यौ० (सं.) देवी, लड़ाकी स्वी। मलयाचल । चंडी-संज्ञा, स्त्री० (सं०) महिषासुर के चंदनहार-संज्ञा, पु० यौ० (दे०) चन्द्रहार । बधार्थ धारण किया हुश्रा दुर्गा का रूप, | चंदना -- संज्ञा, पु० (दे० ) चन्द्रमा, चाँदना कर्कशा और उग्र स्त्री, तेरह अक्षरों का एक " रसिक चकोरन हेतु सुप्रगट्यो चंदना" -अलबेली। वर्णवृत्त । "कलौ चंडी विनायकौ"-स्फुट । चंडीश-संज्ञा, पु. यौ० (सं० चंडी+ईश)। चंदनी- संज्ञा, स्त्री० (दे०) चाँदनी, चंद्रिका। चंदनौता- संज्ञा, पु० (दे० ) एक प्रकार शिवजी, चंडीपति। "तब चंडीश दीन्ह | का लहँगा। वरदाना"-सरस। चंदवान--संज्ञा, पु. ( दे०) चन्द्र-बाण । चंडू- संज्ञा, पु० दे० (सं० चंड = तीक्ष्ण) चंदवाना-स० कि० दे० (सं० चंद दिखअनीम का किवाम जिसका धुआँ नशे के लाना ) बहकाना, बहलाना, जान बूझ कर लिये एक नली के द्वारा पीते हैं। अनजान बनना। चंडखाना-संज्ञा, पु. (हि. चंडू + फा०ला -वि० दे० । हि चाँद = खोपडी ) खाना ) चंडू पीने का स्थान ! मुहा० । गंजा। चंडूखाने की गप-मतवालों की झूठी चंदवा-संज्ञा, पु० दे० (सं० चंद्र ) एक बकवाद, निरी झूठी बात। प्रकार का छोटा मंडप, चँदोवा (ग्रा.) चंडूवाज-संज्ञा, पु. (हि. चंडू+फा० | शामियाना । संज्ञा, पु० दे० (सं० चंद्रक) वाज़ ) चंडू पीने वाला। गोल चकती, मोर के पंख पर अर्द्ध चन्द्राचंडूल-संज्ञा, पु. (दे.) खाकी रङ्ग की कार चिन्ह, गंजा। एक छोटी चिड़िया जिसे लोग पालते हैं। चंदा-संज्ञा, पु० दे० (सं० चंद या चंद्र ) "भे पंछी चंडून"-तु०।। चन्द्रमा। संज्ञा, पु० दे० (फा० चंद = कई चंडोल-संज्ञा, पु० दे० (सं० चंद्र + दोल)। एक ) कई आदमियों से थोड़ा थोड़ा लिया एक पालकी, डोली। जाने वाला धन, बेहरी, उगाही, सामयिक चंद-संज्ञा, पु० दे० (सं० चंद ) चन्द्र, पन, पुस्तकादि का वार्षिक मूल्य । हिंदी भाषा के बहुत पुराने कवि जो पृथ्वी- | चंदिका--संज्ञा, स्त्री० (दे० ) चन्द्रिका । राज के मित्र और सामन्त थे, जिन्होंने रासो | | चौदिनि-चंदिया- संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० नाम का ग्रन्थ रचा । "कबी कव्यचंदं सु चंद्र) चाँदनी, चन्द्रिका । " चोरहिं चाँदिनि माधौ नरिंदं ।" वि० (फा०) थोड़े से, कुछ। रात न भावा"-रामा० ।। चंदक- संज्ञा, पु. (सं० चंद्र ) चन्द्रमा, चंदिया--संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. चाँद ) चाँदनी, चाँद नाम की मछली, माथे का | खोपड़ी, सिर का मध्य भाग, एक मिठाई । For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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