SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 618
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir गौणी गोशाला न हो, साधारण, अप्रधान, सहायक, गोरता-संज्ञा, स्त्री० (सं०) गोराई, गोरापन, सहचारी, गौणी वृत्ति से बोधित अर्थ । सफ़ेदी गौणी-वि० (सं० ) अप्रधान, साधारण, गौरव संज्ञा, पु० सं०) बड़प्पन, महत्व, जो मुख्य न मानी जाय । संझा, स्त्री० (सं०) । बड़ाई, गुरुता, भारीपन, सम्मान, श्रादर, एक लक्षणा जिसमें किसी एक वस्तु का उत्कर्ष, अभ्युत्थान, इउज़त । संज्ञा, स्त्री० गुण दूसरी पर आरोपित किया जाता है। गौरवता ( दे०) “गौरवता जग में गौतम-संज्ञा, पु. ( सं० ) गोतम ऋषि लहैं-७०। । के वंशज ऋषि, बुद्धदेव, सप्तर्षि-मंडल के गौरांग संज्ञ', पु० यौ० (सं० ) श्वेतवर्ण, तारों में से एक तारा। गोरे रंग वाला, पीतवर्ण, यूरोपियन, गौतमी -- संज्ञा, स्त्री. (सं०) गौतम ऋषि की विष्णु, श्रीकृष्ण, चैतन्य महाप्रभु। स्त्री, अहिल्या, कृपाचार्य की स्त्री, गोदावरी गौरा -- संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० गौर ) गोरे नदी, दुर्गा, शकुन्तला की सेहली। यौ० रंग की स्त्री, पार्वती, गिरिजा, हल्दी। गौतमनारी- गौतमनारी सापवस " गौरिका - संक्षा, स्त्री. (सं० ) पार्वती, --रामा० । आठ वर्ष की कन्या। गौदुमा-वि० (दे०) गावदुम । गारिया-- संज्ञा, स्त्री० दे० (१) काले रंग गौनां- संज्ञा, पु० (दे०) गमन “गौन रौन का एक जल पक्षी, मिट्टी का बना हुआ एक रेती सौं कदापि करते नहीं 'ऊ० श०। प्रकार का छोटा हुक्का । गौनहाईवि० स्त्री० दे० (हि. गौना -। हाई गोरिला--संज्ञा, स्त्रो० (सं०) पृथ्वी, धरणी, (प्रत्य० ) ) जिस स्त्री का गौना हाल में गोरिल्ला । संज्ञा, पु० ( अफ्री० ) एक प्रकार हुआ हो । “आई गौनहाई वधू सासु के | का वन मानुन या बनैला।। लगति पाय"। गौरी-संज्ञा, स्त्री० (२०) गोरे रंग की गौनहार--संज्ञा, स्त्री० दे०) ( हि० गान-- | स्त्री, पार्वती, गिरिजा, आठ वर्ष की कन्या, हार---प्रत्य० ) वह स्त्री जी दुलहिन के | “ अष्टवर्षाभवेद्गौरी" - हल्दी, तुलसी, साथ उसकी ससुराल जाय ।। गोरोचन. सर्फ़द रंग की गाय, सफ़ेद दूब, गौनहारिन-गौनहारी--संज्ञा, स्त्री० दे० पृथ्वी, गंगानदी । गौरि --- " बहुरि गौरि (हि. गावन --- हार -- प्रत्य०) गाने के पेशे | कर ध्यान करेहू"-- रामा० । वाली स्त्री, गाने वाली, गावनिहार ( ब्र०)। गौरीशंकर--संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) गौना-संज्ञा, पु० दे० (सं० गमन ) विवाह । महादेव जी, शिव, पार्वती, हिमालय पर्वत के पीछे की रस्म जिसमें वर वधू को अपने | की सब से ऊँची चोटी। घर ले जाता है, द्विरागमन, मुकलावा गौरीश-गौरोस-संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) (प्रान्ती०)। महादेव, शिव । गौर-वि० ( सं० ) गोरे चमड़े वाला, गोरा, श्वेत, उज्वल, सफ़ेद । " स्याम गौर किमि गरिया- संज्ञा, स्त्री० ( दे० ) गौरिया चिड़िया। कहौं बखानी"-रामा० । संज्ञा, पु० (सं०) लालरंग, पीला रंग, चन्द्रमा, साना, गालिमक-संज्ञा, पु० (सं० ) एक गुल्म या केसर । संज्ञा, पु० (दे०) गौड़। ३० सिपाहियों का नायक या स्वामी । गौर-संज्ञा, पु. (अ.) सोच-विचार, गौशाला- संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं० गोशाला) चिंतन, ध्यान, ख़्याल । गायों के रहने का स्थान । For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy