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गार्हस्थ्य ५७६
गाहक जिसकी रक्षा शास्त्रानुसार प्रत्येक गृहस्थ को | गाली खाना-दुर्वचन सुनना, गाली करनी चाहिये।
सहना। गाली देना-दुर्वचन कहना, गार्हस्थ्य -संज्ञा, पु० (सं०) गृहस्थाश्रम, | कलङ्क सूचक अारोप करना । गाली
गृहस्थ के मुख्य कृत्य, पंच महा यज्ञ । गाना-व्याह में गाली भरे गीत गाना । गाल-संज्ञा, पु० दे० (सं० गंड, गल्ल ) | गाली-गलौज-संज्ञा, स्त्री० यौ० ( हि. मुँह के दोनों ओर ठुड्डी और कनपटी के गाली+ गलौज : अनु०) परस्पर गाली देना, बीच का कोमल भाग, गंड, कपोल । तू तू मैं मैं, दुर्वचन । मुहा०---गाल फुलाना-रूठ कर न गाली-गुफ्ता - संज्ञा, पु. (दे० ) गालीबोलना, रूठना, रिसाना, क्रोध करना। गलौज"। गाल बजाना या मारना -- डींग मारना गालना-गाल्हना* --अ० क्रि० दे० (सं० बढ़बढ़ कर बातें करना, बकबाद करने की गल्प = बात ) बात करना, बोलना । लत, मुंहजोरी। " बालि कबहुँ अस गालू - वि० दे० ( हि० गाल ) गाल बजाने गाल न मारा"-रामा० । काल के वाला, व्यर्थ डींग मारने वाला, बकवादी, गाल में जाना मृत्यु के मुख में पड़ना। गप्पी । संज्ञा, पु० (दे०) गाल । " हँसब गाल करना-मुंह जोरी करना मुँह से ठठाय फुलाउब गालू"-रामा० । अंडबंड निकालना, बढ़ बढ़ कर बातें गाव-संज्ञा, पु. (सं० गो, फ़ा. गाव ) करना, डींग मारना, “गाल करब केहि गायी, गाय । कर बल पाई "--रामा०।
गावकुशी- संज्ञा स्त्री० यौ० (फा०) गो बध। गालगूल*-संज्ञा, पु० दे० (हि० गाल+ गाव-जबान-संज्ञा, पु. (फा०) फारस
अनु० ) व्यर्थ बात, गपशप, अनापशनाप ।। देश की एक बूटी।। गालमसूरी-संज्ञा, स्त्री० (दे० ) एक पक- | गावघप्पी-संज्ञा, पु. (दे० ) चापलूस, वान या मिठाई।
फुसलाऊ, स्वार्थी । वि० (दे.) चुःपा, गालव-संज्ञा, पु० (सं.) एक ऋषि एक मौन, मट्टर, गाऊघाप (दे०)। प्राचीन वैयाकरण, लोध का पेड़, एक स्मृति-गाव-तकिया- संज्ञा, पु० यौ० (फा०) बड़ा कार,..." गालव, नहुष नरेस "-रामा० । तकिया जिससे टेक लगाकर लोग फर्श गाला- संज्ञा, पु० दे० (हि. गाल = ग्रास) पर बैठते हैं, मसनद । चनी हई रूई का गोला जो चरखे में कातने | गावदी-वि० दे० (हि. गाय +धी सं०) के लिए बनाया जाता है, पूनी। मुहा० -- कुंठित बुद्धि वाला, अबोध, नासमझ, सई का गाला-बहुत उज्वल, हलका। बेवकूफ़ भोला भाला, मूर्ख । संज्ञा, पु. (हि. गाल ) बड़बड़ाने की | गावदुम-वि० दे० (फा०) जो उपर से प्रादत, अंड-बड़ बकने का स्वभाव, मुंह बैल की पूँछ की तरह पतला होता पाया जोरी, कल्ले दराज़ी, ग्रास ।
हो, चढ़ाव-उतार वाला, ढालुवाँ । गालिब-वि. (अ.) जीतने वाला, बढ़- गास--संज्ञा, पु० (दे०) संकट, आपत्ति । जाने वाला, विजयी श्रेष्ठ । संज्ञा, पु०-एक | गासिया-संज्ञा, पु० दे० (अ. ग़ाशिया ) प्रसिद्ध उर्दू कवि।
जीनपोश । गालिम-वि० (दे०) ग़ालिब । गाह-संज्ञा, पु० दे० ( सं० ग्राह ) ग्राहक, गाली-संज्ञा, स्त्री. (सं० गालि ) निन्दा गाहक, पकड़, घात, ग्राह मगर । था कलंक सूचक वाक्य, दुर्वचन । मुहा० --- गाहक-संज्ञा, पु० (सं० ) अवगाहन करने
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