________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
गड़ायत
५५४
गढ़ पति कराना । प्रे० क्रि० (हि० गाड़ना) गड़- पालने वाला, भेड़ सम्बन्धी, भेड़ के समान । पाना-धंसवाना, गाड़ने का कार्य किसी गड्डाम-वि० दे० ( प्र० गाड +- ड्याम )
और से करवाना । संज्ञा, स्त्री. गड़वाई। नीच, तुच्छ, लुच्चा, पाजी, बदमाश । यो. गड़ायत-वि० दे० (हि. गड़ना ) गड़ने गड्डाम-पाजी। वाला, चुभने वाला।
| गडालिका—संज्ञा, स्रो० (सं० ) देखा-देखी गडारी-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० कुंडल) काम करना, बिना सोचे-बिचारे करना, गोल लकीर, मंडलाकार रेखा, वृत, घेरा । भेड़िया धसान, अंध-अनुकरण । संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० गंड = चिन्ह ) पास गडो-संज्ञा, स्त्री० ( दे०) गड्डु, आँटी, दश पास आड़ी धारियाँ, गंडा, गोल चरखी दस्ता कागज़, रुपयों का ढेर। घिरनी, गरारी, गलारी (दे०)। गड्ढा --संज्ञा, पु. दे. (सं० गर्त, प्रा. गड़ारीदार--वि० दे० (हि० गड़ारी+फा० | गड्ड ) पृथ्वी में गहरा स्थान, खात, दार ) जिस पर गंडे या धारियाँ पड़ी हों, | गढ़ा, गड़हा, थोड़े धेरे की गहराई, खाड़ घेरेदार, जैसे गड़ारीदार पायजामा। (७०)। मुहा०—किसी के लिये गड़ाई-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. गडुवा) गडढा खोदना- अनिष्ट का प्रयत्न पानी पीने का टोंटीदार छोटा बर्तन, झारी, करना, किसी को हानि पहुँचाने का गड़ई।
उपाय करना, किसी की हानि का प्रयत्न गड़वा-संज्ञा, पु० दे० ( हि० गेरना = करना। गड्ढे में गिरना-पतित होना, गिराना+डुवा प्रत्य० ) गेरुवा, टोंटीदार
हानि उठाना। लोटा, गेड़वा (दे०)।
गढन्त-वि० ( हि० गढ़ना ) बनावटी, गडुर, गडुल संज्ञा, पु० सं० (दे०) पक्षी-राज कल्पित (बात)। यौ---मन-गढन्त
वैनतेय, विष्णु-बाहन, कुबड़ा मनुष्य । कल्पित, कपोल कल्पित। अ. संज्ञा, गाडुरकी-गडुर के सम्बन्ध का। गढ़-संज्ञा, पु० (सं० गढ़ = खाँई ) (स्त्री० गड़ेरिया-संज्ञा, पु० ( दे० ) "गड़रिया"। अल्पा० गढ़ी ) कोट, किला, खाँई, दुर्ग, गड़ेरी-संज्ञा, पु० दे० (सं० खंडु ) गन्ने या राज महल । मुहा०- गढ़ जीतना या ईख के छोटे छोटे टुकड़े।
तोड़ना-किला जीतना, बहुत कठिन गडोना-स० कि० (दे०) "गड़ाना" __ कार्य करना। चुभाना, फँसाना।
गत-संज्ञा, स्त्री० (दे०) बनावट, रचना। गडोना--संज्ञा, पु० दे० (हि० गड़ाना ) एक गढ़न-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. गढ़ना) प्रकार का पान । स० क्रि० (दे० ) गड़ाना, बनावट, प्राकृति, रचना, गठन । चुभाना, गड़ोना।
गढ़ना-स. क्रि० (सं० घटन ) काट-छाँट गड़- संज्ञा, पु० दे० (सं० गण ) ( स्त्री० कर काम की वस्तु बनाना, सुडौल या गड्डी ) किसी वस्तु का समूह, समुदाय, ढेर, सुघटित करना, रचना, ठीक करना, दुरुस्त राशि । संज्ञा, पु. (सं० गत) गढ़ा (दे०) करना, बात बनाना, कपोल कल्पना करना, गडढा । यौ० गड्डबड्ड-मिलावट ।
मारना, पीटना, ठोंकना। गड्डबड्ड, गड्डमड--संज्ञा, पु० दे० ( हि. मुहा०-बातें गढ़ना-कल्पित बातें गड्ड ) बेमेल की, गड़बड़ी, मिलावट, घाल- बनाना। मेज़, घपला, अंडबंड । गड़ी-बड्डा (ग्रा०)। गढ़-पति-संज्ञा, पु. यौ० ( हि० गढ़+ गडरिक-संज्ञा, पु० (सं० ) गड़ेरिया, भेड़ | पति) किलेदार, राजा, सरदार, दुर्ग-स्वामी ।
For Private and Personal Use Only