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खोलना ५४५
ख्वाब चमड़ा जो समय समय पर बदलता है, । लना, गर्म करना ( दूध आदि.) प्रे० रूप. मोटी चादर, ऊपर का ढकना, म्यान । खौलवाना। खोलना-स० क्रि० दे० (सं० खुड-खुल | ख्यात-वि० (सं० ) प्रसिद्ध, विदित । -भेदन ) छिपाने ( रोकने ) की वस्तु को
__ संज्ञा, स्त्री० ख्याति-प्रसिद्धि ।। हटाना, दरार या छेद (शिगाफ़ ) करना, ख्यातिन-वि० (सं०) अपवादी । ख्यातिबंधन तोड़ना, कोई काम जारी करना मत्व-संज्ञा, पु० (सं० ) प्रतिष्ठा । या चलाना, सड़क, नहर आदि तैयार ख्यात्यापन्न- वि० (सं० ) यशस्वी । करना, दूकान या दप्तर श्रादि शुरू
ख्यापन--- संज्ञा, पु० (सं०) विज्ञापन । करना, गुप्त (गूढ़ बात को प्रगट ( स्पष्ट )
ख्यापक-संज्ञा. पु. (सं० ) प्रकाशक,
व्यंजक। करना। खोली-संज्ञा, स्त्री० ( हि० खोल श्रावरण,
ख्याल-संज्ञा, पु० (अ०) ध्यान, मनोवृत्ति, गिलान ( तकिया ) झोपड़ी।
विचार भाव, सम्मति, आदर, एक प्रकार
का गाना, याद, स्मृति, ख़याल । खोह-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० गोह ) गुहा,
मुहा०--ख्याल रखना- ध्यान रखना गुफा, कंदरा।
देख-रेख रखना । किसी के ख्याल खौं-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० खन् ) खात, पड़ना - तंग करने पर उतारू होना । गड्ढा, अन्न रखने का गढ़ा । खत्ती (दे०)।
ख्याल से उतरना-भूल जाना । *संज्ञा, खौंचा-संज्ञा, पु० दे० (सं० षट्+च) पु. ( हि० खेल ) खेल, क्रीड़ा। साढ़े छः का पहाड़ा ख्योचा (दे०)। ख्याली–वि. (म. ख्याल ) कल्पित, खौफ़-संज्ञा, पु. ( अ० ) डर, भय । वि.
___ फ़र्जी। वि० (हि० खेल ) कौतुकी, खेल खौफ़नाक-ौफ़ज़दा।।
करने वाला। खौर ( खौरि)-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० | मुहा०-ख्याली पुलाव पकानातौर-- क्षुर ) चन्दन का तिलक, टीका,
हवाई किले बनाना, कल्पित बातें सोचना, स्त्रियों के सिर का एक गहना, ' मन्द
असम्भव बातें विचारना, मन-मोदक खाना । पर्यो खार हर-चन्दन-कपूर कौ"रत्ना० ।
ख्वार-वि० (दे० ) नष्ट, खराब । संज्ञा, खौरना--स० कि० (हि. खौर ) खौर
स्त्री० ख्वारी -- खराबी, नाश । (तिलक) लगाना।
खिष्टान - संज्ञा, पु० दे० (हि. ख्रीष्ट अं० खौरहा-वि० (हि० खौरा- हा -प्रत्य० )
क्रिश्चियन ) ईसाई, क्रिस्तान (दे०)।
| खिष्टीय-वि० दे० ( अं० क्राइष्ट ) ईसाई, जिसके सिर के बाल झर गये हों, खौरा,
ईसाई धर्म-सम्बंधी। खुजली वाला । स्त्री० खौरही।
| खंष्ट-संज्ञा, पु० दे० ( अं० क्राइष्ट) ईसा खौरा-संज्ञा, पु० दे० (सं० क्षौर ) एक
मसीह । प्रकार की बुरी खुजली जिससे बाल तक
ख्वाजा-संज्ञा, पु० (फा० ) मालिक, सरगिर जाते हैं । वि० खारा रोग वाला (फ़ा
दार, ऊँचा फकीर, नवाबों के रनिवास का बाल खोरा)।
नपंसक नौकर, ख्वाजापरा। खौलना- अ० कि० दे० (सं० वेल) ख्वाब- संज्ञा, पु. ( फा० ) नींद, स्वप्न । ( तरल वस्तु का ) उबलना, गर्म होना। ख्वाबगाह - संज्ञा, पु. यो० ( फा० ) खौलाना–स० कि० (हि. खौलना ) उबा- शयनागार . भा० श० को०-६६
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