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खाम
खानक
५३१ ख़ज़ाना, उत्पत्ति-स्थल । संज्ञा, पु. ( ता०, । (डालना)-मार डालना, खाने दौड़ना मगो०-काङ- सरदार ) सरदार, पठानों | -चिड़चिड़ाना, क्रुद्ध होना, भयानक की उपाधि, खां ।
लगना । खाना हराम करना-बहुत कष्ट खानक - संज्ञा, पु० (सं० खन) खान देना, तंग करना । यौ० खाना कपड़ाखोदने वाला, बेलदार, राज ।
भोजन और वस्त्र (देना-पर रखना)।खानाखानकाह-संज्ञा, स्त्री. (अ.) मुसलमान पीना- दावत, भोज, भोजन । मुहा०साधुओं का मठ ।
मुंहकी खाना - दबना, हार जाना। खानखर-संज्ञा, पु. (प्रान्ती० ) सुरंग, | खाना-संज्ञा, पु. ( फा० ) घर, मकान, खोह।
जैसे-दवाखाना, किसी वस्तु के रखने का घर, खानखाना-संज्ञा, पु. ( तु. ) मुग़ल केस ( अं० ), विभाग, कोठा, सारणी सरदारों की एक उपाधि ।।
(चक्र ) का विभाग, कोष्टक । खानगी-वि० (फा० ) निज का, घरेलू, खानाजात--संज्ञा, पु. (फा० ) दास । श्रापस का । संज्ञा, स्त्री. (फ़ा० ) तुच्छ, वि० घर-जाया, गृह-पालित । वेश्या, कसबी।
खाना-तलाशी- संज्ञा, स्त्री० यौ० (फा० ) खानदान--संज्ञा, पु० (फा०) वंश, कुल । | किसी खोई हुई चीज़ के लिये मकान के वि० खानदानी- अच्छे कुल का, पैतृक, | अंदर छानबीन करना। वंश-परंपरागत।
खानापुरी-संज्ञा, स्त्री० ( फा० खाना+ खान-पान--संज्ञा, पु० यो० (सं० ) अन्न- | पूरना -हि.) किसी सारिणी या चक्र के पानी, आबदाना, खाना-पीना, खाने पीने कोष्टकों में यथा स्थान संख्या या शब्द का सम्बन्ध या श्राचार। " खान-पान, | श्रादि लिखना, नकशा भरना। सनमान, राग-रूँग, मनहिं न भावै "- स्वाना-बदोश-वि० ( फा० ) बिना स्थायी
घर-बार वाला। खानसामा-संज्ञा, पु. (फा० ) अँगरेजों | खानि-संज्ञा, स्त्री० (सं० खनि ) खान, या मुसलमानों का रसोइया ।
ओर, प्रकार, ढङ्ग, उत्पति-स्थान, कोष, खाना--स० कि० (सं० खादन ) भोजन धाम, " फिरतो चारौ खानि"--" चारि करना, पेट में डालना, खर्च कर डालना, खानि जग जीव जहाना"-रामा० ।। उड़ा डालना, शिकार कर खा जाना, विषैले | खानिक --संज्ञा, स्त्री० (दे०) खान । वि० कीड़ों का काटना, डसना, तंग करना, कष्ट खानि सम्बन्धी, खानि का, खान,...... देना, नष्ट करना, दूर करना, हजम करना, ___ " जहाँ जे खानिक"—रामा० ।। मार या हड़प लेना, बेईमानी से रुपया खाप-संज्ञा, स्त्री० (दे०) म्यान, कोष । पैदा करना, रिशवत लेना, श्राघात, प्रभा- खाब- संज्ञा, पु० (दे० ) ख्वाब (प्र.) वादि सहना।
स्वप्न, सपना (दे०)। मुहा०-खाता-कमाता-खाने-पीने भर | खाबड़-वि० (दे०) ऊँची-नीची। यौ. को कमाने वाला, खाना-कमाना- ऊबड़-खाबड़। काम-धंधा करके जीविका निर्वाह करना । | खाम-संज्ञा, पु. ( हि. खामना ) लिफ्राना, खा पका जाना (डालना)-ख़र्च कर संधि, टाँका, खम्भा । वि० (सं० शाम ) या उड़ा डालना । खाना न पचना-चैन घटा हुआ, क्षीण । खाम-( फा०) कम, न पड़ना । खा जाना (कच्चा) या खाना कच्चा, अनुभव-हीन ।
गिर।
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