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कुलवन्त
कुलवन्त – वि० ( सं० ) कुलीन, श्रेष्ठ कुल
का । स्त्री० कुलवन्ती । कुलवान - वि० का । स्त्री० कुलवती ।
कुलह (कुलहा ) संज्ञा, स्त्री० पु० ( फा० कुलाह ) टोपी, शिकारी चिड़ियों की आँखों का ढक्कन, अँधियारी । कुमति - विहंग
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सं०) कुलीन, सश
कुलह जनु खोली " कुलही - संज्ञा, स्त्री० दे० बच्चों के सिर की टोपी, कनटोप ।
दस्तकार, कारीगर, श्रेष्ठ वंशोत्पन्न, प्रधान पुरुष ।
कुल का
रामा० ।
कुलिया - संज्ञा, स्त्री० ( दे० ) छोटी तक गली, कालिया ( प्रान्ती० ) । कुलिश ( कुल्लिस ) - संज्ञा० पु० सं० (दे० ) हीरा, वज्र, बिजली, राम-कृष्णादि देवताओं के पैर का एक चिन्ह, कुठार | " कुलिसहु चाहि कठोर अति " -- रामा० । ( फा० कुलाह ) कुली - संज्ञा, पु० ( तु० ) बोझ ढोनेवाला, मजदूर । यौ० कुली कबारी-छोटी जाति के आदमी । कुलीन - त्रि० (सं० ) उत्तम कुलोत्पन्न, अच्छे वंश या घराने का, पवित्र, शुद्ध, ख़ानदानी | संज्ञा, स्त्री० भा० (सं० ) कुलीनता, कुलिनाई, कुलीनताई (दे० ) । कुलुफ संज्ञा, पु० दे० ( ० कु. फुल ) ताला । कुल्लू ( कुलूत ) - संज्ञा, पु० (सं० कूलूत ) काँगड़े के पास का प्रदेश ।
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कुलांगार – संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) कुल
नाशक, सत्यानाशी ।
कुन्तांच, कुंलॉट-संज्ञा, स्त्री० दे० ( तु० कुलाच ) चौकड़ी, छलाँग, उछाल । कुलांगना – संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं० ) कुलीना, श्रेष्ठ स्त्री, कुल-बधू । कुलाचार - संज्ञा, पु० रीति, वंश-परम्परा | कुलाचार्य संज्ञा पु० यौ० (सं० ) कुलगुरु — पुरोहित ।
यौ० (सं० ) कुल
कुलाधिसंज्ञा स्त्री० (सं०) पाप, पातक । कुलाबा - संज्ञा पु० ( अ० ) लोहे का मुरका जिसके द्वारा किवाड़ बाजू से जकड़ा रहता है, पायजा ।
कुलाल - संज्ञा, पु० (सं० ) मिट्टी के बरतन बनाने वाला कुम्हार, काँची काहू कुसल कुलाल ते कराई ती " - रसि० । जंगली मुर्गा, उल्लू ।
कुलाह -- संज्ञा, पु० (सं० ) गाँठ से सुमों तक काले पैरों वाला भूरे रङ्ग का घोड़ा । संज्ञा, स्त्री० ( फ़ा० ) अफ़ग़ानों की एक ऊँची टोपी ।
--रत्ना० ।
कुलाहल संज्ञा, पु० (दे० ) कोलाहल, (सं० ) शोर-गुल । “ I हम ना कुनाम को कुलाहल करावेंगी ".. कुलिंग - संज्ञा, पु० (सं० ) चिड़ा, गौरा पक्षी । कुलिक - संज्ञा, पु० (सं० ) शिल्पकार, भा० श० को ० - ६१
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कुल्हरा - कुल्हाड़ी
कुलेल - संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० कल्लोल ) कलोल, क्रीड़ा ।
कुलेलना* – प्र० क्रि० दे० ( हि० कुलेल ) क्रीड़ा या खेल करना, किलोल आमोदप्रमोद करना ।
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कुल्माष -संज्ञा, पु० (सं० ) कुलथी, माष, उर्द, द्विदल अन्न, बोरो धान । कुल्मा - संज्ञा, स्त्री० (सं० ) कृत्रिम नदी, नहर, छोटी नदी, नाला, कुलवती स्त्री । कुल्ला - संज्ञा, पु० दे० (सं० कवल ) मुखशुद्धि के लिये पानी भर कर फेंकने की क्रिया, गरारा | संज्ञा, पु० ( ? ) घोड़े का एक रंग जिसमें पीठ पर बराबर काली धारी होती है, इसी रंग का घोड़ा | संज्ञा, पु० ( फ़ा० काकुल ) . जुल्फ़ । स्त्री० कुल्लीकुल्हड़ -संज्ञा, पु० दे० (सं० कुल्हर) पुरवा, चुक्कड़ | स्त्री० कुल्हिया, कुलिया (दे० ) । कुल्हरा - कुल्हाड़ा - संज्ञा, पु० दे० (सं० कुठार ) लकड़ी काटने या चीड़ने का एक श्रौज़ार, कुठार, कुल्हार (दे० ) कुहाड़ा कुहारा - ( दे० ) फरसा ।