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कुटिया
(सं०
कुटिया -संज्ञा, स्त्री० दे० झोपड़ी, कुटी, मँड़ैया ( दे० ) । पर्णकुटी - पत्तों या घास-फूस की छोटी सी कुटिया मेरी है कैसे
6.
झोपड़ी । तुम्हें बुलाउँ मैं" - मयं ० । कुटिल - वि० (सं० कुट + इल् ) वक्र, टेढ़ा, कुंचित, छल्लेदार, घुँघराला, दगाबाज़, क्रूर, कपटी, खोंटा, दुष्ट | संज्ञा, पु० (सं० ) खल, पीत- श्वेत वर्ण और लाल नेत्रों वाला, १४ वर्णों का एक वृत्त । " कपटी, कुटिल मोहिं प्रभु चीन्हा ' रामा० । कुटिलता-संज्ञा स्त्री० भा० (सं०) छल, कपट दुष्टता, टेढापन, कुटिलाई, कुटिलपन - खोदाई, वक्रता । यौ० कुटिलान्तःकरा-कपटी, छली, क्रूर हृदयी । कुटिला -संज्ञा, स्त्री० (सं०) दुष्टा, सरस्वती नदी एक प्राचीन लिपि, वि० स्त्री० टेढ़ी । कुटी कुटीर -संज्ञा, स्त्री० (सं० ) घासफूल से बना छोटा घर, पर्णशाला, कुटिया,
पुत्र
पड़ी, मुरा नामक गंधद्रव्य, श्वेत कुटज । कुटीचक कुटीचक-संज्ञा, पु० सं० (दे० ) शिखा सूत्र न त्यागने वाला संन्यासी, (४ प्रकार के संन्यासियों में से प्रथम ) त्रिदंडी, के अन्न से जीने वाला | कुटीचर - संज्ञा, पु० (सं०) कुटी चक्र, यति छली । (सं० कुचर ) चुगलखोर | कुटुम्ब – संज्ञा, पु० (सं० ) परिवार, कुनबा, सन्तति ख़ानदान, कुटुम । दे० ) | कुटुम्बी ( कुटुमी ) संज्ञा, पु० ( सं० कुटुम्बिन् ) परिवार वाला कुटुम्ब के लोग, सम्बन्धी, नातेदार, जाति- बाँधव परिजन, सन्ततिवाला - " विविध कुटुम्बी जनु धनहीना '- रामा० ।
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कुटेक - संज्ञा स्त्री० (सं० कु + टेक = हिं० ) अनुचित हठ, बुरी ज़िद । वि० कुटेकीदुराग्रही । कुर्टेव संज्ञा, त्रो० ( हिं० कु + टॅव ) बुरी कुठार - संज्ञा, पु० (सं०) कुल्हाड़ी, परशु, आदत, बुरी बान | फरसा, नाश करने वाला, भंडार, कुठला ।
रामा० ।
कुटी )
यौ०
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कुठार
कुटौनी -संज्ञा, स्त्री० ( हि० कूटना ) कुटाई, कूटने की मजदूरी । कुट्टनी-संज्ञा, स्त्री० (सं० ) कुटनी दूती (हि० ) ।
कुट्टमित - संज्ञा, पु० (सं० कुट्ट + मा + क्त ) संयोग - समय में स्त्रियों की सुखदुख की मिथ्या चेष्टा सूचक एक हाव । जहँ सँजोग मैं करत है, दुख-सुख-चेष्टा वाम । ताको कहत रसाल कवि हाव कुट्टमित नाम । " २०२० ।
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कुट्टा - संज्ञा पु० दे० ( हि० कटना ) पर कटा कबूतर, पैर बँधा, जाल में पड़ा पत्ती जिसे देख दूसरे पक्षी श्रा फँसते हैं 1 कुट्टी - संज्ञा स्त्री० दे० ( हि० काटना ) छोटे छोटे टुकड़ों में कटा हुआ चारा या arat, r और सड़ाया हुआ कागज़ जिससे टोकरी आदि बनाते हैं, मैत्रीभङ्ग का एक शब्द या क्रिया ( जिसे बालक दाँतों से नाखून बुलाकर करते हैं, खुट्टी, खट्टी ) पर कटा कबूतर | कुठला संज्ञा, पु० दे० (सं० कोष्ठ प्रा० कोट्ट + ला = प्रत्य० ) थनाज रखने का मिट्टी का बड़ा बरतन । स्त्री० प्रत्या० कुठली । कुठाँउ कुठाँव-संज्ञा, पु० दे० ( हि० कु + ठाँ) बुरी जगह | कुठॉय, कुठौर, कुठाम (दे० ) बुरा स्थान | मुहा० - कुठाँव मारना - ऐसे स्थान पर मारना जहाँ बहुत कष्ट हो, मर्मस्थल में मारेसि मोहिं कुठाँव रामा० । यौ० ठाँव - कुठाँघ - धच्छे-बुरे
मारना
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स्थान पर ।
कुठाट - संज्ञा, पु० ( हि० कु + ठाट ) बुरा साज-सामान, बुरा प्रबन्ध, या धायोजन, बुरे काम की बन्दिश या तैय्यारी । मोंहि लगि यह कुठाट तेहि ठाटा । "
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