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कटोल कटाह-संज्ञा, पु० (सं० ) बड़ी कड़ाही, अनिष्ट, रस-विरुद्ध वर्ण-योजना ( काव्य० ), कड़ाह, कछुए की खोपड़ी, कुआँ, नरक, अप्रिय, चरफरा, तिक्त । " कटुक कुवस्तु झोंपड़ी, भैंस का बच्चा, टूह, ऊँचा टीला। | कठोर दुराई"-रामा०। कटि-संज्ञा, स्त्री. (सं० ) देह का मध्य कटुना-संज्ञा, स्त्री० (सं० ) कटुवापन, वैमभाग, पेट के नीचे का हिस्सा, कमर, हाथी नस्य, बुराई, कटुत्व । का गंडस्थल : यौ० कटि-तट-नितंब । कटुकी-( कुटको)-संज्ञा, स्त्री. (सं.) कटि-देश-कमर । कटि-वस्त्र-धोती, कुटकी नामक औषधि, कटु रोहिणी। पाजामा श्रादि।
कटुग्रंथि-संज्ञा, स्त्री० (सं०) पिपरामूल, कटिजेब-संज्ञा, स्त्री० (हि. कटि+जेब- सोंठ। रस्सी ) किंकिणी, कटि-सूत्र, करधनी। कटु कट-कटुभद्र-संज्ञा, स्त्री० (सं०) सोंठी। कटिबंध-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) कमरबंद, कटुवादी-वि० (सं० ) कड़वीबात कहने नारा, भूमध्य रेखा के ऊपर और नीचे कर्क वाला, अप्रियवादी " कटुवादी बालक और मकर रेखाओं वाले भाग । सरदी गरमी बध जोगू "--रामा० । के विचार से पृथ्वी के पाँच भागों में से कोई कटुभी--संज्ञा स्त्री० (दे० ) माल काँगुनी। एक भाग ( भूगो०)।
कक्ति-संज्ञा, स्त्री० (सं० यौ० ) अप्रिय कटिबद्ध-वि० (सं०) कमर बाँधे हुए, बात, बुरी उक्ति। तैय्यार, तत्पर, उद्यत । संज्ञा, स्त्री० भा० कट्टसा - संज्ञा, स्त्री० (सं०) दुर्वचन, फूहड़ता। (सं० ) कटिबद्धता-तत्परता। | कटेरी-संज्ञा, स्त्री० (हि० काँटा) भटकटैया, कटि-भूषण ---संज्ञा, पु. ( सं० ) करधनी, | कंटकारी (सं० ) कटैय्या (दे० )।
कटेहर--संज्ञा, पु० ( दे०) खोपा, हल की कटि-सूत्र--संज्ञा, पु. (सं० ) बच्चों की | लकड़ी जिसमें फल लगा रहता है।
कमर में बाँधा जाने वाला तागा, मेखला। कटया--संज्ञा, पु. ( हि० काटना) काटने कटिया-संज्ञा, स्त्री० (दे०) सन का वस्त्र, वाला । संज्ञा, स्त्री० भटकटैया । रनों को काटने-छाँटने वाला कारीगर, कटला-संज्ञा, पु. (दे०) एक कीमती जड़िया, कुटी, गाय-बैल का कटा हुआ पत्थर । चारा ( जुआर के पौधे), नुकीला टेढ़ा कटोरदान-संज्ञा, पु० (हि. कटोरा+ अंकुस, मछली मारने का काँटा।
दान—प्रत्य० ) भोजनादि रखने का पीतल कटियाना* --- क्रि० (हि. काँटा) का एक ढकनेदार बरतन । रोगों का खड़ा होना, कंटकित होना, कटोरा -- संज्ञा, पु० दे० (हि. काँसा+ रोमांच होना।
ओरा --- प्रत्य० ) कँसरा-खुले मुँह, छोटी कटीला-वि० (हि० काटना) काट करने | दीवाल और चौड़ी पेंदी का बरतन । वाला, तीषण, चोखा, तीव्र प्रभाव डालने कटोरी-संज्ञा, स्त्री दे० (हि. कटोरा का वाला, मुग्ध या मोहित करने वाला, नोंक- | अल्पा० ) छोटा कटोरा, थाली, बिलिया, झोंक का, नुकीला,बाँका । स्त्री० कटीली । अँगिया का स्तन ढाकने वाला भाग, तलवार वि० (हि० काँटा ) काँटेदार, नुकीला, पैना, | की मूठ का ऊपर वाला गोल भाग, फूल के कंटार, काँटों वाला।
सीके का चौड़ा और दल वाला भाग । (दे०) कटु-कटुक-वि० (सं० ) छः रसों में से | कटोरिया। एक, चरपरा, कडुवा, बुरा लगने वाला, कटोल- संज्ञा, पु० (दे०) चंडाल, एक फल ।
तगड़ी।
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