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इकीस २८३
इजराय इक्कीस-वि० दे० (सं० एक विंशत् ) इखराज-संज्ञा, पु० (म०) निकास, ख़र्च । बीस और एक।
इखलास-संज्ञा, पु. (अ.) मेल-मिलाप, संज्ञा, पु० बीस और एक की संख्या, या मित्रता, प्रेम, भक्ति, प्रीति, एखलाक । अंक, २१।
इखुल-संज्ञा, पु० (दे०) इषु (सं०) वाण । इक्यावन-वि० दे० (सं. एक पंचाशत, इख्तियार-संज्ञा, पु. (अ.) अधिकार, प्रा० इक्कावन ) पचास और एक ।
अधिकार-क्षेत्र, सामर्थ्य, काबू, प्रभुत्व, स्वत्व, संज्ञा, पु० पचास और एक की संख्या या अंक, ५१, इक्कापन (दे.)।
इच्छना-स० क्रि० दे० (सं० इच्छन ) इश्चासी-वि० दे० (सं० एकाशीति, प्रा. इच्छा करना, चाहना, लालसा रखना। एक्कासि ) अस्सी और एक ।
इच्छा-संज्ञा, स्त्री० (सं०) किसी सुखद संज्ञा, पु. अस्सी और एक की संख्या या - वस्तु की प्राप्ति की ओर ध्यान को ले जाने अंक, ८१, एक्यासी।
वाली एक मनोवृत्ति, लालसा, श्रभिलाषा इतु-संज्ञा, पु० (सं०) ईख, गन्ना, ऊख। चाह, रुचि । इत्तु-विकार--संज्ञा, पु० यौ० (सं०) इच्छाचारी–वि. पु. ( सं० ) मनमौजी, माधुर्य, चीनी आदि पदार्थ ।
मन के अनुसार घूमने, फिरने या काम करने यौ० इतुकांड--संज्ञा, पु. यो० (सं०)
वाला, स्वतंत्र, स्वच्छंद, निरंकुश, स्वेच्छाईख के पोर, या भाग, मुंज, रामशर, चारी । स्त्री० इच्छाचारिणी। रामबाण।
इच्छाभेदी--संज्ञा, स्त्री० (सं० ) विरेचनइतुप्रमेह-संज्ञा, पु. यौ० (सं० ) मधु
वटी, साधारण दस्तावर दवा। प्रमेह , मूत्र सम्बन्धी एक प्रकार का रोग। इनुमती-संज्ञा, स्त्री० (०) कुरुक्षेत्र के
| इच्छाभोजन-संज्ञा, पु० यौ० (सं० )
इच्छा के अनुसार खाना, भाभीष्ट भोजन, पास एक नदी।
। रुचिकर भोजन । इक्षुरस-संज्ञा, पु. यौ० (सं० ) राब,
इच्छालाभ-संज्ञा, पु० यो० (सं० ) खंडरस, ईख का रस इक्षरसोद-संज्ञा, पु. यो० (सं०) ईख
अभीष्ट-प्राप्ति ।
इच्छित-वि. ( सं० ) चाहा हुश्रा, के रस का समुद्र।
वांछित, ईप्सित । इतुसार-संज्ञा, पु. ग. (सं० ) गुड़. खाँड आदि पदार्थ ।
इच्छु --संज्ञा, पु. (दे०) ईख, ऊख, इक्ष्वाकु-संज्ञा, पु. ( सं०) वैवश्वत मनु
। इतु (सं०)। के पुत्र और सूर्य-वंश के प्रथम राजा,
इच्छुक-वि० (सं० ) चाहने वाला, इच्छा इन्हींने अयोध्या को राजधानी बनाया था, ।
रखने वाला, अभिलाषी, आकांक्षी। इनके पुत्र का नाम कुक्षि था, सुम्वन्धु
| इजमाल-संज्ञा, पु. (अ.) कुल, समष्टि, सुत काशी-नरेश, जो इक्षु-दंड फोड़ कर
किसी वस्तु पर कई व्यक्तियों का संयुक्त निकला था, कडुई लौकी।
स्वत्व, साझा। इक्ष्वालिका--संज्ञा, स्त्री. (सं० ) नरकट, |
| वि० इजमाली (१०) शिरकत का, नरकुल, सरपत, मुंज, काँशा।
मुश्तरका, संयुक्त, साझे का। इखद-वि० (दे०) ईषत् (सं० ) | इजराय—संज्ञा, पु. (अ.) जारी करना, थोड़ा, कम।
प्रचार करना, व्यवहार, अमल, प्रयोग ।
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