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इन्द्रियविषय
इकतीस इन्द्रियविषय-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) इकजोर-कि० वि० दे० (सं० एक+ इन्द्रियग्राह्य, नेत्रादि, इन्द्रियों के पथ-स्थित, जोर=हि० ) इकट्ठा, एक साथ, सब मिल इन्द्रियों के कर्म।
कर एक। इन्द्रियागांचर-वि० (सं० इंद्रिय + अगो- इकटक-क्रि० वि० (दे० एक टक-हि.)
चर) जो इन्द्रियों से न जाना जा सके। निस्पंद नेत्र से देखना, टकटकी लगाकर इन्द्रियार्थ-संज्ञा, पु. यौ० (सं० ) इन्द्रिय- ताकना। जन्य ज्ञान का विषय, रूप, रस, शब्द, इकट्ठा-वि० दे० (सं० एकस्थ ) एकत्र, गंध आदि।
जमा, एक ठौर। इन्द्री*-संज्ञा, स्त्री० ( दे०) इंद्रिय (सं०) इकठौर-इकठोरी–वि० दे० (एक+ठौर ) लिंग (दे०)।
एक स्थान पर जमा करना, एकत्रित, इकट्ठा । इन्द्रीजुलाब-संज्ञा, पु० दे० ( स० इंद्रिय + इकतर*-वि० दे० (सं० एकत्र ) ऐकत्र, जुलाब-फा० ) पेशाब अधिक लाने वाली इकट्ठा । औषधि।
इकतरा-संज्ञा, पु० (दे० ) एकातर (सं.) इन्धन-संज्ञा. पु. (सं० ) जलाने की एक दिन का नागा करके श्राने वाला ज्वर, लकड़ी, इंधन (दे०)।
अतरा (दे०) एकाहिक (सं० ) एकतरा । इनारून----संज्ञा, पु० दे० (सं० इंद्रायन ) । इकता -संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० एकता) इद्रायण।
ऐक्य, मेल। इन्साफ-संज्ञा, पु. (अ.) न्याय, अदल, इकताई-साज्ञ, स्त्री० दे० ( फ़ा० यकता) फैसला, निर्णय (वि० मुंसिफ ), संज्ञा. पु. एक होने का भाव, एकत्व, अकेले रहने की (सं०) कामदेव।
इच्छा, स्वभाव या बान, एकांत-सेविता, इकक-कि० वि० दे० ( इक -- अंक) अद्वितीयता, एकता, ऐक्क, अभेद । निश्चय ही।
" एक से जब दो हुए तब लुत्फ़ इकताई "बाल बरन सम है नहीं. रंक मयंक नहीं"। इकंक "-दासः ।
इकतान*-वि० दे० (हि० एक+तान ) इकंग*-वि० (दे०) एकांग ( सं० ) एक एक रस, एक सदृश, एकसा, इकताना श्रोर का।
( दे०) स्थिर, अनन्य ।। संज्ञा, पु. शिव।
इकतार-वि० दे० (हि. एक+तार) इकन-वि० (दे०) एकान्त (सं० ) बराबर, एक रस, समान । अकेले में, नितांत ।
क्रि० वि० लगातार, निरंतर । संज्ञा. पु. ( दे० ) निर्जनस्थान।
इकतारा--संज्ञा, पु० दे० (हि० एक+तार ) इक-वि० ( दे० ) एक (सं० )। सितार के ढंग का एक बाजा जिसमें केवल
“ इक बाहर इक भीतरै "..- वृन्द। एक ही तार लगा रहता है, एक प्रकार का इकइस-वि०(दे०) इक्कीस ( दे.) एक हाथ से बुना जाने वाला कपड़ा जिसमें सूत विशंति (सं० ) बीस और एक, सात का एकहरा ही रहता है। तिगुना, संज्ञा, पु० (दे०) इक्कीस का अंक। इकतीस-- वि० दे० (सं० एकत्रिंशत, या इकछतराज-संज्ञा, पु. ( दे०) एक छत्र एकतीस ) तीस और एक।। राज्य (सं० ) चक्रवर्ती राज्य. प्रतिद्वंदी संज्ञा, पु. तीस और एक की संख्या, रहित राज्य ।
। इकतीस का अंक, ३।। मा० श.का---३६
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