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हाथ
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या मार पड़ना । हाथ पत्थर तले । हाथ फैलना (पसारना, बढ़ाना)-माँगने दबना-बड़ी कठिनता या बड़े संकट को हाथ बढ़ाना । (किसी काम में किसी में पड़ना, विवश या लाचार होना, कठिन का ) हाथ बटाना--सम्मिलित, शामिल परिस्थिति में पड़ना हाथ पर हाथ धरे या शरीक होना, योग देना, सहायक होना । बैठे रहना--विना काम-धंधे के रहना, हाथ बाँधे खड़े रहना-सेवा में बराबर कुछ काम धंधा न करना, बेकार या निठल्ला उपस्थित रहना । हाथ-मॅजना (माँजना) रहना । हाथ पसारना या फैलाना-- ---हाथ से किसी काम के करने का माँगना, याचना, श्रागे हाथ बढ़ाना। हाथ- अभ्यास होना ( करना )। हाथ मलनापैर (पाँव) बलना ---श्रम से काम करने बहुन पछिताना, निराश तथा दुखी होना । की सामर्थ्य या योग्यता होना। हाथ-पाँव " हाथ मलै पछिताय "-वृन्द । “ रह चलाना-काम-धंधा करना, श्रम या । गया मैं मलते हाथ "--- हरि०। (किसी प्रयत्न करना, उद्योग करना । हाथ-पाँध ठंढे वस्तु पर ) हाथ मारना-छिपा देना, (सुन्न) होना-मरन के समीप होना, भय उड़ा लेना, ग़ायब कर देना। हाथ (में) से व्याकुल या स्तब्ध होना। हाथ-पाँव अाना-प्राप्त होना । हाथ में करना(पर) ढाले पड़ना-निराशादि से शिथिलता कब्ज या वश में कर लेना, ले लेना. अाना, हतोत्साह या अशक्त होजाना । हाम- स्वाधिकार में या आधीन करना । (मन ) पाँव निकालना-मोटा-ताजा या हट-पुष्ट हाथ में करना-मन लुभाना, मोहित होना,सीमा का उल्लंघन करना या लांघना, करन । ( अपना मन ) हाँथ में करना शरारत करना । हाथ-पांव फतना-भय या (होना)-- मन को स्वाधीन करना (होना)। शोक से घबरा जाना, हतोत्याह या निराश हाथ में होना -- वश या अधिकार में होना, हो अशक्त हो जाना।हाथ पाँव (पैर) पट- सामर्थ्य में होना। हाथ रॅगना-घूस या कना-तड़पना, प्रयत्न या दौड़-धूप करना । रिशवत लेना। हाथ रोपना या ओड़ना हाथ-पाँव (के) होना ( न होना )- ----मांगना. हाथ फैलाना या पसारना । समर्थ या योग्य होना ( न होना )। हाथ बढ़ाना-किसी की सहायता करने हाथ-पाँव पटकना (घट कटाना ) -- । को उग्रत होना, हाथ बटाना । (किसी छटपटाना, फरफराना उद्योग या प्रयत्न काम के लिये) हाथ बढ़ाना-किसी करना । (किसी के ) हाथ-पाँव ( पैर) कार्य के करने को प्रथम या धागे उद्यत जोड़ना-विनय करना । हाथ-पाँव या तैयार होना । ( कोई वस्तु ) हाथ मारना या हिलाना-बहुत प्रयत्न या लगना-प्राप्त होना, मिलाना, हाथ में उपाय करना, बड़ा उद्योग या परिश्रम । पाना (किसी काम में किसी का करना । हाथ पर (पांव ) पसारना हाथ होना-सहयोग या राय होना, (फैलाना)-अधिक पाने की इच्छा करना, अधिकार होना, सम्मिलत होना । (किसी
आगे बढ़ना । हाथ-पीले करना (होना) काम में ) हाथ लगना-प्रारंभ या शुरू - व्याह करना ( होना) या व्याह में किया जाना या होना, किसी के द्वारा किया हाथों को हल्दी से रँगना (रंग जाना )। जाना । (किसीवस्तु में) हाथ लगना(किसीवस्तु पर)हाथ फेरना-ले लेना, स्पर्श होना, छू जाना। (किसो काम उड़ा लेना । (किसी पर) हाथ फेरना- में), हाथ लगाना-योग देना, प्रारंभ या मान्त्वना और प्रोत्साहन देना, प्यार करना ।। शुरू वरना । (किसी चीज़ में ) हाथ मा. को.-30
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