________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
aani
हवाल
१८७६
हस्तत्राण हवाल-संज्ञा, पु० दे० ( ० अहवाल ) | शहमत-संज्ञा, स्त्री० (अ०) वैभव, बड़ाई, गति, वृत्तांत, हाल, समाचार, हालत, परि- ऐश्वर्य, गौरव । णाम. दशा, अवस्था । यौ० - हाल-हवाल। हसद-संज्ञा, पु० (अ०) डाह. ईयां । हवालदार-संज्ञा, पु० दे० ( उर्दू हवलदार) हसन-संज्ञा, पु० (सं०) हँसना, हास, एक सैनिक अफसर, हवलदार ।
परिहास विनोद, दिल्लगी। संज्ञा, पु० (अ०) हवाला-संज्ञा, पु. (अ०) प्रमाणोल्लेख, इमाम हुसेन के भाई ( मुगला० )। दृष्टांत, उदाहरण, मिसाल. सुपुर्दगी, ज़िम्मे-हमब-अव्य (अ०) हस्व (दे०) मुताविक, दारी, उत्तर-दायित्व । मुहा०--किसी के अनुपार. अनुकूल । हवाले करना--किसी के सुपुर्द करना, हसरत संज्ञा, स्त्री० [अ०) शोक, अफसोस, सौंपना।
दुःख, रंज, दिली इच्छा, लालसा, हादिक हवालात-संज्ञा, स्त्री० (अ०) कैद, पहरे में
कामना । " मेरी हसरत देखती है किस रखने की क्रिया या भाव, नजरबंदी, अभि
तरह सवार में युक्त की साधारणा कैद, जो मुकदमें के निर्णय
हसित-वि० सं०) जिसे या जिस पर लोग से पूर्व उसे रोकने को दी जाती है, हाजत, हपते हों, जो हँसा हो या हया गया हो। कैदखाना, अभियुक्त के रखने का स्थान. |
संज्ञा, पु०-हँसना, हास्य, हँसी-ठट्टा, बंदीगृह । हवास-संज्ञा, पु० (अ०) इन्द्रियाँ, सौदन,
मदन-धनुष । होश, संज्ञा, चेतना । यौ०---होश-हवास।
हसीन-- वि० (अ) खूबसूरत, सुन्दर। संज्ञा,
पु. -सुन्दर व्यक्ति । मुहा०-हवास गुम होना-भय से स्तंभित होना । होश उड़ जाना या टिकाने
हस्स-सला, पु०० हाथ, हाथी की सूड,
हाथ के आकार वाला पाँच तारों का एक न रह जाना । हवास फाख्ता होनाहोश उड़ जाना ।
समूह या एक नक्षत्र (ज्यो. ) हाथ या हवि-संज्ञा, पु. ( सं० हविस् ) हवन की
चौबीस अंगुल की नाप. हाथ का लिखा वस्तु, पाहुति का पदार्थ, पाहुति का
लेख, लिखावट । शेषांश. अग्नि का प्रसाद ।" यह हवि बाँटि
हस्तकौशल-ज्ञा, पु० यौ० (सं०) किली देहु तुम जाई 'रामा०।
कार्य में हाथ चलाने की निपुणता, करहविस-संज्ञा, स्त्री० (सं०) हवस. इच्छा।
। कौशल : हविष्य-वि० (सं०) हवन करने योग्य । हस्तक्रिया-- संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं०) हाथ का संज्ञा, पु. हवि, पाहुति, वलि, होम करने ।
काम, दस्तकारी, हाथ से इन्द्रिय-संचालन, या किसी देवता के लिये अग्नि में डालने सरका कूटना ( मारना ) हस्त-मैथुन।। की वस्तु।
हस्तक्षेप-संज्ञा, पु. (सं.) किसी होते हुए हविष्यान-संज्ञा, पु. यौ० (सं०) या के काम में हाथ लगाना, या कुछ कर देना, समय का भोजन या श्राहार।।
दखल देना। हवेली-हवेली (दे०)-संज्ञा, स्त्री. (१०) हस्तगत--वि० (सं०) करगत, हाथ में पाया
प्रासाद, महल, बड़ा पक्का घर, स्त्री, पनी। हुआ, प्राप्त, लब्ध । हव्य-संज्ञा, पृ० (सं०) होम की सामग्री, हस्तच्छाया - संज्ञा, स्त्री० यो० (सं०) रता, हवन का पदार्थ, हवि, आहुति ।
शरण । हविर्भुज-संज्ञा, पु. ( सं० हविभु ) अग्नि, हस्ताण-- संज्ञा, पु० यौ० (सं०) अस्त्राघात
| से रक्षा के लिये हाथ में पहनने का दस्ताना।
भाग।
For Private and Personal Use Only