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साल
जिसमें दूसरे राग का मेल तो न हो किन्तु किसी राग का श्राभास सा ज्ञात हो (संगी० )
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साल-संज्ञा, खो० ( हि० सालना ) सलना या सालना किया का भाव, छिद्र, छेद, बिल, सूराख़, पलंग के पायों के चौकोर छेद, जखम, घाव, पीड़ा, दुःख, वेदना । संज्ञा, पु० (सं०) शाल वृक्ष, जड़, राल ! संज्ञा, पु० ( फा०) बरस, वर्ष संज्ञा, पु० दे० (सं० शालि, शाल) शालि, धान, शाल का पेड़ | संज्ञा, पु० दे० ( फ़ा० शाल ) शाल, दुशाला | संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० शाला ) शाला, स्थान, घर ।
सालक - वि० दे० ( हि० सालना ) सालने
या पीड़ा देने वाला, दुःखद । सालगिरह - संज्ञा स्त्री० यौ० (फा० ) बरसगाँठ, वर्ष-ग्रंथि जन्मतिथि, जन्म-दिवस | सालग्राम - संज्ञा, ५० दे० ( सं० शालग्राम ) शालग्राम, विष्णु की धनगद मूर्ति जो गंडकी नदी से मिलती है, शालिगराम, सालिगराम (दे० ) 1
सालग्रामी-संज्ञा, खो० दे० (सं० शालग्राम ) गंडकी नदी जहाँ विष्णु की नगद मूर्त्ति मिलती है।
सालन - संज्ञा, पु० दे० (सं० सलवण ) रोटी के साथ खाने के दाल, तरकारी, कढ़ी श्रादि पदार्थ ।
सालना - प्र० क्रि० दे० ( सं० शूल ) खटकना, कसकना, पीड़ा या दुख देना चुभना, गड़ना । स० क्रि० -- पीड़ा या दुख पहुँचाना, चुभाना, गड़ाना सालत सौत बचाइबो तेरो ' सालनियांस पंज्ञा, पु० यौ० (सं०) राल,
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- पद्मा० ।
धूप, धूना ।
सालम मिश्री - संज्ञा स्त्री० ( प्र० सालब + मिश्री सं० ) सुधामूली, वीरकंदा, एक पौष्टिक कंद वाला एक तुप सालिममिसिरी (दे० ) ।
सालरस - संज्ञा, पु० यौ० (सं०) राल, धूप
सालोक्य
सालस -- संज्ञा, पु० (प्र०) दो पक्षों के बीच मैं निर्णायक, मध्यस्थ, बिचवानी, पंच । सालसा -- सज्ञा, पु० (०) रक्त शोधक अर्क, सारसा (दे० ) । वि० स्त्री० (सं०) घालस्ययुक्त | वि० यौ० (हि०) शाल के समान । सालसी- संज्ञा, स्त्री० ( ० ) सालस होने पंचायत । वि० स्त्री०
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का भाव या क्रिया, ( हि०) शाल जैसी । सालस्य -- वि० (सं०) धालस्य-युक्त । साला - संज्ञा, पु० दे० (सं० श्यालक ) स्त्री या पत्नी का भ्राता, एक गाली । त्रो०साली | संज्ञा, पु० दे० (सं० सारिका ) सारिका, मैना | संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० शाला) स्थान, सालाना सालियाना - वि० दे० ( फ़ा० सालान: ) वार्षिक, वर्ष या साल संबंधी । सालि -- संज्ञा, पु० दे० (सं० शालि ) शालि
घर |
धान |
सालिग्राम - संज्ञा, पु० दे० (सं० शालिग्राम) शालिग्राम, विःगु मूर्ति, सालिगराम (दे०) । सालिबमिश्री - संज्ञा, स्त्रो० दे० (प्र० सालब + मिश्री सं० ) पौष्टिक कंद वाला एक तुप, सालम मिश्री, सुधामूली, वीरकंद । सालिम - वि० (०) पूरा, संपूर्ण,
सब समस्त |
सारा,
साली-संज्ञा, स्त्री० दे० ( सं० श्याली) पत्नी की बहन ।
सालु -संज्ञा, पु० दे० ( हि० सालना ) दुख, कष्ट, ईर्ष्या, डाह (दे०) ।
सालू- संक्षा, पु० (दे०) एक मांगलिक लाल वस्त्र, सारी, परमीना, दुशाला । सालूर - संज्ञा, पु० (दे०) एक मांगलिक लाल वस्त्र, सारी, पश्मीना, दुशाला, घोंघा,
घोंबी । .6 रतनाकर सेवै रतन, सर सेवै सालूर - नीति० । सालोक्य-संज्ञा, पु० (सं०) चार प्रकार की मुक्ति में से एक जिसमें मुक्त जीव परमात्मा के साथ उसके लोक में निवास करता है, सलोकता ।
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