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लुगाड़ा
लुचई, लुचुई जिसने अपने नाम (लीलावती) से गणित की चमकदार रोग़न, वानिश, पालिश भाग की एक पुस्तक रची थी, ३२ मात्राओं का ज्वाला या लपट. ली, छिपना । एक मात्रिक छंद (पि.)। वि. स्त्री० -- लुकठी-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. लुक ) जलती लीलायुक्ता।
लकड़ी, लाठी। लुगाड़ा-संज्ञा, पु. (दे०) लुच्चा, शोहदा, लुकना-अ० कि० दे० ( सं० लुक = लोप) गंडा । स्त्री०-लंगाडी।।
छिपना, थोट या आड़ में होना, लोप लंगी, लँगी-संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० लँगोट, होना । स० रूप०-लुकावना, लुकाना, लाँग ) धोती के बदले कमर में लपेटने का प्रे०-लुकवाना। "खड्भ्यः लुक''-अष्टा० । कपड़े का छोटा टुकड़ा, तहमत ।
लुकमा-संज्ञा, पु. (अ.) ग्रास, कौर ।। लंचन--संज्ञा, पु. (सं०) नोचना, उखेड़ना, लुकाट --- संज्ञा, पु० (दे०) एक पेड़ और उत्पाटन, चुटकी से उखाड़ना ।
उसका फल। लुंज, लंजा-वि० दे० (सं० लंचन) लँगडा, लुकाना-स० कि० दे० ( हि० लुकना ) लूला, बिना पत्ते का पेड़, Zट ।
छिपाना, श्राड़ या प्रोट में करना । अ० लंठना-स० क्रि० दे० (सं०) लूटना, लुढ़- क्रि० (दे०) छिपना, लुकना । प्रे० रूपकना, चुराना, लुठना (दे०) । वि०
लुकवाना। लंठित, लंठनीय । संज्ञा, पु. लंठन ।।
लुकेठा-संज्ञा, पु० दे० ( सं० लोक -- काष्ट) लंड-संज्ञा, पु० (सं० लंड ) रुड, कबंध,
सुलगती हुई लकड़ी, चुग्राती (प्रान्ती.)। बिना सिर का धड़ । वि० पु० - लंडा, स्त्री०
तुखिया - संज्ञा, स्त्री० (दे०) कुलटा या चाललुंडी।
बाज़ स्त्री। लंडमंड-वि० यौ० दे० (सं. हड+मंड)
लुगड़ा, लुभग---संज्ञा, पु. (दे०) वस्त्र, सिर और हाथ-पैर कटा धड़, धड़ और सिर,
कपड़ा, अोदनी । यौ०-लहँगा-लुगरा ।
लगदी-संज्ञा, स्त्री० (दे०) गीली वस्तु का पत्रहीन वृक्ष, ठ ।
निस्सार लोंदा, निस्सार वस्तु का पिंड या लंडा-वि० दे० (सं० रुड ) ऐसा पक्षी
गोला, निस्तत्व गूदा। जिसके पर और पूंछ भी झड़ गयी हो,
लुगगी-संज्ञा, पु० दे० ( हि० लूगा+ड़ारुड, कबंध । स्त्री०-लंडी।
प्रत्य०) कपड़ा, श्रोदनी, फटा-पुराना वस्त्र , लेविनी-संज्ञा, स्त्री. (सं०) कपिलवस्तु के
छोटी चादर, लत्ता। यौ०-लॅहगा-लुगरा। समीप का वह वन जहाँ गौतम बुद्ध उत्पन्न
लुगरी- संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० लुगरा ) फटी
पुरानी धोती। लुाठा -- संज्ञा, पु. दे० (सं० लेाक = काष्ठ)
लुगाई -- संज्ञा, स्त्री० दे० (हि० लोग) लोगाई, सुलगती या जलती हुई लकड़ी, चुयाती
स्त्री, औरत, नारी। (प्रान्ती०) । स्त्री० अल्या.---'नुअाठी।।
लुगी---- संज्ञा, स्त्री० दे० (हि० लूगा) पुराना लुआब-संज्ञा, पु. (अ.) चिपचिपा या वस, घाँघरे या लँहने की संजान या फटा लसदार गूदा, लासा, लबाब (दे०)। चौड़ा किनारा । लुकंजन*-संज्ञा, पु० दे० (सं० लोपांजन) लुग्गा--संज्ञा, पु. द० (हि० लूगा) लुगरा, एक अंजन जिसका लगाने वाला अदृश्य हो लूगा। जाता है, लोपांजन, सिद्धांजन ।
लुच-वि० (दे०) निरा, केवल, नंगा, उघाड़ा। लुक-संज्ञा, पु० दे० ( सं० ले क = चमकना) लुचई, लचुई।-- संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० रुचि)
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