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लगालगी
लगना)
लगालगी — संज्ञा, स्त्री० ( हि० प्रीति, लगन, लाग, प्रेम, मेलजोल, संबंध । ' लगालगी लोचन करै ' - रही० । लगाव - संज्ञा, पु० ( हि० लगना + श्रावप्रत्य० ) संबंध, ताल्लुक, वास्ता । लगावट - संज्ञा, स्त्री० ( हि० लगना + आवटप्रत्य० ) संबंध ताल्लुक, वास्ता, प्रीति । लगावन - संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० लगना ) लगाव, संबंध |
लगावना – स० क्रि० दे० ( हि० लगाना ) लगाना, मिलाना, जोड़ना ।
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लगि — प्रव्य० दे० ( हि० लौं ) तक, पर्यंत पास | संज्ञा, स्त्री० दे० (हि० लग्गी) लग्गी, लग्घी (ग्रा० ) । लगी + - संज्ञा स्त्री० दे० ( हि० लग्गी )
लग्गी, लग्घी (ग्रा० ) |
लगेँहा - वि० (दे०) सुंदर, मनेाहर, मनभावन लगु - अव्य० दे० ( हि० लों, लग ) लौं, तक, पर्यंत, लगि । लगुप्रा, लगुवा - संज्ञा, पु० दे० ( हि० लगाना ) मित्र, प्रेमी, उपपति ।
लगुड़ - संज्ञा, पु० दे० (सं०) लाठी, छड़ी, डंडा, लकुट लकुटी ।
लगूर, लगूल संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० लांगूल) पूँछ, दुम, लंगूर ।
लगे/- - प्रव्य० दे० ( हि० लग) पास, निकट, समीप ।
लगौहाँ -- वि० दे० ( हि० लगना + मौंहाँप्रत्य० ) प्रेमेच्छु, रिझवार, जगन लगाने की इच्छा वाला |
लग्गा - संज्ञा, पु० दे० (सं० लगुड़ ) लम्बा बाँस, वृक्षों से फल आदि तोड़ने की लम्बी लगसी लग्घा ( ग्रा० ) | संज्ञा, पु० दे० ( हि० लगाना ) कार्यारम्भ करना । यौ०
मुहा० - लग्गा लगाना । लग्गी-संज्ञा, खो० ( हि० लग्गा ) पतला लंबा बाँस जिससे फलादि तोड़ते हैं, लगसी लग्घी ( प्रान्ती० ) ।
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लघुता, लघुताई
लग्घड़- संज्ञा, पु० चीता, लकड़बग्घा !
लग्घा - संज्ञा, पु० दे० ( हि० लग्गा ) लंबा बाँस । स्त्री० लग्घी ।
Langa My ANGOLAMEN
(दे०) बाज, शचान,
लग्न - संज्ञा, पु० (सं०) एक राशि के उदय रहने का समय, मुहूर्त्त, शुभकार्य की साइत ( ज्यो० ), व्याह का समय या दिन, व्याह, सहारंग, सहालग, लगन (दे० ) । 'लग्न, मुहूरति, योग बल, तुलसी गनत न काहि"
- तु० ! वि० (दे०) मिला या लगा हुआ, थासक्त, लज्जित | संज्ञा, पु०, स्त्री० (दे०) लगन, प्रेम, स्नेह |
लग्नदिन - संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) विवाह का निश्चित दिन |
लग्नपत्र - संज्ञा, पु० यौ० (सं०) वह चिट्ठी जिसमें विवाह की रीतियों के लिये निश्चित समय क्रम से लिखे रहते हैं, लग्नपत्रिका | लग्नपत्रिका - संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं०) लग्नपत्र | " लिख्यते लग्नपत्रिका " - स्फुट० । लघिमा - संज्ञा, स्त्री० (सं०) एक सिद्धि जिससे मनुष्य बहुत ही हलका या छोटा हो जाता है, लघुत्व ह्रस्व या लघु होने का भाव । लचित्र - वि० (सं०) अति लघु या छोटा या नीच, अधम, निकृष्ट |
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लघु - वि० (सं०) श्रल्प, छोटा, कनिष्ठ, शीघ्र, सुन्दर, अच्छा, निःसार, कम, थोड़ा, हलका, ह्रस्व | संज्ञा, पु० व्याकरण में एक मात्रिक स्वर, एक मात्रा का ह्रस्व वर्ण जिसका चिन्ह ( 1 ) है ( पिं० ) । यह लघु जलधि तरत कति बारा" - रामा० । लघुकाय -संज्ञा, पु० यौ० (सं०) बकरा, भेड़ा | वि० (सं०) छोटे शरीर वाला ! लघुचेता - संज्ञा, पु० यौ० (सं० लघुचेतस् ) तुच्छ या बुरे विचार वाला, नीच, दुष्ट । लघुता, लघुताई (दे० ) – संज्ञा, स्त्री० (सं० लघुता) छोटाई, हलकाई, तुच्छता, नीचता ।
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'लघुताई सब तें भली, लघुताई तें सब होय " - तुल ० ।