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लँगरई, लॅगराई
लंबी में काम देता है, ठंगुर प्रान्ती०), दुष्ट ! लंठ--- वि० दे० यौ० (हि० लक) उजड्डु, मूर्ख, गायादि पशुयों के गलों में बाँधने का लकड़ी जाहिल, जड़, ला (दे०) । यौ०-लंठराज, का कदा, लोहे की मोटी भारी जजीर, लटकने लंडाधिराज-जड़, मूर्ख । वाली भारी वस्तु, चौंदी का तोड़ा या पायल लंडूरा वि. ( दे. या सं० लाँगूल ) पंछकपडे की कच्ची मिलाई के बड़े या दर दर कटा पक्षा टाँके, नित्य दरिद्रों को बाँटने का भोजन, लंतरान:--संज्ञा, स्त्री० (अ०) शेखी व्यर्थ दीनों को भोजन तथा उसके बाँटने का स्थान,
की बड़ी बड़ी बातें। पहलवानों का लँगोट । वि०-भारी, वज़नी,
लंपट-वि० (सं०) कामी, विषयी व्यभिचारी, नटखट, ढीठ : "लरिका लेवे के मिमन. लंगर मों
कामुक । ज्ञा,
स्त्रीलंपता। 'लोलुप
लंपट कीरति चाहा'...--रामा० । दिग अाय'.--.वि० : यौ० -नोहा-लंगर
लंपटता-संज्ञा, स्त्री. (सं०) कामुकता, बचा बचाया, रही सामान । मुहागर
दुराचार, व्यभिचार, कुकर्म । करना -- बदमाशी या शरारत करना ।
लंब-संज्ञा, ४० (सं.) किसी रेखा पर खड़ी संज्ञा, स्रो०-गरमाना--रद्दी सामान
होकर दोनों ओर सम-कोण बनाने वाली का स्थान, कबाड़खाना।
रेखा, एक राक्षस जिसे कृष्ण जी ने मारा लंगई, लँगराई --- ज्ञा, स्त्री० (हि० लंगर
था (भा०), पति, अंग । वि० (सं.) लंबा ! - आई-प्रत्य०) ढिठाई. पृष्टता, दुष्टता।
संज्ञा, पु० (स.) विलंब, बेर । लंगूर ----संज्ञा, पु० दे० सं० लांगूल ) बंदर.
लंबकर्ण-दि. यौ० (सं.) गदहा, गधा दुम, पंछ ( बानर की), बड़ी पूंछ वाला
जिसके कान लंबे हों, खरगोश । काले मुह का. एक बड़ा बंदर।
लंबग्रीव- संज्ञा, पु. यौ० (२०) क्रमेला ऊँट । लैंग्रहाल--- संज्ञा, पु० दे० ( हि० नारियल) लंब-डंग- वि० दे० यौ० (सं० लंब+ ताड़ नारियल।
__-!- अंग जो ताड़ के समान बहुत लंबा हो, लगा-- सज्ञा, पु० द० स० लागृल) पूछ। (दे०) लंबातडंगा । स्त्री० लंबी-तड़गा। लँगोट, लँगोटा-संज्ञा, पु० दे० (सं० लिंग
लंबा--- वि० दे० (सं० लंब) जो एक ही दिशा ---.प्रोट-हि० उपस्थ तथा गुदा हूँ कने का
में बहुत दूर तक चला गया हो, विशाल, कमर पर बाँधने का छोटा वस्त्र, कोपीन,
बड़ा, दीर्घ, अधिक ऊँचाई या विस्तार का रुमाली । श्री. मोटी। गो-मोट
(समय)। म्ली. लंबी । (विलो०-चौड़ा) वंद-ब्राह्मचारी स्त्री त्यागी ।
महा.-लंबा करना---चलता या श्वाना लैंगोत्रीज्ञा . स्त्री० ० (हि० लँगोट )
करना, पृथ्वी पर पटक या लेटा देना। कौपीन, कछनी काँका, समई (प्रान्ती :
लंबा होना--लेट जाना, चला या भाग मुहा.... लगोटिया हार - लड़कपन का
जाना लंबी तानना-वेग से चलना, मित्र । लँगोटीरालना
भाग जाना, खूब सो जाना। अपव्यय या फ़ज़ल खनी वरना, सामर्थ्य से
लंबाई -- संज्ञा, स्त्री० (हिं० लंबा) लंबापन । अधिक व्यय करना।
लंबान-संज्ञा, स्त्री० (हि० लंबा) लंबाई । लंघन.---.संज्ञा, पु० (सं०) उपवास, निराहार, लंबित - वि० सं०) लंबा। फ़ाका (फा०) लाँधने की क्रिया, फाँदना, लंबा-- वि० स्त्री. (हि० लंबा) लंबा का स्त्री डाँकना, अतिक्रमण । वि०- लंधनीय। लिंग रूप । पहा०-लंबी ताननालंघना* --.अ. क्रि० दे० (हि. लांघना) श्रानंद से लेट कर सोना, वेग से चला नाँधना, फाँदना।
जाना, भाग जाना।
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