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रूपकांता
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रूपक्रांता-संज्ञा, स्त्री० (सं०) १७ वर्णो का रूपहला-संज्ञा, पु० (दे०) रूपे का बना वर्णिक वृत्त ( पिं० )
रूपे के रंग सा सफेद, रुपहरा (दे०)। रूपगविता--संज्ञा, स्त्री० (सं०) अपनी सुन्दरता रूपा—संज्ञा, पु. दे. (सं० रूप्य) चाँदी, पर घमंड करने वाली नायिका।।
घटिया चाँदी, सफ़ेद घोड़ा। रूपजीवी--संज्ञा, पु. (सं० रूप जीविन) बहु | रूपित--संज्ञा, पु० (सं०) ज्ञान, वैराग्य आदि
रूपिया, रूप बनाकर पेट पालने वाला। पात्र वाला नाटक या उपन्यास । रूपजीविनी-संज्ञा, स्त्री० (सं०) वेश्या, रंडी, रूपी-वि० (सं० रूपिन्) रूपवाला, रूपधारी, पतुरिया।
सदृश, समान । स्त्री० रूपिणी । रूपघनाक्षरी--संज्ञा, स्त्री० (सं०) अंत लघु और रूपोश-वि० (फ़ा०) गुप्त, छिपा, भगा हुआ,
३२ वर्गों का एक वर्णिक दंडक छंद (पि.। फरार । संज्ञा, स्त्री०-रूपोशी । " हमसे रूपनिधान-संज्ञा, पु. यौ० (सं०) अति रूपोशी श्रीगरों से मिला करते हो"। सुन्दर, रूपनिधि।
रूप्यक-संज्ञा. पु० (सं०) रुपया । रूपमंजरी-संज्ञा, स्त्री० (सं०) एक फूल, रूबकार-संज्ञा, पु. (फ़ा०) सम्मुख जाने एक प्रकार का धान ।
का भाव, पेशी, अदालत की प्राज्ञा, श्राज्ञारूपमनी--वि० स्त्री० दे० (हि० रूपमान) पत्र, हुक्मनामा। रूपवती।
रू-बरू - क्रि० वि० (फा०) समक्ष, सम्मुख, रूपमय - वि० ( हि० ) अति सुन्दर । स्त्री०
सामने, आगे, प्रत्यक्ष । रूपमयी।
रूप-संज्ञा, पु. (फ़ा०) तरकी या तुरकी देश रूपमान-वि० दे० (सं० रूपवान) रूपवान, अति सुन्दर ।
का नाम । संज्ञा, पु. (हि.) रुप ।। रूपमाला-संज्ञा, स्त्री० सं०) २४ मात्राों ।
रूमटी-संज्ञा, स्त्री० (दे०) घुमाव, मिष, का एक मात्रिक छंद ( पिं०)।
बहाना, व्याज। रूपमाली-संज्ञा, स्त्री० (सं०) एक छंद जिसमें
रूमना* - स० क्रि० दे० (
हिझूमना का अनु०) नौ दीर्घ वर्ण हों (पिं० )।
झूलना, झूमना । रूपरूपक --संज्ञा, पु० (सं०) सावयव या साँग
रूमाल-संज्ञा, पु. (फ़ा०) मुँह पोछने का रूपकालंकार ( काव्य० )।
चौकोर वस्त्र-खंड, चौकोर शाल या दुपट्टा । रूपवंत-वि० (सं० रूपवत्) सुन्दर । स्त्री. रूमाली-संज्ञा, स्त्री० (फा० रूमाल) रूमाली, रूपवती।
लंगोट। रूपवती-संज्ञा, स्त्री. (सं०) गौरी छंद, रूमी-वि० (फा०) रूम का, रूम-संबंधी, चेपकमाला वृत्ति (पिं.)। वि. स्त्री० --- रूम का निवासी । यौ०-रूमी-मस्तगीसुन्दरी, .खूबसूरत । " रूपवती नारी जो एक औषधि ! शीलवती होती अरु"--मन्ना। रूरना*--अ० क्रि० दे० (सं० रोरवण ) रूपवान्-रूपवान-वि० (सं० रूपवत्) सुन्दर, चिल्लाना । स्वरूपवान् , प्रियदर्शन । स्त्री० रूपवती।। रूरा-वि० दे० ( सं० रूढ़ प्रशस्त ) उत्तम, रूपरस- संज्ञा, पु० (सं०) चाँदी या रूपा श्रेष्ठ, सुन्दर, बहुत बड़ा, अच्छा । स्त्रीकी भस्म (वैद्य०)।
रूरी। “राज-समाज विराजत रूरे"रूपराशि-संज्ञा, पु. यौ० (सं०) अति सुन्दर, रामा०। मनोहर । “वा निरमोहिल रूप की राशि" रूष-संज्ञा, पु० दे० ( सं० रुक्ष ) रूख, पेड़, -ठाकुर।
वृत्त । वि० (दे०) रुत, रुखा ।
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