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मोटाई
होतीझरा, मोतीझिरा रूखा-सूखा भोजन । मुहा०-मोटी बात समेट कर परत करना, मुरझाना (चेचक)। मामूली या साधारण बात। मोटे तौर पर, मुहा०-- शीतला का बाग मोड़नामोटे हिसाब ( विचार ) से-स्थूल रूप चेचक के दानों का कुम्हलाना । मुहा०या दृष्टि से, मोटी दृष्टि से, अटकल या मुंह मोड़ना-विमुख होना, अप्रसन्न अन्दाज़ से भारी या कठिन । मुहा०- होना । अस्त्रादि की धार को कुंठित या मोटा दिखाई देना-कम दिखाई देना। गोटिल करना। धमंडी, अभिमानी। यौ० छोटा-मोटा - मोतबर-वि० ( अ ) विश्वासपात्र, साधारण ।
विश्वसनीय, मातबर (दे०)। संज्ञा, स्त्री० मोटाई-संज्ञा, स्त्री० (हि. मोटा--ई- मोतबरी। प्रत्य०) स्थूलता, मोटापन, पीवरता, पीनता, मोतियदाम-संज्ञा, पु. ३० (सं० मौक्तिक. शरारत, दुष्टता, पाजीपन, बदमाशी, मुटाई ___ दाम) चार जगण का एक वर्णिक वृत्त(पिं० ।। (दे०) । मुहा०—मोटाई चढ़ना-धमंडी मोतिया-संज्ञा, पु. (हि. मेाती। इया या बदमाश होना।
-प्रत्य० ) एक प्रकार का बेला, एक तरह मोटाना-मुटाना-अ० क्रि० (हि. मोटा+
का सलमा, गुलाबी और पीला मिला, या माना-प्रत्य०) स्थूलकाय या मोटा हो
हलका गुलाबी रंग, छोटा गोल दाना । जाना, अभिमानो या घमंडी होना, धनी
मोतियाबिंद-संज्ञ', पु. द. यौ० (सं० होना। स० क्रि०-मोटा या स्थूल करना। मौक्तिकविंदु ) एक नेत्र रोग जिसमें मैल का मोटापा-संज्ञा, पु. (हि. माटा+पापा--
एक छोटा बिंदु सा आँख के तिल को ढक प्रत्य०) मोटाई, स्थलता,पीवरता, पाजीपन
लेता है, माड़ा, फूली ( प्रान्ती. )। शरारत, दुष्टता।
मोती----संज्ञा, पु० दे० ( सं० मौक्तिक प्रा. मोटिया--संज्ञा, पु० दे० (हि० मेटा + इया
मोतिम) समुद्र की सीप से निकलने वाला -प्रत्य.) गाढ़ा, खद्दर, खादी, गज़ी,
एक मूल्यवान रत्न । महा.-----माती को मोटा और खुरखुरा कपड़ा । संज्ञा, पु० दे०
सी प्राय (पानी) उतारना---'अप्रतिष्ठा (हि. मोट=ोमा ) बोझा ढोने वाला, मुटिया (दे०) कुली। वि०-तुम्छ, मोटियार
या तिरस्कार होना । मोती कृट कर (ग्रा०)।
भरना--प्रकाशित या प्रकारामान होना। मोट्टायित-संज्ञा, पु. (सं.) एक हाव
मोती गरजना-- मोती चटकना या कड़क जिसमें नायिका अपने प्रेम को कटु भाषणादि
जाना । मोती पिरोना-माला |धना, से छिपाने को चेष्टा करती हुई भी छिपा
मधुरता के साथ बोलना या लिखना। नहीं सकती (काव्य.)।
मोती रोलना-बिना परिश्रत सरलता मोठ, मोट- संज्ञा, स्त्री० दे० सं० मुकुष्ट) से बहुत सा धन प्राप्त कर लेना । यौ० मूंग जैसा एक मोटा अन्न, मोथी, बनमूंग ।
(मानस के ) ख के मोती- थाँसू । यौ० दालमोठ।
मोतियों से मुंह नरना--बहुत सा धन मोठस-वि० (दे०) चुप, मौन', मूक । देना । संज्ञा, सी० मोती पड़े हुए कान के मोड़-संज्ञा, पु. (हि० मुड़ना) मार्ग में बाले । घूम जाने का स्थान, घुमाव, मुड़ने का मोतीचर - संज्ञा, पु. यो० (हि. माती -- भाव।
चूर ) छोटी बुदिया का लड्डू।। मोड़ना-स० क्रि० (हि. मुड़ना ) घुमाना, मोतीझरा-मोतीभिरा-संज्ञा, पु० (दे०) फेरना, लौटाना, तह करना, फैली वस्तु को छोटी शीतला का रोग, मंथरज्वर जिसमें
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