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बीट
बीट - संज्ञा, स्त्रो० दे० (सं० विट) चिड़ियों का मल या मैला, विष्ठा ।
बीड - संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० घोड़ा ) ऊपरनीचे रखे हुये रुपये जो गुल्ली के समान दीखते हैं ।
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बीड़ा संज्ञा, पु० दे० (सं० वीटक ) पान की गिलौरी, लगा या मसाला सहित लपेटा पान, वीरा (दे० ) । मुहा० - बीड़ा उठाना ( लेना) - किसी कार्य के करने का संकल्प करना या भार लेना, उद्यत या तैयार होना। बीड़ा डालना - किसी कार्य के करने के हेतु लोगों से कहना । बीड़ी - संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० बीड़ा ) बीड़ा, ster बीड़ा. गड्डी, त्रियों के दाँतों में लगाने की मिस्पी, पत्ते में लिपटी तमाखू जिसे लोग सिगरेट या चुरु के समान सुलगा कर पीते हैं ।
बीणा - संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० वीणा ) सितार
सा एक बाजा, बीना (दे० ) । बीतना - अ० क्रि० दे० (सं० व्यतीत ) समय व्यतीत या बिगत होना, गुज़रना, घटना, दूर होना, पड़ना, संघटित होना, चला
जाना ।
बोता- संज्ञा, पु० दे० ( फा० बलिश्त ) एक गज का चौथाई भाग, बालिश्त, वित्ता, विलस्ता (ग्रा० ) । बंधु सँग, किया सिंधु वि० व्यतीत हुआ, गुजरा। aur कल्प सम बीता " - बीथि, वीथी - संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० वीथी ) सड़क, गली, मार्ग, रास्ता । " बीथी सब असवारन भरीं १- रामः । बीति - वि० दे० (सं० व्यथित) पीड़ित, दुखी, व्यथित ।
- रामा० ।
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बीना - प्र०क्रि० दे० (सं० विद्ध) फँसना । ० क्रि० (दे०) बींधना छेदना, बेधना ।
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'मनहु कमल संपुट महँ बीधे, उड़ि न सकत चंचल थलि वारे " - सूर० ।
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'वन बन खोजत फिरे
बीता को " -- भ्र० " सो
।
छन
वीर
SONG
बीन - संज्ञा, खो० दे० (सं० वीणा ) बीणा, बीना (दे०), सितार की तरह का एक बाजा । बाजत बीन, मृदंग, झांझ, डफ मंजीरा, सहनाई - स्फु० |
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बीनना- - स० क्रि० दे० (सं० विनयन ) चुनना, उठाना, छाँटना, छोटी चीजें लग करना । स० क्रि० (दे०) बींधना । स० क्रि० (दे०) बुनना : बो- संज्ञा, पु० वृहस्पति, त्रि
दे० (सं० बृहस्पति ) गुरुवार, (वा० ) ।
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बीवी - संज्ञा स्त्री० (फ़ा० ) कुलीन स्त्री या कुलवधू, पत्नी, बहू, कन्या, बहिन । बीभत्स - वि० (सं०) घृणित, पापी, दुष्ट | संज्ञा, पु० (सं०) काव्य के नौ रसों में से जवाँ रस जिसमें मांस, मज्जादि घृणित वस्तुओं का वर्णन हो ( काव्य ० ) । बीभत्साद्भुत विज्ञेय, शांतश्व नवमेो रसः । "
बीमा - संज्ञा, पु० दे० ( फ़ा० बीम = भय ) आर्थिक हानि की ज़िम्मेदारी जो कुछ नियत धन लेकर बदले में की जाये, वह पारसल या पत्रादि जिसकी यों जिम्मेदारी ली गई हो । बीमार - वि० ( फा० ) रोगी, जिसे कोई रोग हो ।
बीमारी - संज्ञा, खो० ( फा० ) व्याधि, रोग, मर्ज़, बखेड़ा, बुरा स्वभाव, संकट (व्यंग्य० ) । वीय, बीया - वि० दे० (सं० बीज) बिया (दे०) बीज. दाना | बीया* - वि० दे० (सं० द्वितीय | संज्ञा, पु० दे० बीज, बिया, बोजा !
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द्वितीय ) दूसरा, (सं० बीज ) दाना,
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वीर - वि० दे० (सं० वीर ) बहादुर, शूर | संज्ञा, स्त्री० बीरता । बीर वृती तुम धीर थछोभा " - रामा० । संज्ञा, पु० दे० ( सं० वीर ) भ्राता भाई । " बीते अवधि जाउँ जौं, जियत न पाऊँ वीर "- रामा० । संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० वीर) सखी, सहेली, संगिनी । "फिरति कहाँ है बीर बावरी भई सी, तोही