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बिलम, बेलम
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बिलोलना बिलम, बेलम --संज्ञा, पु. दे० (सं० बिलार-संज्ञा, पु० दे० (सं० विडाल ) विलंब ) देरी, विलंब, देर, बेर।
बिल्ली । स्त्री० बिलारी। बिलमना-अ० क्रि० दे० (सं० विलंब )
| बिलारी-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० विडाल )
| बिल्ली। देर या विलंब करना, ठहर जाना, रुक रहना, विरमना । स० रूप बिलमाना, प्रे० रूप
बिलारीकंद-संज्ञा, पु० (दे०) बिदारीकंद बिलमावना । "बालम बिलमि बिदेश
(सं०) बिलाईकंद। बिलावल-- संज्ञा, स्त्री० (दे०) एक रागिनी
(संगी०)। बिल्ललाना-अ० कि० दे० (सं० वि- लाप) बिलासना-स० कि० दे० (सं० विलसन) बिलखना, रोना, चिल्लाना, रोना-पीटना। बिलसना, भोगना, उपभोग करना, बरतना।
"बिललात परे एक कटे गात"-सुजा। बिलासिनी-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० विलासनि) बिलवाना - स० क्रि० दे० (सं० विलय ) भोग करनेवाली। खोना, हेरवा देना, छिपाना, छिपवाना, नष्ट | बिलासी-वि० (सं० विलासिन् ) भोगी ! या बरबाद करना या कराना, लुप्त करना। बिलैया-संक्षा, स्त्री० दे० ( सं० विडाल ) बिलसना - अ० कि० दे० ( सं० विलसन ) बिल्ली । “टि जाय गैया के बिलैया चाटि शोभित होना, अच्छा लगना । स० क्रि० । चाटि जाय"-या. (दे०) बरतना, भोगना, उपभोग करना। बिलोकना*----स० कि० दे० (सं० बिलोकन) स० रूप-बिलसाना, प्रे० रूप-बिलसवाना।
देखना, परीक्षा या जाँच करना । 'राम "नित्त कमावै कष्ट करि, बिलसै औरहि । बिलोके लोग सब, चित्र लिखे से देखि"कोय"- ।
रामा० । बिलहरा-संज्ञा, पु. दे० ( हि बेल ) पान | बिलोकनिः -- संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० विलोकन) रखने का बाँस की पतली तालियों का | कटाक्ष, दृष्टिपात, चितवनि । “बंक संपुटाकार छोटा डब्बा, बेलहरा।
बिलोकनि वानि"-वि० । " उग्र विलोकनि बिला-अव्य० (१०) बिना, बगैर ।
प्रभुहि बिलोका"-रामा०। बिलाई-संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० बिल्ली) | बिलोचन--संज्ञा, पु० दे० (सं० विलोचन ) बिल्ली, बिलारी, कुयें का काँटा, किवाड़ ,
नेत्र, आँख । “बरवश रोंकि बिलोचन
वारी"--रामा। की सिटकिनी, कद्दू कस ।
बिलोड़ना*-स० कि० दे० (सं० विलोड़न) बिलाईकंद-संज्ञा, पु० (दे०) बिदारीकंद दही मथना, अस्त-व्यस्त करना । संज्ञा, पु० (सं०) एक जड़ (औष०) ।
| विलोडन वि०-विलोडनीय,बिलोडित। बिलाना-अ० क्रि० दे० (सं० बिलयन ) | बिलोन-वि० दे० (सं० वि-- लवण ) नाश या नष्ट होना, लोप या अदृश्य होना, लवण-बिना, नीरस, निस्स्वाद. विरस, कुरूप । मिट जाना । स० रूप-बिलावना, प्रे० | बिलोना-स० कि० दे० (सं० विलोड़ना) रूप-बिलवाना । “रावन से बली तेऊ बुल्ला | दूध या दही मथना, बिगाड़ना, गिराना, से बिलायगे”–बेनी।
ढालना, अस्त-व्यस्त करना। बिलापना-अ० क्रि० दे० (सं० विलाप) बिलोरना*--स० कि० दे० (सं० विलोड़ना) रोना, विलपना-विलाप करना।
विलोड़ना, मथना, छिन्न-भिन्न करना । बिलायत, बिलाइत-संज्ञा, स्त्री० दे० (अ. बिलोलना-स० क्रि० दे० ( सं० विलोलन ) बिलायत) अन्य देश । वि०-बिलायती। हिलना, डोलना । वि०-बिलोल-चंचल ।
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