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बांकुड़ावांकुर बांकुरा
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बाँकुड़ा-वांकुर बाँकुरा - वि० दे० (हि० बाँका) पैना, टेदा, बाँका बहादुर, चतुर । पवनतनय प्रति वीर बाँकुरा " - रामा० । बाँकुड़ी - संज्ञा, खो० दे० (सं० वंक) फीता । बाँग - संज्ञा, स्त्री० ( फा० ) नमाज़ का समय सूचनार्थ मुल्ला का मसजिद में अल्लाह यादि ऊँचा शब्द, थज्ञान, पुकार, आवाज, प्रातः समय मुर्गे का शब्द | बाँगड - संज्ञा, पु० (दे०) हरियाना, करनाल, रोहतक और हिसार का प्रांत, हिसार ( प्रान्ती० ) ।
बोगड - संज्ञा, स्त्री० दे० (दि० बाँगढ़ ) बाँगड़ प्रान्त की बोली, जाट्रभाषा. हरियानी ( प्रान्ती० )
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बांगुर-बागुर संज्ञा, ५० (दे०) पशु-पक्षी के फँसाने का फंदा जाल बागुर विषम तुराय, मनहुँ भाग मृग भाग बस " - रामा० । तुलसिदास यह बिपति बाँगुरो तुमहिं तो बनै निबेरे " विन० ।
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बनाएं- - स० क्रि० दे० (सं० वाचन) पढ़ना, पाठ करना | स० क्रि० (दे०) बचना, छुड़ाना, बचाना। स० रूप- बँचाना, प्रे० रूप-बँच
वाना ।
बाँकना चालना - पंज्ञा, त्रो० दे० (सं० वाँ ) इच्छाकामना मनोरथ । -- स० क्रि० (दे०) चाहना, इच्छा करना, छाँटना, चुनना, बीनना ।
बाँका * - संज्ञा स्त्री० दे० (सं० वाँका) कामना, इच्छा, अभिलाषा ।
बाँकित - वि० दे० (सं० वाँछित ) इच्छित, अभिलषित । बाँकी - संज्ञा, पु० दे० (सं० वाँछिन् ) चाहने वाला, इच्छा या अभिलाषा करने वाला, श्राकांक्षी ।
C
बाँजर - संज्ञा, पु० दे० ( हि० बंजर ) बंजर,
ऊसर ।
बांझ - संज्ञा, त्रो० दे० ( सं० वंध्या ) बंध्या । बाँझपन बाँझपना - संज्ञा, पु० दे० (सं० भा० श० को० - १३७
बाँधना
चंध्या + पन, पना - हि० प्रत्य० ) बंध्यात्व, बंध्या का भाव ।
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बांट - संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० बाँटना ) भाग, खंड, हिस्सा, अंश, बाँटने का भाव । मुहा०-- बाँट पड़ना -- हिस्से में थाना । 'जिनके बाँट परी तरवारि " - श्राल्हा० । बाँटना - १० क्रि० दे० (सं० वितरण ) हिस्सा या विभाग करना या लगाना, हिस्सा देना, वितरण करना, वरताना (ग्रा० ) । बोटा - संज्ञा, पु० दे० ( हि० बाँटना ) भाग, हिस्सा |
A
बाँड़ा - वि० (दे०) पूँछ -हीन पशु, अकेला, बंडा (ग्रा० ) । स्त्री० बाँड़ी ।
बाड़ी - संज्ञा स्त्री० (दे०) छड़ी, लाठी, दंडा । वि० [स्त्री० -- पूँछ -हीन, अकेली । बांदा -- संज्ञा, पु० दे० ( फ़ा० बंदा ) सेवक, दास, नौकर, बंदा । त्रो० बांदी | बाँदर - संज्ञा, पु० दे० (सं० वानर ) बंदर, वानर । स्त्री० बाँदरी, बंदरिया | बाँदा - संज्ञा, पु० दे० (सं० बंदाक ) एक प्रकार की वनस्पति जो दूसरे पेड़ों पर उगती और बढ़ती है, बंदाल (ग्रा० ) ।
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बादी - संज्ञा, स्त्री० दे० ( फ़ा० बंदा ) दासी, चेरी, लौंडी !
बाँदू - संज्ञा, पु० दे० (सं० वंदी ) कैदी, बंधुवा |
बाँध - संज्ञा, पु० दे० ( हि० बाँधना ) नदी तालादि के जल रोकने का मिट्टी, पत्थर आदि से बना घुस्स, बंद, बंध । बांधना -- स० क्रि० दे० (सं० वंधन) घर वादि बनाना, पानी रोकने को बाँध बनाना, जकड़ना, कसना, कुछ जकड़ने या कसने को रस्सी वखादि से घेर या लपेट कर गाँठ लगाना, रोकना, योजना या उपक्रम करना, व्यवस्था, विधान या क्रम ठीक करना, कोई अस्त्र-शस्त्र साथ रखना, नियत या स्थिर करना, पकड़ कर बंद या कैद करना, मन में धरना, नियम, प्रतिज्ञा, शपथ या अधिकार
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