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फिसलना
१२०४
फुटल-फुट्टैल फिसलना-अ० क्रि० दे० (सं० प्रसरण) नली जिससे फूंककर भाग जलाते हैं, मुकना, रपटना।
धौंकनी, भाथी। फिहरिस्त, फेहरिश्त - संज्ञा, स्त्री० (फा०) फैकरना-अ० कि० दे० (सं० फुकार) सूची-पत्र, खाता।
फूरकार या फुकार छोड़ना। फीचना-स० क्रि० (दे०) कपड़े धोना । स० फंकार-संज्ञा, पु० दे० (सं० फूत्कार मुंह
रूप फिवाना प्रे० रूप फिनवाना। से हवा छोड़ने का शब्द, फुफकार, फूंक। फ़ी-अध्य० (१०) प्रत्येक, हर एक । संज्ञा, | फंदना-संज्ञा, पु० दे० (हि० फूल +-फंद) स्त्री० (अ.) परिश्रम, फल, मजदूरी फीस झब्बा, फुलरा, फूल जैसी सूत की गाँठे ।
फैदिया-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. फुदना) फीका-वि० दे० ( सं० अपक्व ) नीरस, झम्बिया, फुलरी। सीठा, स्वाद-रहित, मलिन, कांति-हीन, फंदी-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि० फंदा ) गाँठ, उदास, मैला, निष्फल, व्यर्थ, प्रभाव-हीन, फंदा । संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. विंदी ) वेदी, धूमल । स्त्री०-फीकी।
टीका, बिंदी। फ़ीता-संज्ञा, पु० (फा० ) कोर, किनारी, फँसी-संज्ञा, स्त्रो० दे० (सं० पनलिका) पतली धज्जी जिससे कुछ लपेटते या बाँधते छोटी फुड़िया । यौ०-फोड़ा-फँसी। हैं, फीता (दे०)।
फुचड़ा, फुचरा-संज्ञा, पु० (दे०) बुने कपड़े फ़ीरनी-संज्ञा, स्त्री० (फा० फिरनी) एक
से बाहर निकला हुश्रा सूत का रेशा। तरह की खीर।
फुट-वि० दे० (सं० स्फुट) अकेला, एकाकी, फ़ीरोजा-संज्ञा. पु. (फा० ) नील मणि,
अलग, भिन्न, पृथक । संज्ञा, पु० (मं० फुट) नीलापन लिये हरे रंग का एक पत्थर या
३६ जौ या १२ इंच की लम्बाई की माप । नग, फिरोजा (दे०)। फ़ीगेजी-वि० ( फा० ) हरापन लिये।
फुटकर-फुटकल-वि० दे० (सं० स्फुट -
कर प्रत्य०) भिन्न २, अलग २, पृथक २, नीले रंग का. फिरोजी (दे०)।
थोड़ा २, विषम, अकेला। कई प्रकार या फ़ील-संज्ञा, पु. (फा०) हाथी. शतरंज
मेल का । (विलो०-थोक)। का एक मोहरा, फीला ।
फुटका-संज्ञा, पु० दे० (सं० स्फोट) फफोला, फीलखाना-संज्ञा, पु. (फा० ) हथियार,
ज्वार प्रादि का भूनने से फूला और बिखरा हस्तिशाला, हाथी बांधने का स्थान । फ़ोलपा, फीलपाँव (दे०)- सज्ञा, पु. यौ०
दाना, लावा। (फा०) खम्भा, एक रोग जिसमें पैर सूज
फुटकी-संज्ञा, स्त्री० दे० ( सं० फुटक ) दूध
आदि जमी हुई द्रव वस्तु के छोटे बुलबुले, कर भारी हो जाते हैं। फीलवान-संज्ञा, पु० (फा) हथवाल,
पीब, खून आदि के छींटे। हाथीवान ।
फुटेहरा- संज्ञा, पु० दे० (हि० फूटना + फीली-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० पिंड) पिंडली। हरा-प्रत्य० ) चने या मटर का भूनने से फैकना, फुकना--अ० क्रि० दे० (हिफूकना) बिखरा और फूला हुआ दाना । जलना, भस्म होना, नष्ट या बरबाद होना। फुट - वि० (दे०) फुट (अं०) फुट ( हिं० )। स० रूप-फुकाना. प्र. रूप-फूकवाना। फुटल-फु?ल-वि० दे० (सं० स्फुट ) झंड, संज्ञा, पु. ( हि० फुकनी ), मूत्राशय। या जोड़ से अलग या भिन्न । वि० ( हि.. फॅकनी-संज्ञा, स्रो० दे० (हि० फूकना) वह फूटना ) श्रभागा, फूटी भाग्य वाला।
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