________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
प्रति १९५०
पूर्ववृत्त प्रति-संज्ञा स्त्री० [सं०) पूरापन, पूर्णता, पूर्व पुरुष - संज्ञा, पु० यौ० (सं०) पिता, भरण, गुणन पूरण, कार्य का पूर्ण करना. पितामह, प्रपितामह आदि , प्रथम के समाप्ति कूपादि का उत्सग, कमी के पूरा लोग, पूवज, पुरखा। करने की क्रिया।
पूर्व-काल्गुनी, प्रर्धाफलगानी-संज्ञा, स्त्री. पूध-संज्ञा पु० सं०) पूरब (दे०) प्राची दिशा, | (सं०) २७ नक्षत्रों में से ११ वाँ नक्षत्र । सूर्योदय की दिशा, (विलो०-पश्चिम) | पूर्व भाद्रपर-सज्ञा, पु० सं०) २७ नक्षत्रों वि० सं०) अगला या प्रथम का, प्रागे का, में से २५ वा नक्षत्र ज्या) पिछला पराना । क्रि० वि० पहले, प्रथम । पूर्व मीमांसा-सज्ञा, स्त्री. (सं०) महर्षि वि० यो. पूववर्ती वि० (सं०) पूर्वीय । जैमिनि कृत एक दर्शन (शास्त्र ) जिसमें कर्मपूर्वक-क्रि० वि० स० ) सहित, युक्त काण्ड का वर्णन है विलो० उत्तरमीमांसा)। पूवकाल-- सज्ञा, पु० यौ० सं०, प्राचीन | पृष-याप--- सज्ञा, पु० यौ० ( सं० ) प्रथम काल वि० पूर्वकालीन ।
या पहला पहर। पूर्व मालिकवि० यौ० (सं०, पूर्वकाल- पूर्व लिखित --- वि० यौ० सं०, पूर्व लिखित, सम्बन्धी, पूर्व काल का उत्पन्न, पहले प्रथम का लिखा हुश्रा, पूर्व-कथित पूर्वक्त । समय का।
प्रवरंग-संज्ञा, पु० सं०) नाटकारम्भ से पूर्व पवकालिक-क्रिया-संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं०)| विघ्न-शान्ति के लिये की गई स्तुनि या अपर्ण क्रिया का वह रूप जिसे मुख्य | वन्दना, दशकों को सजग करने के लिये गान। क्रिया से पूर्ववर्ती काल ज्ञात हो. इसका " पूर्व रंग प्रसगाय नाटकीयस्य वस्तुन. " चिन्ह के, कर, या कर के है (ब्र. भा०, पूर्व ग-सज्ञा, पु० यो० (सं०) सयोग से में धातु को इकारान्त करने से) कभी- पूर्व नायक-नायिका की विशेष प्रेमावस्था, कभीधातु ही इसका काय करता है (च्या० । प्रथम प्रम, प्रथमानुराग, पहला अनुराग, पूर्वज-सज्ञा, पु० (सं० ) पूर्व पुरुष, जो पूवानुराग ( काव्य.) प्रथम जन्मा हो . जैसे, बड़ा भाई, पिता, पूर्व-रूप-संज्ञा, पु. यौ० ( सं०) श्रागमदादा, परदादा आदि, पुरग्बा (दे०)। सूचक चिन्ह या लक्षण, श्राधार, किसी प्रवजन्म-सज्ञा, पु० यौ० ( सं० पूर्व जन्मन् ) | वस्तु का पूर्व प्राकार या रूप, उपस्थित पहले या पीछे का जन्म, जन्मान्तर । "पूर्व | होने से पूर्व प्रगट होने वाला वस्तु-लक्षण, जन्म-कृतं कर्म यद्दवमिति कथ्यते''-हितो । एक प्रथालकार जो किसी वस्तु क रूपान्तर पूर्व दिन-सज्ञा, पु० यौ० (स०) पहले का के बाद उसका प्राथमिक रूप सूचित करे । दिन, बीता दिन।
पूर्ववत्-क्रि० वि० (सं०) प्रथम के तुल्य, पूर्व दश-सज्ञा, पु० यौ० (सं०) प्राची दिशा पहले की तरह, यथापू । सज्ञा, पु०-वह का देश ।
अनुमान जो कारण के देखने से कार्य के पूर्व पक्ष-संज्ञा, पु. यौ० (सं०) शङ्का, प्रश्न, विषय में उससे प्रथम ही किया जाय। विवाद का प्रथम पक्ष (न्या०) मुद्दई का दावा, | प्रवर्ती-वि० ( स० पूर्व वर्तिन ) प्रथम कृष्ण पक्ष ( अँधेरा पाख)।
का, जो प्रथम रह चुका हो. पूर्व सम्बन्धी। प्रवपक्षी-सज्ञा, पु० यौ० ( सं० पूर्व पक्षिन ) पूवायु- सज्ञा, पु० यौ० सं०) पुरवा हवा, विवाद में प्रथम अपना पक्ष रखने वाला. प्रश्न पुरवैया. पुरवाई, पूर्वीय वायु ( सं० )। कर्ता, मुदई, दावादार। विलो. परपक्ष । | पूर्ववृत्त-सज्ञा, पु० यौ० (स०) इतिहास, वि० पूर्वपक्षीय, पूर्वपक्षा।
पहिले का हाल ।
For Private and Personal Use Only