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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org अनुवादक अनुवादक - संज्ञा, पु० (सं० ) अनुवाद या उल्था करने वाला, भाषान्तरकार, तर्जुमा करने वाला । " अनुवादित - वि० सं० ) अनुवाद या उता किया हुआ । अनूदित वि० (सं० ) जिसका तर्जुमा हो गया हो । अनुवृत्ति-संज्ञा, स्त्री० (सं० ) किसी पद के पहिले अंश से कुछ वाक्य या शब्द उसके पिछले अंश में अर्थ को स्पष्ट करने के लिये लाकर मिलाना, उपजीविका, सेवा मार्ग । अनुवेदना-संज्ञा, स्त्री० (सं० ) समवेदना, सहानुभूति । अनुशय-संज्ञा, पु० (सं० ) पश्चात्ताप, अनुताप, जिघांसा, द्वेष | अनुशयाना -संज्ञा स्त्री० (सं० ) वह परकीया नायिका, जो अपने प्रिय के मिलने के स्थान के नष्ट हो जाने से दुःखी हो, सनाश से दुःख परकीया । अनुशय-संज्ञा, पु० (सं० ) पश्चात्ताप करने वाला, दुखी, रोग विशेष, शत्रु, बैरी 1. अनुशासक संज्ञा, पु० (सं० ) आज्ञा या आदेश देने वाला, हुक्म देने वाला, हाकिम, उपदेष्टा, शिक्षक, देश या राज्य का प्रबंधकर्ता, शासनकर्ता । ६५ " श्रथ अनुशासन - संज्ञा, पु० (सं० ) आदेश, श्राज्ञा, हुक्म, उपदेश, शिक्षा, व्याख्यान, विवरण, महाभारत का एक पर्व, शब्दानुशासनम् " महाभाष्य० । अनुशास्ता - संज्ञा, पु० (सं० ) शिक्षक, उपदेष्टा, अनुशासक । अनुशासित - वि० पु० (सं० ) जिस पर शासन किया जाय, शिक्षा प्राप्त, उपदेशप्राप्त । प्रनुशीलन - संज्ञा पु० (सं०) चिंतन, मनन, विचार, बारम्बार अभ्यास, श्रान्दोलन, अनुसंधान वि० [प्रनुशीलित सुचिंतित, मनन किया हुआ, अभ्यास किया हुआ । अनुशोक- संज्ञा, पु० (सं० ) पश्चात्ताप, खेद, पछतावा । अनुशोचन - संज्ञा, पु० (सं० ) पश्चात्ताप करना, पछताना | अनुषंग - संज्ञा, पु० (सं० ) करुणा, दया, सम्बन्ध, लगाव, प्रसंग से एक वाक्य के गे और वाक्य लगा लेना, प्रणय, मिलाप, मिलन | Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अनुषंगिक - वि० (सं० ) प्रसंगवशात, अन्य जोड़ा हुआ वाक्य, सम्बन्धी, कारुणिक, मिला हुआ । अनुष्टुप - संज्ञा पु० (सं० ) ३२ अक्षरों का एक वणिक वृत्त या छंद, अनुष्टुभ् -८ श्राठ वर्णों के चार समपाद वाला छंद - सरस्वती नामक छंद विशेष | अनुष्ठान - संज्ञा पु० ( सं० अनु - स्था + अनट् - प्रत्य० ) कार्यारम्भ, उपक्रम, नियमानुकूल कोई काम करना, शास्त्र - विहित कार्य करना, किसी अभीष्टफल के लिये किसी देवता का आराधन, प्रयोग, पुरश्चरण, सूचना, आचरण, कार्य । अनुष्ठान शरीर संज्ञा पु० (सं० यौ० ) लिंगदेह, शरीर । अनुष्ठित - वि० (सं० अनु + स्था + क्त ) श्रारब्ध, श्रचरित, जिसका आरम्भ हो चुका हो, आराध्य, प्रयुक्त | अनुष्ठेय - वि० (सं० अनु + स्था + य ) उपक्रान्त, कर्मारब्ध, किया जाने वाला, करने के योग्य | अनुसंधान - संज्ञा, पु० (सं० अनु + सं + धा -+- नट् ) पीछे लगना, खोज, ढूंढ़ना, सोचना, गवेषणा करना, अन्वेषण, चेष्टा, संधान करण, जाँच-पड़ताल, कोशिश, तहक़ीक़ात । अनुसंधानी - संज्ञा पु० (सं० ) अनुसन्धान या खोज या अन्वेषण करने वाला । For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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