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नृत्यशाला १०३६
नेजाल नृत्यशाला-संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं०) नाच-घर। | चलन ) सदाचारी, सुकर्मी, अच्छे चालनदेव, नृदेवता-संज्ञा, पु. यौ० (सं.)। व्यवहार का । संज्ञा, स्त्री० नेकचलनी। राजा, ब्राह्मण।
नेकनाम-वि. यौ० ( फा० ) अच्छे नाम नृप-संज्ञा, पु० (सं०) राजा, नरपति। वाला यशस्वी । संज्ञा, स्त्री० नेकनामी। नृपति, नपाल—संज्ञा, पु. (सं०) राजा, नेकनियत-वि. यौ० (फा० नेक+नीयत नरेश, नरपति, नृपालक ।
अ०) उत्तम या अच्छे विचार वाला, अच्छे नमेध-संज्ञा, पु. यौ० (सं०) नरमेध यज्ञ। । संकल्प का । संज्ञा, स्त्री० नेकनियती।। नृवराह-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) विष्णु का नेकी संज्ञा, स्त्री० (फ़ा०) भलाई, भलमंसी, बाराह अवतार ।
"उसने की नेकी तो लोग उसको बदी कहने नृशंस-वि० (सं०) निर्दय, दुष्ट, ऋर, अत्या- लगे"-ग़ालि० । (विलो०-बदी), चारी, उदंड ।
यो०-नेकी-बदी। नृशंसता-संज्ञा, स्रो० (सं०) निर्दयता, | नेक्ता-संज्ञा, पु० (सं०) पोषक, पालक । क्रूरता, निर्भीकता, उइंडता।
नेग-संज्ञा, पु० दे० (सं० नैयमिक ) व्याह नृसिंह-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) नरसिंह, सिंह
आदि में कर्मचारियों या सम्बन्धियों को रूपी भगवान, मनुष्यों में सिंह सा बीर। दिया गया धन, दस्तूरी । वि. नेगी। नहरि-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) नृसिंह नर.
नेगवार-संज्ञा, पु० (हि.) शुभकार्य में सिंह, नरहरि, नरकेहरि ।
धन पाने का अवसर । ने-प्रत्य० दे० (सं० प्रत्य० ट = एण)
नेगजोग- संज्ञा, पु. यौ० (हि. नेग 4- योग सकर्मक क्रिया के भूतकाल के कत्तों की
--- संयोग ) शुभकार्य में धन पाने का विभक्ति या चिन्ह ।
अवसर । वि० यो० नेगी-जोगी।
नेगटी *- संज्ञा, पु. (हि.) नेग की नेइँ-नेई-संज्ञा, स्त्री० (दे०) नींव, बुनियाद ।
रीति का पालन करने वाला। "दीन्हेसि अचल विपति के नेई"-रामा।
नेगी-संज्ञा, पु. दे. ( हि० नेग ) नेग पाने नेउछावरि-संज्ञा, स्त्री० (दे०) निछावरि,
वाला । “लछिमन होहु धरम के नेगी"न्यौछावर।
रामा० नेउतना-स० क्रि० दे० (सं० निमंत्रण) नेगी-जोगी- संज्ञा, पु. यौ० (हि ) नेग न्यौता देना, निमंत्रित करना । संज्ञा, पु० पाने वाला। (दे०) ने उता, न्यौता । स्त्री ने उतनी। नेकावर-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. ) निछानेउतहारि-नेउतहारी-संज्ञा, पु० दे० (हि.) वर, न्यौछावर । निमंत्रित लोग, न्यौतिहारी (ग्रा०)। नेजक --संज्ञा, पु. (सं०) रजक, धोबी, नेउला, नेउरा, नेउर-संज्ञा, पु० दे० (सं० परिष्कारक, शुद्ध करने या कपड़े धोने वाला। नकुल) नेवला । वि० (प्रांती०) बुरा, नेवर । नेजन-संज्ञा, पु० (सं०) परिकरण, शोधन । नेक-वि० (फ़ा०) अच्छा, भला, सज्जन । नेजा -संज्ञा, पु. (फा०) भाला, साँग, at-वि० दे० (हि. न+एक) तनिक, बरछा, निशान । थोड़ा, नैकु (व.)। कि० वि० (व.) नेजाबरदार-संज्ञा, पु. (फा०) भाला, बरछा तनिक थोड़ा । “नैक कही बैननि अनेक या निशान या झंडा लेकर चलने वाला। कही नैननि सों"-रत्ना० ।
नेजाल -संज्ञा, पु० दे० (फा० नेजा) नेकचलन-वि० दे० यौ० (फ़ा० नेक---हि. बरछा, भाला।
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