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अनुमान
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अनुराध अनुमान -संज्ञा, पु. ( सं० ) अटकल, | धमकी, घुड़की, तिरस्कार, आक्षेप, प्रश्न, अंदाज़ा, कयास, न्याय के चार प्रमाण- जिज्ञासा, निंदा, शिक्षा, उपदेश, प्रबोध, भेदों में से एक, जिपसे प्रत्यक्ष साधन के ब्रह्मासन । द्वारा अप्रत्यक्ष साध्य की भावना हो, तर्क, अनुयोगकारी---वि. पु. (सं० ) तिरस्काअनुभव, बोध, हेतु के द्वारा निर्णय, विचार. रक, आक्षेपक, प्रश्नकर्ता। कल्पना, एक प्रकार का काव्यालंकार जिसमें अनुयोगी-वि० पु. ( सं० ) निंदित, किसी साधन रूपी ज्ञात वस्तु के अाधार तिरस्कृत । पर तत्सदृश या तत्संबन्धी अन्य वस्तु की अनुयोजक-संज्ञा, पु० (सं० ) उपदेशक, भावना प्रकट की जावे. ( काव्य-शास्त्र)। अनुयोगकारी। अनुमानना *----स० क्रि० (सं० अनुमान ) अनुयाजन--संज्ञा, पु. (सं० ) प्रश्न, अनुमान करना अंदाजा करना, समझना, जिज्ञासा, पूछपाछ। सोचना विचारना, कल्पना करना, अटकल अनयाज्य-- वि० ( सं० ) अनुयोगाई, लगाना।
अाज्ञाप्य, निंदनीय, श्राक्षेप के योग्य । " हम तौ न जानै अनुमानै एक मानै यहै" अनुरंजन--संज्ञा, पु. (सं० ) अनुराग,
-रत्नाकर। प्रीति. दिल बहलान, मनोरंजन । " जाके जितनी बुद्धि हिये मैं सो तितनी अनुरंजनीय - वि० (सं० ) अनुरंजन के अनुमानै "--सूबे० ।
योग्य । अनुमापक-संज्ञा, पु० (सं० ) निणयक, अनुरंजक -- वि० (सं० ) प्रसन्न करने
अनुमान का हेतु निश्चय का कारण । वाला, मनोरंजक । अमित---वि० ( सं० ) अनुमान किया। अनुरजित-वि० (सं०) अनुरक्त, अनुरंजनहुअा।
युक्त, प्रसन्न, सानुराग, रँगा हुआ। अनु मनि--संज्ञा, स्त्री० ( सं० ) अनुमान, अनुरक्त--वि० ( सं० ) अनुराग-युक्त, अंदाज।
आसक्त, लीन, रत, प्रेमी, प्रेमाभिभूत । अनुमेय-वि० ( सं० ) अनुमान के योग्य । अनुरत--वि० (सं०) श्रापक्त, लीन । अनुमोदन - संज्ञा, पु० (सं० । प्रसन्नता का अनुराग--संज्ञा, पु० (सं० ) प्रीति, प्रेम, प्रकाशन, खुश होना, समर्थन, सन्तोष- | स्नेह, ममता, आसक्ति, रति, प्रशंसा, थोड़ी प्रकाश, सामोद सम्मति, प्रवृत्ति-प्रदान, लालिमा। प्रसन्नता पूर्वक स्वीकारता, आमोद करण । अनुगगना* -- स० कि० (सं० अनुराग) अनुमादित--वि० ( सं० ) अनुमत, प्रोति करना, प्रेम में मग्न होना, प्रेम करना,
आमोदित, पालादित, प्रसन्न, सन्तुष्ट, प्रसन्न होना लीन या रत होना, -- “गारिसमर्थित, स्वीकृत, सम्मत ।
गान सुनि अति अनुरागे रामा० । अनुमादक- वि० ( सं० ) अनुमोदन करने " बचन सुनत पुरजन अनुरागे"- रामा० वाला, समर्थक, सम्मति प्रकाशक । अनुगगी-वि० (सं० अनुरागिन ) अनुअनुयाया- वि० ( सं० ) अनुयायिन्, राग रखने वाला, प्रेमी, अनुरक्त, स्त्री० अनुगामी, पीछे चलने वाला, अनुकरण अनुगगिन'। " या अनुरागी चित्त की करने वाला, संज्ञा, पु० सेवक, शिष्य, अनु- । गति समुझ नहिं कोय'-बि० । वर्ती, अनुपारी, दास।
अनुराध-संज्ञा, पु. ( सं० ) विनती, अनुयोग- संज्ञा, पु. ( सं० ), ताड़ना, | विनय, प्रार्थना।
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