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म
माती)
निधींज
१०२२
निवारक जड़ अनेक विष-दोषों के मिटाने में काम निलीन वि० (सं०) गुप्त, प्रच्छन्न, तिरोहित,
पाती है, जदवार (प्रान्ती०)। __ गूढ, बहुत ही छिपा हुआ। निधीज-वि० (सं.) बीज-रहित, बिना बीज | निवर-वि० (सं०) निर्णय-कर्ता, निवारण के, कारण रहित । दे० (सं० निर्वीर्य) कर्ता, बचानेवाला। नपुंसक, अशक्त।
निधरा-वंज्ञा, स्त्री. (सं०) कुमारी कन्या, निर्वीर-वि० (सं०) वीर विहीन, बिना वीर अविवाहिता।
के । संज्ञा, स्त्री निर्वीरता । “निर्वीर- | निवर्तन-संज्ञा, पु. (सं०) रोकना, लौटना, मुर्वीतलम्'-ह. ना।
वापिस या फिर पाना । नि/र्य-वि० (सं०) वीर्य-रहित, पौरुष या
निवसन - संज्ञा, पु० (सं० निस् + वसन) गाँव, बल रहित, कमजोर, निस्तेज।
घर, वस्त्र, कपड़ा। निर्वृति-संज्ञा, स्त्री० (सं०) सिद्धि, निष्पत्ति,
निवसना-अ. क्रि० (सं० निवसन) निवास
करना, रहना, टिकना। वृत्ति-रहित । संज्ञा, स्त्री० (सं०) निर्वृत्तिक । निर्वेद-संज्ञा, पु. ( सं०) अपनी अवज्ञा,
निवह संज्ञा, पु० (सं०) समूह, यूथ, झुण्ड, अपना अपमान, श्रात्मावहेलना, एक संचारी
सात वायु में से एक ।
निवाई - वि० दे० (सं० नव) नूतन, नवीन, भाव (काव्य०)।
नया, विलक्षण, अनोखा । निर्वैर-वि० (सं०) बैर-रहित, अजातशत्रु ।
निघाज़- वि० (फा०) कृपा, दया, मेहरबान, निळलीक-वि० (सं०) निष्कपट ।
दयालु, निवाजू, नेवाज (दे०) “गयी बहोर निर्व्याज- वि० (सं० ) छल-रहित, बाधा
गरीब निवाजू", "बनहुँ गरीब निवाज" । हीन, निष्कपट, बिना बहाने के।
निवाजना-२० क्रि० दे० (फा० निवाज़ निर्व्याधि- वि० (सं०) व्याधि-रहित, अरोग,
कृपा, दया या अनुग्रह करना, मेहरवानी निरोग।
करना, नेवाजना (दे०)। निहरण-वि० (सं०) शव-वहिष्करण, मृतक | निवाजिश-संज्ञा, स्त्री० (फा०) कृपा, अनुग्रह। या श्ररथी या मुर्दा निकालना।
निवाडा-- संज्ञा, पु० (दे०) छोटी नाव, नाव निर्हेत-वि० (सं०) कारण रहित,निष्प्रयोजन। | का एक खेल जिसमें नाव को बार बार निर्हेतुक-वि० (सं०) निष्प्रयोजन, अकारण, | चक्कर देते हैं, नाव-नवरिया, नावा (ग्रा०) निष्कारण ।
निवात-संज्ञा, पु. (सं०) वह स्थान जहाँ नित्न-संज्ञा, पु० (सं०) विभीषण का मन्त्री,
वायु न पा सके, वायु-रहित । अव्य० (अं०) शून्य, कुछ नहीं।
निवात-कवच-संज्ञा, पु. यौ० (सं०) प्रह्लाद निलज्ज-वि० दे० (सं० निर्लज ) निर्लज, बे का पुत्र, एक दैत्य जिसके नाम से उसके शरम, निलाज (दे०)।
वंशज भी प्रसिद्ध हुये, जिन्हें अर्जुन ने नाश निलजता --- संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० निलज्जता) किया था। निर्लज्जता, बेशरमी।
निवार--संज्ञा, पु० दे० (फा० नवार) निवाड़ा, निलजी -वि. स्त्री० दे० (हि. निर्लज) नेवार, मोटे सूत की पट्टी जिससे पलँग निर्लज्ज, बेशरम स्त्री।
बुनते हैं, निवौड़ (दे०) । संज्ञा, पु० (सं० निलय-संज्ञा, पु. (सं०) स्थान, घर, मकान । सोवार) एक प्रकार के धान, तिनीधान ।। निलहा-वि० (हि. नील) नीलवाला, नील- निवारक-वि० (सं०) हटाने या दूर करने सम्बन्धी, नील का व्यापारी।
। वाला, रोधक, रोकने या मिटाने वाला ।
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